अंगदान देहदान पर जागरूकता रैली 31 को
1 min readकटक। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन नें लोगों में अंगदान- देहदान के विषय में जागरूकता लाने का बिडा उठाया है। हमने समझा है और अब दुनिया को समझाना है। इसी के तहत मारवाड़ी महिला समिति कटक शाखा द्वारा 31 अगस्त को अंगदान देहदान पर जागरूकता रैली निकाल रही है इस रैली को लेकर सोमवार को कटक शाखा द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया। इसी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लोगों में अंगदान देहदान के बारे में जानकारी देने के लिए कटक के सनशाइन फील्ड से 3 बजे एक रैली निकाली जाएगी जो पूरी घाट अप्पर तेलंगा बाजार होते हुए आईनॉक्स के पास जाकर समाप्त होगी।
यह बैठक कटक शाखा की अध्यक्षा प्रतिभा सिंघी एवं सचिव अर्चना अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस बैठक में अध्यक्षा प्रतिभा सिंघी ने कहा कि दान देना हमारा स्वभाव है। बचपन से हमें दान देना सिखाया गया है, कभी घर में,तो कभी स्कूल में डोनेशन के माध्यम से अंगदान और देहदान जीवन का सर्वश्रेष्ठ दान है। आपको ज्ञात हो कि अंगदान जीवन के रहते हुए भी हो सकता है और मरने के बाद भी हो सकता है।किडनी,लिवर का एक हिस्सा,अपने निकट संबंधी- जीवित व्यक्ति से लेकर ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं। मृत्यु के बाद हार्ट,लीवर,लंग्स ,अग्नाशय (स्रंल्लू१ीं२), छोटी आंत (्रल्ल३्र२३्रल्ली), त्वचा, बोन-मैरो, आँखें और हंड्डियों का दान किया जा सकता है। सामान्य मौत होने पर सिर्फ आंखों का दान, त्वचा का दान हो सकता है। लेकिन मस्तिष्क मृत्यु होने की स्थिति में आंखें ही नहीं, बल्कि कई अन्य अंगों का दान भी किया जा सकता है। मस्तिष्क मृत्यु होने की स्थिति में इंसान की जीने की संभावना एकदम खत्म हो जाती है। हालांकि वेंटिलेटर में रखने की वजह से सांसे चल रही होती है और अंग काम करते रहते हैं। इसी स्थिति में अंगों का दान किया जा सकता है। हमारे भारतवर्ष में अंगदान की कमी के कारण 10 लाख लोग प्रतिवर्ष मरते हैं, जबकि अंगदान के द्वारा इस संख्या में कमी लाई जा सकती है।