बहुजनों को बहन फूलन के संघर्ष और वीरता पर गर्व है – दद्दू प्रसाद
1 min readसुलतानपुर। मोस्ट कल्याण संस्थान के तत्वाधान में नरेंद्र कुमार निषाद के नेतृत्व में तिकोनिया पार्क में वीरांगना बहन फूलन देवी की जयंती कार्यक्रम में भारी तादाद में मोस्ट समाज के पुरुष-महिलाएं शामिल हुईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता खेमई प्रसाद निषाद ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक परिवर्तन मंच के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने मार्गदर्शन करते हुए कहा था कि ’जहां पर सहनशीलता की सीमा समाप्त होती है, वहीं पर क्रांति का उदय होता है’’ बहन वीरांगना फूलन देवी ने जब जुल्म की सहने की सीमा समाप्त हो गई तो बंदूक उठा और जैसे को तैसा जवाब देते हुए क्रांति का बिगुल फूंक दिया। न्याय के लिए किसी से गिड़-गिड़ाने रिरियाने का काम नहीं किया, बल्कि जालिमों को मौत की नींद सुलाने का काम किया, हम बहुजनों को बहन फूलन के संघर्ष और वीरता पर गर्व है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक परिवर्तन मंच के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने हमारा मार्गदर्शन करते हुए कहा था कि ’जहां पर सहनशीलता की सीमा समाप्त होती है, वहीं पर क्रांति का उदय होता है’’ बहन वीरांगना फूलन देवी ने जब जुल्म की सहने की सीमा समाप्त हो गई तो बंदूक उठा लिया और जैसे को तैसा जवाब देते हुए क्रांति का बिगुल फूंक दिया। न्याय के लिए किसी से गिड़-गिड़ाने रिरियाने का काम नहीं किया, बल्कि जालिमों को मौत की नींद सुलाने का काम किया, हम बहुजनों को बहन फूलन के संघर्ष और वीरता पर गर्व है।
पूर्व सांसद इलियास आजमी ने कहा कि फूलन देवी ने मान-सम्मान, स्वाभिमान के लिए अत्याचारियों, आतताइयों के विरुद्ध बीहड़ में जाकर हथियार उठाया। हिन्दू हों या मुसलमान सभी पिछड़े-दलित-आदिवासी-अल्पसंख्यक समाज की स्थिति एक जैसी है, सबको मिलकर अन्याय, अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान करते हुए बहन फूलन के अधूरे सपनों को पूरा करने की अपील की।
चौ. लौटनराम निषाद ने बहन फूलन देवी को सामाजिक न्याय का प्रतीक बताते हुए कहा कि फूलन नारी शक्ति के साहस की जीवन्तता की प्रतीक हैं तथा इंटरनेशनल टाइम पत्रिका ने विश्व की 16 चर्चित क्रांतिकारी महिलाओं में चैथा स्थान देकर सम्मानित किया एवं फूलन अपने साथ अत्याचार करने वालों को मौत के घाट उतार कर विश्व पटल पर अपना नाम अंकित किया तथा अत्याचारियों से बदला लेने के लिए हथियार नहीं उठाई होतीं तो गुमनाम हो गयी होती।
कार्यक्रम के संरक्षक शिक्षक श्यामलाल निषाद ने कहा कि दबे-कुचले समाज की बहन-बेटियों के जुर्म-अत्याचार व अपमान का बदला लेकर पीड़ित समाज को सम्मान देने वाली फूलन देवी का स्मरण करने से साहस और संघर्ष की क्षमता में बृद्धि होती है। इसलिए हम लोग अपने घरों में वीरांगना फूलन देवी की फोटो लगाने के साथ-साथ जनपद के टांटियांनगर चैराहा एवं नवीन बाधमण्डी पाँचोपीरन जैसे स्थलों पर शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से एक वर्ष के भीतर बहन फूलन देवी की प्रतिमा लगवाने की मांग करते हैं।
वीरांगना फूलन देवी की जयंती समारोह को पूर्व विधायक सफदर रजा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य छोटेलाल निषाद, जिला पंचायत सदस्य कृष्णावती निषाद, रामरतन बौद्ध, राधेश्याम भीम, रामानन्द निषाद, रामलखन चैरसिया, राम निहोर बौद्ध, विश्वनाथ यादव, विनोद कुमार गौतम, श्रीराम निषाद, राम सजीवन निषाद, डॉ. आलोक कुमार, दयाराम निषाद, जीशान अहमद आदि ने सम्बोधित किया। संचालन राजकुमार गौतम व रविकांत निषाद ने किया।