मुख्यमंत्री और खेल मंत्री पटेल ने राष्ट्रीय खेल दिवस की दी शुभकामनाएं
1 min readरायपुर, 28 अगस्त 2020
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए प्रदेशवासियों खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद के खेल के प्रति समर्पण और देश प्रेम की भावना हम सबके लिए प्रेरणास्पद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों से नेतृत्व, समर्पण, अनुशासन जैसे गुण खिलाडियों में विकसित होते हैं, ये गुण खेल के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए युवाओं में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल अधोसंरचना बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के लिए खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। इससे युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उल्लेखनीय है कि देश में खेलों के प्रति आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्म दिन को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद के जादुई खेल से भारत को ओलंपिक खेलों में तीन स्वर्ण पदक हासिल हुए है। उन्हें भारत सरकार द्वारा देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
खेल मंत्री श्री पटेल ने दी राष्ट्रीय खेल दिवस पर बधाई
रायपुर, 28 अगस्त 2020/ खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त) पर हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती को नमन करते हुए खेल प्रतिभाओं, प्रशिक्षकों और खेल के प्रति समर्पित नागरिकों को खेल दिवस की बधाई दी।
राष्ट्रीय खेल दिवस को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2012 से मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को हर वर्ष भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। मेजर ध्यानचंद का जन्म आज ही के दिन 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। मेजर ध्यानचंद विश्व खेल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में हॉकी में भारतीय टीम को तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलवाए है। मेजर ध्यानचंद को हॉकी खेल में अपनी गेंद नियंत्रण की कला में महारत हासिल थी। वे अपनी हॉकी स्टिक से खेल के मैदान में जैसे कोई जादू करते थे इसलिए उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था। इसके अलावा उन्हें हॉकी विजार्ड का टाइटल भी दिया गया था। मेजर ध्यानचंद को हॉकी में अपने योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।