Recent Posts

December 25, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बाद जीत हार को लेकर लगने लगा कयास भीतरघातियों से कांग्रेस -भाजपा परेशान 

1 min read
  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • कांग्रेस और भाजपा के नेता अलग अलग क्षेत्रों से रूझान लेने लगे, दावा -प्रतिदावा के साथ भावी नतीजों को लेकर लग रही है शर्त , चर्चा के बीच होने लगी विवाद
  • बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 10 साल बाद कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी फिर हुए एक बार आमने-सामने
  • भाजपा के गढ़ बिन्द्रानवागढ़ को सुरक्षित रखने में क्या मिलेगा कामयाबी या फिर कांग्रेस की लहराएगी परचम
  •  चुनाव परिणाम 03 दिसंबर का लोगों को है बेसब्री से इंतजार , चौक चौराहा में चुनावी नतीजे को लेकर ही चर्चा

गरियाबंद। विधानसभा चुनाव में अब मतदान के बाद गरियाबंद जिले के बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र पर जीत और हार को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। चुनाव में प्रत्याशी रहे सभी नेता अपने अपने समर्थकों से क्षेत्रवार मतदान और अपनी स्थिति की जानकारी जुटा रहे है, उम्मीदवारों को इस बात की डर है कि भीतरघातियों ने रातों-रात कहीं अपना खेल तो नहीं कर दिया, क्यों कि अभी से कहीं कहीं उन्हे धोखे की खबर मिल रहा है तो कही उनके खसम खास समर्थक रातों रात पाला बदलने की जानकारी मिल रही है।

इस बीच भावी चुनावी नतीजों को लेकर कांग्रेस और भाजपा समर्थकों को शर्त लगाने की भी होड़ मची हुई है। शुक्रवार को मतदान खत्म होने के साथ ही बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक माहौल बदल सा गया है। होटल, चाय दुकानों, पान की दुकानो और गांव की चौपालों में समुह में बैठे आम नागरिक से लेकर कांग्रेस भाजपा व विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता नेता व समर्थक अपने अपने आंकड़े बताकर जीत -हार का दावा प्रतिदावा कर रहे हैं। साथ ही चुनाव लडने वाले ऐसे प्रत्याशी जो किसी दल से सबंध नही रखते उनके नतीजों पर भी चर्चा चौपाल में हो रही है। चौपालों में कभी ठहकों के स्वर सुनाई देते है तो कभी एक दुसरे को ताने मारते नजर आ रहे हैं। कही कही तो हार और जीत के दावे को लेकर विवाद की स्थिति भी निर्मित होेते देखा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के कई समर्थक मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के नेतृत्व मे हुए विकास कार्यो के आधार पर फिर से सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, तो भाजपा के समर्थक अपने संकल्प पत्र का हवाला देकर जीत के लिए आस्वत नजर आ रहे हैं।

  • क्या भाजपा के गढ़ बिन्द्रानवागढ़ को भाजपा बचाने में कामयाब होगी या फिर कांग्रेस 15 साल बाद लहरायेंगे परचम 

बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है और लगातार पिछले तीन चुनाव से यहा भाजपा के विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। क्षेत्र में सांसद को भी लगातार बढत मिला है भाजपा से ही सांसद चुने जा रहे हैं। ऐसे में क्या भाजपा अपने इस बिन्द्रानवागढ़ किला को चौथी बार बचाने में सफल होंगे या फिर कांग्रेस की परचम लहराएगा। इसे अभी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि नतीजा 03 दिसम्बर को आना है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में काफी रोचक मुकाबला देखने को मिला 10 वर्ष पहले जो प्रत्याशी मैदान में थे उन्ही प्रत्याशियों को एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा ने विश्वास कर मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा से आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जनक ध्रुव को अपना प्रत्याशी बनाया जनक ध्रुव सन् 2013 में खेल अधिकारी के नौकरी को छोड़कर राजनीति में आये थे बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र और राजनीति में नये थे। लिहाजा भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी ने 2013 मे बडी जीत दर्ज करते हुए रिकार्ड मत 30536 मतों से हराया था लेकिन पिछले 10 वर्षो में कांग्रेस के जनक ध्रुव ने क्षेत्र के जनता के बीच अपनी अच्छी पैठ बना लिया। लगातार बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र में सक्रिय रहे, जिसके कारण उन्हे कांग्रेस पार्टी ने 2023 के चुनाव में फिर एक बार मौका दिया है तो वही दुसरी वही दुसरी ओर भाजपा के गोवर्धन मांझी 2013 में कांग्रेस के जनक ध्रुव को पछाड़कर जीत दर्ज किया और संसदीय सचिव चुने गये, गोवर्धन मांझी काफी अनुभवी और राजनीति के मंजे हुए नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनके समर्थकों के फौज पुरे बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में है और तो और विपक्ष पार्टी के सदस्यों से भी उनका अच्छा संबध है। 10 वर्ष बाद कांग्रेस ने फिर एक बार जनक ध्रुव और भाजपा ने गोवर्धन मांझी को चुनाव मैदान में उतारा है। दोनों प्रत्याशियों का 10 वर्ष पहले आमना सामना हो चुका है।

  • कांग्रेस और भाजपा दोनो ही प्रमुख पार्टियों को भीतरघातियों से नुकसान की संभावना

विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनो ही प्रमुख पार्टियों को भीतरघातियों से नुकसान की भारी संभावना है क्योंकि टिकट वितरण के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनो ही पार्टी ने भारी बगावत के सुर देखने को मिला। हालांकि भाजपा ने अपने असंतुष्ट नेता जो पार्टी से त्यागपत्र देकर दुसरे पार्टी से नामांकन भर चुके थे उन्हे मनाने में कामयाब हुए लेकिन अभी भी भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं व नेताओं का मानना है कि भीतरघात न किया गया हो तो भाजपा की इस अभेद किला सुरक्षित रहेगी, तो वही दुसरी ओर कांग्रेस में भी टिकट वितरण के बाद मचे नाराजगी के बाद भीतरघातियों से भारी नुकसान होने की संभावना है। लगातार कांग्रेस के रणनीतिकार यह दावा कर रहे हैं कि भीतरघातियों ने अपना खेल चुनाव के तीन दिन में ही खेल दिया है जो नतीजे के रूप में सामने आ सकता है।

  • मतदाता खामोश चुनाव परिणाम को लेकर उलझन

मतदान के बाद बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र के देवभोग, इदागांव, उरमाल, गोहरापदर, झाखरपारा, अमलीपदर, झरगांव, तेतलखुंटी, शोभा, गौरगांव, मुडगेलमाल, कोदोभाठा, मटिया, धवलपुर, नवागढ, जोबा, दर्रीपारा , कोसमी, मदनपुर, रूवाड, रसेला, कनसिंघी क्षेत्र में कईमतदाताओं से चर्चा किया गया लेकिन मतदाता इस बार मतदान के बाद अपना पत्ता नहीं खोल रहे हैं, जिसके कारण राजनीतिक रणनीतिकार भी उलझे पड़े हुए हैं।

  • भाजपा के चुनाव संचालक रामकुमार साहू ने कहा बिन्द्रानवागढ़ में भाजपा की जीत निश्चित है

भाजपा बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। भाजपा से नियुक्त चुनाव संचालक एंव भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉक्टर रामकुमार साहू ने कहा कि बिंद्रानवागढ़ भाजपा का गढ़ है और बिन्द्रानवागढ की जनता हमेशा से भाजपा के साथ है भाजपा पर विश्वास करती है, जिसके कारण भाजपा यहा भारी बहुमत के साथ जीत रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी धान खरीदी में कांग्रेस की तुलना में प्रति एकड़ एक हजार रुपये ज्यादा और किश्तों के बजाए एक मुश्त भुगतान, महिला वंदन योजना के साथ-साथ मोदी की गारंटी पर मतदाताओं ने भाजपा पर पुनः भरोसा जताया है।

  • कांग्रेस जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू ने किया बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में जीत का दावा

गरियाबंद जिला कांग्रेस अध्यक्ष भावसिंह साहू ने दावा किया है कि इस बार बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जीत होगी श्री साहू ने कहा कि भूपेश सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के साथ-साथ किसान, मजदूर, बेरोजगार के लिए बेहतर योजनाएं चलाई नई सरकार में फिर से किसानों की कर्ज माफी, 3200 रुपये में धान खरीदी के अलावा महिला समूह के लिए ऋण माफी का एलान किया, आम मतदाताओं ने कांग्रेस पर फिर से भरोसा जताया है।