तालचेर जिला क्रिया अनुष्ठान समिति की ओर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन
1 min read- रिपोर्ट, दिलीप कुमार चोपदार, अंगुल
- जिले की मांग को लेकर पाल्लहड़ा , तालचेर, पराजंग के निवासी एक हुए
अंगूल । जिले के कोयलानगरी तालचेर को जिला मान्यता की मांग लेकर तालचेर जिला क्रियाअनुष्ठान समिति की ओर से तालचेर उप जिल्लाधिश दफ्तर के सामने अनिर्धिस्ट काल धरना प्रदर्शन जारी है । आज 66 वी दिन हो गया लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं। धारणा प्रर्दशन में समाज के सभी वर्ग के लोग अपना योगदान दिए हैं। बुद्धिजीवी का कहना है कि साल 1993 में तत्कालीन जनता सरकार उड़ीसा में 13 जिले से 30 जिला गठन करते वक्त तालचेर निवासियों द्वारा जिले मांग को लेकर आंदोलन किया गया था, उसी वक्त ओडिशा के भूमिपुत्र तथा प्रबाद पुरुष पूर्व मुख्यमंत्री माननीय बीजू पटनायक तालचेर को 31वी जिला करने का वचन दिये थे।
अब बीजू बाबू के सुपुत्र श्री नवीन पटनायक मुख्यमंत्री रहे है लिहाजा तालचेर के लोग अपना गुहार लगाते हुए जिले का मांग दोहराए हैं। गौरतलब है कि तालचेर अंचल में सबसे बड़ा कोयला उत्पादन का केंद्र बना हुआ है साथ में एनटीपीसी पावर प्लांट, जिंदल , एफसीआई, रेंगाली बांध , होने के कारण यहां विस्थापन समस्या साथ में जल वायु आदि प्रदूषण समस्या एवं कानून व्यवस्था का समस्या हर वक्त लगा रहता है। इसलिए लोगों के पास प्रशासनिक सेवा मुहैया करवाना सरकार की ओर से पहली प्राथमिकता होनी चाहिए साथ में पाललहडा अंचल के दुर्गम इलाके के निवासी निवासियों के पास प्रशासनिक सेवा एवं सरकारी योजना पहुंचने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ रहा हैै। लिहाजा जनतंत्र देश के निवासियों के पास सर्वोपरि सरकारी सेवा हेतु तालचेर को जिले का मान्यता जल्द से जल्द राज्य सरकार की ओर से मिलना चाहिए लोगों का मांग है कि ओड़ीसा के मान्यवर मुख्यमंत्री गौर से विचार करते हुए तालचेर को जिले का मान्यता प्रदान करें।
तालचेर अंचल प्रशासनिक उदासीनता साफ झलक रहा है क्योंकि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के औद्योगिक सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एक मेडिकल कॉलेज बनवाया गया है लेकिन अभी तक ना एडमिशन 9 मरीजों की निदान हो पाया है। लोगों का मांग एवं तालचेर जिला क्रियानुष्ठान समिति की और से मांग है कि जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज को चलाया जाए एवं साथ में प्रदूषित इलाके का निवासियों को उन्नत स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाया जाए। तालचेर अंचल से केंद्र एवं राज्य सरकारी कोष को सबसे ज्यादा रेवेन्यू जाता है लेकिन अंचल के लोगों को सही स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलने के कारण चिकित्सा के लिए बाहर जाते हुए भारी रकम खर्च करना पड़ रहा है। दूसरी ओर गरीबों के लिए उन्नत स्वास्थ्य सेवा सपना जैसा नजर आ रहा है l सभी विषय को लेकर सरकार तुरंत विचार करें l