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October 19, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

और कितनी निर्भया देख कर जागेंगे हम

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And we will wake up after seeing how fearless
And we will wake up after seeing how fearless

हिंसा से मुक्त बराबरी का जीवन जीने का अधिकार

रायपुर । सम्मान के साथ जीने का अधिकार , जीवन के अधिकार में शामिल हैं, जिसे भारत का संविधान हर नागरिक के लिए सुनिश्चित करता है। महिलाओं को भी मानव होने की स्वाभाविक गरिमा तथा किसी भी प्रकार की हिंसा से मुक्त बराबरी का जीवन जीने का अधिकार है।

पर पितृसत्तात्मक समाज शुरुआत से ही महिलाओं को इस अधिकार से वंचित करता आ रहा है । सरकार, संस्थाएं और समाज सभी महिलाओं के बराबरी के जीवन से भयभीत हैं। पितृसत्ता की ओर झुकी हुई हैं। जिसका परिणाम भ्रूण हत्या , घरेलू हिंसा, दहेज हत्या , एसिड अटैक और बलात्कार के रूप में हमारे सामने है। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं। पर इसके ठोस समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

And we will wake up after seeing how fearless

बलात्कार महिलाओं के खिलाफ होने वाला सर्वाधिक हिंसक अपराध है, जो उनकी शारीरिक अखंडता को नष्ट करता है, सामाजिक संबंधों के उनकी विकास की क्षमता को बाधित कर उनके जीवन व जीविका को प्रभावित करता है। निर्भया से रोजा और फिर प्रिंयका तक गैंग रेप और बलात्कार बढ़ते जा रहे हैं । इन सबसे लड़ने के लिए सभी तबकों को अपने स्तर पर कार्य करने की जरूरत है।

सबसे पहले तो ऐसे जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को दंड देना आवश्यक होता है, वहीं पीड़ित महिला को गरिमा तथा आत्मविश्वास के साथ जीने में मदद करने की आवश्यकता होती है। ताकि वह महिला एक गरिमापूर्ण व सार्थक जीवन जी सके। जिसके लिए हम सभी ‘ ‘वीमेन आर ह्यूमन’ के प्रमुख सदस्य मनप्रीत बग्गा, जिया गोस्वामी, आकृति सिंह, प्रियंका शुक्ला,पूनम और जागरूक लोग मशाल मार्च करके अपनी मांग महामहिम राज्यपाल के पास रखने जा रहे हैं –
1.स्कूलों में सभी को जेंडर शिक्षा दिलाई जाए ।

  1. सरकार द्वारा सभी स्कूलों में लड़कियों को सेल्फ प्रोटेक्शन की ट्रेनिंग दी जाए ।
  2. महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के लिए राज्य सहित पूरे देश में विशेष कोर्ट बनाए जाएं ।
  3. शहर के कोने कोने में सुरक्षा के लिए पैनिक बटन हों
  4. सभी महिलाओं को Online FIR करने का अधिकार मिले
  5. बलात्कर होने पर जिले स्तर में sp और कलेक्टर की जिम्मेदारी तय हो उनके CR पर इसका फर्क पड़े ।
  6. समाज के स्तर पर अपराधियों की पहचान कर उनका सार्वजनिक बहिष्कार किया जाए ।

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