बीहड पहाड़ियों के उपर चौकसील पहाडी में पूजा अर्चना के पहाडीबाद पहुंचने लगे है देवी देवताओं की सवारी
- आज शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीेचे देवी देवताओं की पुजा अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली की करते हैं कामना
- रामकृष्ण ध्रुव। मैनपुर
मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किमी दूर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के घंने जंगल पहाड़ी के उपर चौकसील गढिया माता के दरबार मे आज शरद पूर्णिमा के दिन दशहरा पुन्नी मेला का शुभारंभ किया गया, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते शासन के निर्देशानुसार कोविड – 19 का पालन करते हुए आसपास के कुछ ग्रामो के लोग ही इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे है। पूर्व वर्षो में यहा लगने वाले मेला में प्रदेश के कोने कोने से हजारों की संख्या में लोग पहुचते थे लेकिन इस वर्ष समिति के द्वारा ही पारम्परिक धार्मिक त्यौहार को मनाने के लिए आज शुक्रवार को शरद पूर्णिमा के अवसर पर पुजा अर्चना कर दशहरा मेला का शुभारंभ किया गया जिसमें आसपास ग्रामो से देवी देवताओं की शवारी पहुची और देवी देवताओं की स्वागत किया गया है। आज शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे बरसते अमृत धार के बीच अपने मान्यता अनुसार देवी देवताओं की पुजा अर्चना कर क्षेत्र में सुख शांति समृध्दि और खुशहाली की कामना करेंगे। वहीं आज शुक्रवार को मैनपुर देवभोग मुख्य मार्ग पर स्थित बम्हनीझोला से कच्ची सड़क व पहाड़ी वाले दूर्गम मार्ग से होते हुए बडी संख्या में लोग पैदल, टैक्टर, जीप व अन्य साधनो से चौकसील देर रात तक पहुंचते रहे।
आयोजक समिति के संरक्षक टीकम सिंह नागवंशी अर्जुनसिंह नायक, ने बताया कि विजयदशमी पर्व के बाद शरद पूर्णिमा से तीन दिनो तक यहां झांकर पुजारी बैगा सिरहा सम्मेलन का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते शासन के निर्देशानुसार यहा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें आसपास ग्राम के लोग शामिल हो रहे है यहा वर्षो से माता के दरबार में पुजा अर्चना किया जाता है, और क्षेत्रभर के देवी देवताओं की शोभायात्रा डांग डोली यहा पहुचती है जंहा विचार गोष्ठी के साथ आदिवासी संस्कृति और सभ्यता रहन सहन के रितिरिवाज के बारे में लोगो को जानकारी दिया जाता है ।
- चौकसील पहाडी को पर्यटन स्थल घोषित करने के साथ यहा पहुचने वाले पर्यटकों व श्रध्दालुओं के लिए सुविधा उपलब्ध कराने की मांग
क्षेत्र के प्रसिध्द धार्मिक स्थल चौकसील पहाड़ी के उपर गढ़िया माता के दरबार मे हर वर्ष दशहरा पर्व के पुन्नी के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है जंहा, 52 गढ़ बारह पाली के लोगो चैक सील पहाड़ी के उपर गढहिया माता, माता कुलेश्वरी, बारह पाली के देवी देवताओ की विशेष पूजा अर्चना कर कर क्षेत्र में सुख शांति समृध्दि की कामना करते है, वर्ष में एक बार दशहरा पुन्नी के अवसर पर यहा मेला का आयोजन किया जाता है। इस मेला का खासियत यह है कि यहा बिजली नही है बावजूद इसके हजारों लोगो की भीड़ खुले आसमान के नीेचे पहाडी के उपर चन्द्रमा की दुधिया रौशनी में मेला का आयोजन होता है यह प्रदेश का पहला मेंला स्थल होगा जंहा बगैर बिजली के मेला का आयोजन किया जाता है।तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किलोमीटर दुर उदंती अभ्यारण्य के भीतर बम्नीझोला से कच्ची मार्ग व पहाडी वाले मार्ग से होते हुए चौकसील पहुंच जाता है। चौकसील की खासियत यह है कि यह पहाड के उपर एक विशाल पत्थर है, जो लगभग 05 से 06 किलोमीटर क्षेत्रफल मेें फैला हुआ है। और पहाडी के उपर इसी पत्थर में मेला का आयोजन किया जाता है, जंहा पहुचने के लिए ग्रामीणों के द्वारा कच्ची सडक का निर्माण किया जाता है, यहा पुरे प्रदेशभर से बडी संख्या में आदिवासी समाज के लोग व देवी देवता पहुंचते है। देवी देवताओं का मेला और सौर्य प्रदर्शन को देखने के लिए विशेष भींड ईक्कठा होती है जंहा आदिवासी विचार गोष्ठी झांकर, बैगा, सिरहा, पुजारी सम्मेलन का विशेष आयोजन किया जाता है।
चौकसील तक पक्की सडक, पेयजल सुविधा , विश्राम गृह सामुदायिक भवन के साथ पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग
मैनपुर उंदंती अभ्यारण्य के भीतर बसे बीहड जंगल में चौकसील प्रमुख धार्मिक स्थल में विशेष पुजा अर्चना का आयोजन किया जाता है, और खासकर आदिवासी समाज के लोगो का यह आस्था का केन्द्र है। प्राकृतिक मनोरम दृश्यि से परिपूर्ण चारो तरफ खुबसुरत जंगल हरियाली और खासकर बारिश के दिनों में चारो तरफ वाटरफाॅल यहा का मनोरम दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह पर अनेक प्रकार के दुर्लभ वन्यप्राणी भी आसानी से दिखाई देते है क्षेत्र के ग्रामीण बताते है।बांकी दिनो में एकांत स्थल होने के कारण इस चौकसील में वन्य प्राणी स्वतंत्र विचरण करते रहते है इन दिनों चौकसील की प्राकृतिक सुन्दरता काफी लोगो को प्रभावित कर रहा है जंहा एक ओर यह धार्मिक आस्था का केन्द्र है वही दुसरी ओर प्राकृतिक प्रेमियों को भी अपनी ओर रिझाता है चौकसल तक पक्की, पेयजल सुविधा, विश्राम गृह, सामुदायिक भवन सहित मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराते हुए इस स्थल को प्रयर्टन स्थल घोषित करते हुए यहा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग क्षेत्र के लोगों ने किया है ।