मुख्यमंत्री भूपेश ने पीपरछेड़ी और इंदागांव को उपतहसील और मैनपुर को राजस्व अनुविभाग का दिया दर्जा
विशेष पिछड़ी जनजाति को मिलेगा सीधी भर्ती का लाभ
मैनपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 6 सितम्बर को जिला मुख्यालय गरियाबंद में आयोजित वन अधिकार, आजीविका सम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह में जिले वासियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने क्षेत्र की जनता की बहुप्रतिक्षित मांग को आज पूरा कर दिया। श्री बघेल ने गरियाबंद के पीपरछेड़ी और मैनपुर के इंदागांव को उप तहसील का दर्जा दिया। उन्होंने अभिनंदन समारोह में घोषणा की। साथ ही उन्होंने मैनपुर तहसील को राजस्व अनुविभाग का दर्जा दिया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सौगातों की बारिश करते हुए अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार एवं भुंजिया जाति के लिए सीधी भर्ती का रास्ता खोल दिया। क्षेत्र में प्रचुर वन सम्पदा की उपलब्धता को देखते हुए उन्होंने जिल के सभी प्राथमिक वनोपज सहाकरी समितियों में 20.20 लाख रूपये की लागत से प्रारंभिक प्रसंस्करण केन्द्र खोलने की घोषणा की। श्री बघेल ने कहा कि इससे जिले के लोगों को वन सम्पदा का बेहतर मूल्य मिलेगा और आजीवका में वृद्धि होगी। अंचलवासियों को उन्होंने 100 बिस्तर अस्पताल और कृषि महाविद्यालय की सौगात भी दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गरियाबंद में आयोजित वन अधिकारए आजीविका एवं अभिनंदन समारोह के विशाल जनसभा को छत्तीसगढ़ी में सम्बोधित करते हुए कहा कि गरियाबंद जिला धार्मिकए सांस्कृति और प्राकृतिक रूप से सम्पन्न है। यहां विकास की असीम सम्भावनाएं है। श्री बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के सन् 1985 में कुल्हाड़ीघाट प्रवास को याद करते हुए कहा कि श्री राजीव गांधी कुल्हाड़ीघाट जैसे आदिवासी और वनाचंल क्षेत्र में आकर कंदमूल खाये थे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी और समाज के पिछड़े तबके के लोगों के हित में कार्य करती रही है। श्री बघेल ने राज्यवासियों को कुल 82 प्रतिशत देने के फैसले पर कहा कि संविधान और मंडल आयोग के सिफारिश के आधार पर ही हमने राज्य की जनता के हित के लिए ईमानदारी से लागू किया है। जनसंख्या के आधार पर अब सभी वर्गो को आरक्षण का लाभ मिलेगा। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति पुरखों का सपना और स्वाभिमान के लिए कृत संकल्पित है। कुंभ मेला को हमने राजिम पुन्नी मेला का नाम दिया।
राज्य के संस्कृति को सहेजते हुए हरेलीए विश्व आदिवासी दिवसए कर्मा जयंती और तीजा पर्व पर भी सार्वजनिक अवकाश दिये। श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के आदिवासियों के लिए वन अधिकार पत्र को और सुगत तरीके से निराकरण कर रही है। जिले में लगभग 22 हजार वन अधिकार पत्र वितरित किये। श्री बघेल ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ है। हम इसे नई पहचान देकर और समृद्ध करेंगे शासन के गृह, जेल और लोक निर्माण मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन एवं खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे, स्थानीय विधायक अमितेश शुक्ल नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मिलेश्वरी साहू, जनपद अध्यक्ष श्रीमती चुम्मन बाई सोम, कमिश्नर श्री जीआर चुरेन्द्र, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक श्री एमआर आहिरे, जिला पंचायत सीईओ श्री आरके खुटे, बैशाखु राम साहू, श्रीमती ममता राठौर, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में हितग्राही और आमजनता मौजूद थे।