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October 17, 2024

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छत्तीसगढ़ बोर्ड पूरक और डीएलएड प्रथम वर्ष मुख्य परीक्षा 28 नवम्बर से, परीक्षा में लगभग 87 हजार छात्र शामिल होंगे

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रायपुर, 25 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी, हायर सेकेण्डरी व्यावसायिक पूरक परीक्षा 2020 और डीएलएड प्रथम वर्ष मुख्य परीक्षा 28 नवम्बर को प्रारंभ हो रही है। परीक्षा में लगभग 87 हजार छात्र सम्मिलित होंगे। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सचिव प्रोफेसर व्ही.के. गोयल ने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर इस वर्ष मान्यता प्राप्त सभी संस्थाओं को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। समस्त परीक्षा केन्द्रों को कोविड-19 महामारी के बचाव के लिए शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है।

उन्होंने बताया कि परीक्षा संबंधी सभी व्यवस्थाएं पूरी की जा चुकी है। परीक्षा में सम्मिलित छात्र-छात्राओं के प्रवेश पत्र संबंधित स्कूलों में भेजे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त प्रवेश पत्र मण्डल की वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर अपलोड किए गए हैं। छात्र मण्डल की वेबसाइट से भी अपलोड कर अपना प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते हैं। 

मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री छात्रों, शिक्षकों और पालकों को करेंगे संबोधित

रायपुर, 25 नवम्बर 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय वेबीनार के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और पालकों को संबोधित करेंगे। यह राज्य स्तरीय वेबीनार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 26 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से आयोजित किया जाएगा। वेबीनार में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और विषय-विशेषज्ञ शामिल होंगे। वेबीनार को cgschool.in के पोर्टल http://bit.ly/2jbi3Ul तथा यूट्यूब लिंक https://youtu.be/TXxX5kRt6cE से जुड़कर लाइव देखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आम्बेडकर के नेतृत्व में तैयार किए गए संविधान को 26 नवम्बर 1949 अंगीकृत किया गया। इसे चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य संविधान के महत्व और डॉ. भीमराव आम्बेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करना है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है जहां के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में डॉ. भीमराव आम्बेडकर द्वारा लिखित भारत के संविधान की पुस्तक को रखा जाना अनिवार्य किया गया है।

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