तालचेर कोलफील्ड्स के कोयला खदान 12 दिनों से बंद, 213.60 करोड़ का नुकसान
1 min readबिजली उत्पादन में आ रही है बांधा
तालचेर बन्द से किसको मिलेगा लाभ ?
संबलपुर। angul – महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के तालचेर कोलफील्ड्स के समस्त कोयला खदान कार्य तथा कोयला उत्पादन और प्रेषण व संचालन आज से लगातार 12 दिन से बन्द पड़ा है, जिससे कंपनी के सभी हितधारकों, बिजली गृहों, ठेकेदारों, लघु उद्योग, छोटे व्यवसायी, कर्मचारियों और पारिपशर््िवक गांव के लोग काफी नुकसान का सामना कर रहे हैं। आज की तारीख में कंपनी को कोयला उत्पादन में 21.04 लाख टन, कोयला प्रेषण में 24.20 लाख टन और ओवर बर्डन रिमूवल में 20.54 लाख क्यूबिक मीटर नुकसान हुआ है जिसका कोयले की मूल्य 213.60 करोड़ रुपये नुकसान हुआ है। ग्रामवासियों द्वारा तालचेर कोलफील्ड्स के समस्त खदान कार्य को बन्द कर कोयला उत्पादन में बाधा उपजने से 3339.04 मिलियन यूनिट की बिजली उत्पादन में अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ा है, जिससे बिजली गृहों को कोयले की संकट का सामना करना पड़ रहा है। एनटीपीसी कनिहा अपने छह यूनिट में से चार यूनिट को बंद करने के लिए मजबूर हो गया है, जबकि तालचेर थर्मल पावर प्लांट (टीटीपीएस), प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के 50 प्रतिशत पर चल रहा है। दक्षिणी भारत के प्रमुख पावर प्लांट, आन्ध्रप्रदेश के एपीजेनको, एपीपीडीसीएल एवं तमिलनाडु के टेनजेडको (टीएएनजीइडीसीओ), नेयवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन और एनटीइएल (एनटीपीसी और टीएनइबी का एक संयुक्त उद्यम) तथा कर्नाटक के केपीसीएल आदि बिजली संयत्रों में कोयले की स्टॉक में कमी आने की सूचना दे दी है जिससे उनकी यूनिट बंद होने के कगार पर है। भरतपुर ओसीपी में दुर्घटना होने के बाद से तालचेर के समस्त नौ कोयला खदानों का कार्य पूर्णत बन्द कर दिया गया, जिससे सभी व्यावसायिक और सामाजिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कोयले उत्पादन एवं प्रेषण में लगातार बाधा उपजने के कारण जिला खनिज निधि (डीएमएफ) और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के क्षेत्र में तालचेर को 1,045 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड रहा है। एमसीएल के पारिपार्श्विक गांव को डीएमएफ से लाभ मिलता है, जिसके लिए कंपनी प्रति टन 42.63 रुपये योगदान देती है। हालांकि पिछले 11 दिनों से कोयला उत्पादन बाधा प्राप्त होने से तालचर कोयला क्षेत्रों के परिधीय गांवों को डीएमएफ के लिए 895 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसी प्रकार कोयला उत्पादन और प्रेषण न होने से कंपनी के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (उरफ) के हिस्से को आनुपातिक रूप से प्रभावित किया है। एक अनुमान के मुताबिक, तालचेर कोलफील्ड्स को सीएसआर के क्षेत्र में 150 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। केन्द्रीय और राज्य सरकार का राजस्व रू 138.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि इस बंद से एमसीएल की कोयला खनन परिचालन प्रभावित होने के साथ साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 40,000 परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। ओड़िशा को सीएसआर के क्षेत्र में अधिक योगदान देने वाली कंपनी एमसीएल ने गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजनाओं के तहत रू 267 करोड़ रुपये खर्च किए गये जो कि एक रिकार्ड है।
ट्रक मालिक काफी चिंतित
तालचेर ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, तालचेर ने गत कल अंनगुल जिलाधीश से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपकर तालचेर कोयला क्षेत्रों को सामान्य स्थिति में लाने हेतु हस्तक्षेप करने की मांग की, जिससे खदान कार्य शीघ्र प्रांरभ हो सके। ग्रामवासियों द्वारा कोयला खदान बन्द किये जाने से कोयले की परिवहन कार्य में जुटे लगभग 5,000 ट्रक बेकार खडे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा एमसीएल के सभी कार्यालयों और खानों को जबरन बंद किये जाने से एमसीएल के 15,000 कर्मचारियों और 10,000 ठेका श्रमिकों काफी समस्याओं का सामने कर रहे हैं। गौरतलब हो कि कोल इंडिया लिमिटेड की दूसरी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी एमसीएल ने गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 144 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया था जो कि देश में उत्पादित कुल र्इंधन में से 20 प्रतिशत शुष्क र्इंधन एमसीएल योगदान देती है।