सावधान… अब नदियों में फेंके जा रहे शव, मंगलवार को 73 से अधिक शव निकाले गए
1 min read- उत्तर प्रदेश प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है
बलिया, बक्सर। कोरोना का दूसरा लहर महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ के बाद धीरे-धीरे झारखंड उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार में प्रवेश कर गया है। अब उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की स्थिति दयनीय है। आए दिन सैकड़ों की संख्या में लोग मर रहे हैं। मंगलवार को एक चौकाने वाली खबर आई। नदी के किनारे शव बहकर आते हुए दिखाई दिए। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। आनन-फानन में जिला अधिकारी भी टीम के साथ पहुंच गए। वहीं बिहार सरकार ने कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 73 शव निकाले गए हैं जिनके कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के शव होने की आशंका जताते हुए यह संभावना जतायी जा रही है कि संभवतः अंतिम संस्कार नहीं करके उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया होगा।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मंगलवार को अपने ट्वीट में बक्सर जिले में चैसा गांव के पास इन शवों के गंगा नदी में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि 4-5 दिन पुराने क्षत-विक्षत ये। शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार आए हैं । यह शव उत्तर प्रदेश के हैं या बिहार के इसके बारे में कहना अभी तक ठीक नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि नदी किनारे के जितने भी गांव हैं वहां की स्थिति अभी अच्छी नहीं है। गरीबी और लाचारी का अभाव में लोग मरने के बाद नदी में शव को दफना दे रहे हैं। हो सकता है वहीं शव तेज धारा में बहकर वहां पहुंच गया होगा।
नीतीश कुमार को इतनी संख्या में शव बरामद होने और नदी में उन्हें प्रवाहित किए जाने से तकलीफ पहुंची है क्योंकि वह गंगा नदी की स्वच्छता और निर्बाध प्रवाह को लेकर हमेशा चिंतित रहे हैं और उन्होंने जिला प्रशासन को नदी किनारे गश्ति बढाने को कहा है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो। झा ने ट्वीट किया, ‘उत्तरप्रदेश और बिहार के सीमावर्ती रानीघाट में गंगा में जाल लगाया गया है। हमने उत्तर प्रदेश प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है। उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के किनारे रहने वाले ऐसे सैकड़ों गांव और शहर है जहां पर करोड़ों की आबादी रहती है। इस तरह से नदी में शव को फेंक ना कहीं ना कहीं घातक हो सकता है। यह पालतू पशुओं के लिए भी घातक बन सकता है।