पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति बनाने की प्रशासनिक पहल
1 min read- मुड़ागांव (कोरासी)
गरियाबंद जिले के वि.ख.छुरा अन्तर्गत ग्राम मड़ेली में जिला कलेक्टर के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला गरियाबंद के मार्गदर्शन में बच्चों के अधिकार और संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर अनुश्रवण, बाल अधिकार को प्रभावी करने और उन्हें सहयोग प्रदान करने के लिए ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सभी जिलों को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसके आधार पर उपायुक्त कार्यालय से भी सभी प्रखंडों को आदेश जारी कर इसे प्रभावी करने का निर्देश दिया गया है।
प्रखंडों में इस कार्य की जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को दी गई है। बाल विकास परियोजना कार्यालय से प्रखंड के सभी मुखिया और आंगनबाड़ी सेविका को इसके गठन की जिम्मेवारी दी गई है। मुखिया ग्राम स्तर पर ग्राम सभा आयोजित कर विभाग की ओर से जारी निर्देशों के आधार पर समिति का गठन करेंगे। अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए राज्य बाल संरक्षण ईकाई और जिला बाल संरक्षण ईकाई का गठन किया है।
किशोर न्याय बालकों की देख रेख एवं सरंक्षण के अनुसार जिला, प्रखंड और ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समितियों की स्थापना की गई। प्रावधानों के अनुरूप समेकित बाल संरक्षण याेजना के अनुसार 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के शिशु के सर्वांगीण विकास के लिए समुदाय स्तर पर एक सुरक्षा कवच नर्मित करने, बाल संरक्षण के लिए उचित परिवेश का निर्माण करने, बच्चों को हिंसा और दुर्व्यवहार से बचाने, उचित पालन और देख रेख की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला, प्रखंड, पंचायत और ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा। समिति समुदाय आधारित बाल संरक्षण तंत्र को मजबूत करने के लिए कार्य करेगी।
क्या करेगी समिति समिति कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के परिवार, नए आने वाले बच्चों और गांव से बाहर गए बच्चों का सामाजिक मानचित्रण करेंगी। आंगनबाड़ी केंद्र सामाजिक मानचित्रण करेंगी। आंगनबाड़ी केंद्र और विद्यालयों में उपलब्ध बच्चों को चिन्हांकित कर सूची तैयार करेगी। ताकि इनपर विशेष ध्यान रखी जा सके। अद्यतन सूची को प्रखंड और जिला भेजी जाएगी। समिति बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण संबंधी विषयों पर कार्य करेंगी।ग्राम स्तर पर बाल श्रम,बाल यौन शोषण,पलायन, ट्रैफिकिंग मानव व्यापार,बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लगाने में सक्रिय पहल करेंगी। आवश्यक पड़ने पर किशोर पुलिस ईकाई या संबंधित थाना को तत्काल कार्यवाही के लिए सूचित करेगी।
श्री मति चित्रलेखा ध्रुव (आंगनबाड़ी सेविका मंड़ेली) ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि होगें समिति के अध्यक्ष। जिसमें सदस्य के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दो सदस्य 10 से 19 से वर्ष के अंदर, स्वसहायता समूह एक, विद्यालय प्रबंधन समिति से एक महिला, और एक पुरुष, चयनित सामाजिक कार्यकर्ता, सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक या मनोनीत शिक्षक और उस गांव से नि:शक्त प्रतिनिधि इनके सदस्य होंगे। बाल संरक्षण समिति का मुख्य उद्देश्य – बाल मजदूरी,बाल विवाह,बाल व्यपार,बाल पलायन,शिशु मृत्यु दर, बच्चों और अभिभावक का सामंजस्य और बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ आदि पर महत्वपूर्ण विचारों के साथ- साथ समेकित योजना महत्व पर काम करने की बात कही।
ग्राम पंचायत मड़ेली बाल संरक्षण समिति के सदस्यों के नाम
१.श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर (अध्यक्ष)
२.— अम्बिका सोनी (सचिव)
३.श्री कल्याण सिंह यदु(सदस्य)
४. ममता ध्रुव (सदस्य)
५.समुन्दा सिन्हा (सदस्य)
६.कु. पल्लवी निर्मलकर(सदस्य)
७.खुमेश साहू (सदस्य)
८.चित्रलेखा ध्रुव (सदस्य)
९.नीरा ठाकुर (सदस्य)
१०.ऊर्वसी नन्दे(सदस्य)
११.निर्मला ध्रुव (सदस्य)