अंगदान के प्रति अलख जगा इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स का हिस्सा बना माममं
1 min readमाममं राउरकेला शाखा की पहल पर स्मार्ट सिटी की स्मार्ट रैली में मारवाड़ी महिला मंच की स्मार्ट महिलाएं
समाज की बुजुर्ग महिलाओं ने उत्साहपूर्वक अंगदान रैली में भाग ले तकर रैली के गंतव्य तक पैदल चली
अंगदान है महादान है, जिसने दे दिया अंगदान समझो हो गए उसके चारों धाम का शहरवासियों को संदेश
राउरकेला। अंगदान के प्रति एक ही दिन पूरे देश में अलख जगा कर कीर्तिमान बनाने वाले अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन का इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज हो गया है और इस कीर्तिमान का हिस्सा सम्मेनल की राउरेकला इकाई मारवाड़ी माहिला मंच के बनने में मंच की सदस्यों में हर्ष है और सभी गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। मारवाड़ी महिला मंच की राउरकेला शाखा की अध्यक्ष इंदू अग्रवाल ने बताया कि अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन और मारवाड़ी महिला मंच राउरकेला शाखा के लिए 31 अगस्त 2019 ऐतिहासिक दिन के रुप में जाना जाएगा।
इसी दिन राष्ट्रीय पटल पर एक साथ संपूर्ण राष्ट्र में अंगदान जागरूकता अभियान के तहत रैली निकालने के लिए जन जन तक यह संदेश पहुंचाने के लिए जाना जाएगा। स्मार्ट सिटी राउरकेला में अंगदान रैली प्रात: 11:00 अट हनुमान वाटिका प्रांगण से निकल कर हाईटेक हॉस्पिटल तक बड़े धुमधाम से पूरे जोश के साथ पहुंची।मारवाड़ी महिला मंच राउरकेला शाखा अध्यक्ष ने इंदू अग्रवाल ने बताया कि अंगदान रैली का मुख्य उद्देश्य था कि एक ही दिन एक विषय पर पूरे राष्ट्र में एक साथ रैली द्वारा एक संदेश जाए और लोग अंगदान के लिए आगे आएं।
यह रैली इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में भी दर्ज हो इसीलिए हमने उनके मानकों के हिसाब से निकाली। हमने रैली का श्रीगणेश एक महिला के हाथ वाल क्लाक के साथ फोटो खिचवा कर हमारी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा जी खेतान ने हरी झंडी दिखाया। ठीक उसी तरह रैली के समापन पर भी घड़ी के समाप्ति समय की तस्वीर ली गई। सभी उपस्थित सदस्यों का हस्ताक्षर एक फार्म पर लिया गया। उस फार्म को चार्टर एकाउंटेंट द्वारा सत्यापित कर प्रान्त को भेजा गया।रिकार्ड्स हेतु जिन जिन मानकों का हमें निर्देश मिला था उन्हें पूरा कर प्रान्त भेजा गया। यह रैली हमने अंगदान है महादान है,जिसने दे दिया अंगदान समझो हो गए उसके चारों धाम और साथ ही अंगदान के मधुर गीत की धुन के साथ निकाली गई।स्मार्ट सिटी की मंच की स्मार्ट महिलाओं और बुजुर्गों का जोश काबिले तारीफ रहा। सारी बुजुर्ग महिलाएं भी गंतव्य तक पैदल गई। दान यूं ही हमारे देश में पुर्व प्रचलित परम्परा है। कौन भूल सकता है कर्ण द्वारा कवच कुण्डल का दान और महर्षि दधिचि का अस्थि दान भारत भुमि दानवीरों से भरी पड़ी है। हम तो केवल पुनरावृत्ति कराना चाहते हैं कि अंगदान का संदेश जन-जन तक पहुंचे। बहुूमूल्य एक एक अंग द्वारा कितनी जिÞंदगियां बचाई जा सकती है।अंत में बड़े हर्ष के साथ मैं बता रही हूं कि हमारा ही नहीं पूरे राष्ट्र की मेहनत रंग लाई अब अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन का नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में अंकित हो गया है। मैं सभी बुजुर्गों और उपस्थित महिलाओं का जिन्होंने इस नेक कार्य के प्रचार प्रसार का बीड़ा उठाया है उनका धन्यवाद और आभार प्रगट करती हूं।