भरतपुर खदान के मलवे से एक और लाश मिली
1 min readग्रामीण आंदोलनकारी अपनी मांग पर अडे
त्रिपक्षीय बैठक बेनतिजा, एनटीपीसी कनिहा के चार यूनिट बंद
संबलपुर। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के भरतपुर खदान में बचाव और तलाशी अभियान में आखिरकार खदान में फंसे डी।के।दाना सुरक्षा एजेंसी के ठेकेदार श्रमिक श्री रमेश दाश की लाश सोमवार को मिली है। सुबह एमसीएल कर्मचारियों समेत श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने उपजिलाधीश से मुलाकात की और तालचेर कोलफील्ड्स में सामान्य स्थिति लाने और एमसीएल की अन्य अप्रभावित 8 खदानों से कोयला उत्पादन शुरू करने के लिए एक अनुरोध पत्र सौंपा। इसके उपरान्त उप जिलाधीश के कार्यालय में आन्दोलनकारी ग्रामीण, एमसीएल के महाप्रबंधकों एवं उप जिलाधीश के बीच एक त्रिकोणीय बैठक हुई।
उक्त बैठक में ग्रामवासियों ने प्रत्येक परिवार वर्ग को 1।00 करोड़ रुपये एवं एमसीएल में स्थाई नियुक्ति की मांग पर अडे रहने पर बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका। गौरतलब हो कि एक ऐसी घटना एक अन्य सीपीएसयू में हुई थी, जहॉं प्रदर्शनकारियों ने ठेका श्रमिक के रूप में नौकरी के अलावा कमर्चारी मुआवजा अधिनियम के अनुसार मुआवजे के लिए सहमति हो गए थे। एक उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की सिफारिशों के तहत एमसीएल ने एक ठेकादार श्रमिक के अधीन नौकरी के अलावा कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के अनुसार मुआवजा देने के लिए प्रस्ताव दिया था जो कि किसी भी पीएसयू में दिए गए ठेको श्रमिकों की नौकरी से बहुत अधिक है। तालचेर कोलफील्ड्स के लगभग 40,000 लोगों की आजीविका को प्रभावित ही नहीं किया वल्कि तालचेर के ग्रामीणों के विकास के लिए सीएसआर व जिला खनिज निधि (डीएमएफ) को भी प्रभावित किया। तालचेर कोलफील्ड्स नाकाबंदी के कारण बिजली घरों की यूनिट बंद हो गई हैं जो शुष्क इंधन की आपूर्ति पर निर्भरशील थे। एनटीपीसी कनिहा अपने छह यूनिट में से चार यूनिट को बंद करने के लिए मजबूर हो गया है, जबकि तालचेर थर्मल पावर प्लांट (टीटीपीएस), प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के 50 प्रतिशत पर चल रहा है।
दक्षिणी भारत के प्रमुख पावर प्लांट, आन्ध्रप्रदेश के एपीजेनको, एपीपीडीसीएल एवं तमिलनाडु के टेनजेडको(टीएएनजीइडीसीओ),नेयवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन और एनटीइएल (एनटीपीसी और टीएनइबी का एक संयुक्त उद्यम) तथा कर्नाटक के केपीसीएल आदि बिजली संयत्रों में कोयले के स्टॉक में कमी आने की सूचना दे दी है अगर तालचेर कोलफील्ड्स की अन-प्रभावित खानों को परिचालन शुरू करने की अनुमति नहीं मिलती है तो उनकी यूनिट से भारी गिरावट का सामना करते हुए बिजली उत्पादन वाधित होगा। इसके तहत 4 अगस्त 2019 तक कंपनी को कोयला उत्?पादन में 23।14 लाख टन, कोयला प्रेषण में 26।64 लाख टन और ओवर बर्डन रिमूवल में 22।56 लाख क्यूबिक मीटर नुकसान हुआ है जिसका कोयले की मूल्य 234।22 करोड़ रुपये नुकसान हुआ है जबकि राज्य और केंद्रीय सरकार को रू 152।06 करोड रुपये राजस्व नुकसान हुआ है। 3672।31 मिलियन यूनिट की बिजली उत्पादन में बाधा प्राप्त हुआ।