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October 19, 2024

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एमसीएल के भरतपुर खुली खदान में विनाश लीला, अब तक 4 की मौत

Destruction leela in MCL's Bharatpur open mine, so far 4 deaths

कोयला खदान के सुरक्षा बेरियर में गलत तरीके से ब्लॉस्टिंग के कारण हुई
डीजीएमएस का सुरक्षा प्रबंधन प्लान केवल फाइलों तक सीमित रहा है
निजी मुनाफा के लिए कोयला कर्मियों की जान से खिलवाड़ किया गया
अंगुल। ओडिशा के अंगुल जिला स्थित तालचेर अंचल में कोल इंडिया की अनुशंगिक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के अनेक भूमिगत कोयला खदान एवं खुली खदान है जिसमें से भरतपुर खुली खदान एक है। बता दें कि कल मंगलवार के दिन लगभग रात के 10.30 से 11 बजे के बीच एक बड़ी दुर्घटना हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कोयला खदान के सुरक्षा बेरिया बेरियर में गलत तरीके से ब्लास्टिंग के कारण 100 मीटर से अधिक ओवरबर्डन अपने 15 मीटर चौड़ाई सुरक्षा बेरियर को तोड़ते हुए लैंडस्लाइडिंग के चलते दुर्घटना हुई, जिसमें वहां कार्य कर रही सिकल कंपनी के 1 सरफेसमैनर, 3 से 4 पे लोडर, लगभग 20 हाईवा ट्रक के साथ अनेक ठेकेदारी मजदूर दब गए हैं।

Destruction leela in MCL's Bharatpur open mine, so far 4 deaths

प्रबंधन का कहना है कि चार से पांच आदमियों की मौत हो सकती है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 15 से अधिक कामगारों की मौत निश्चित रूप से हुई है। क्योंकि मिट्टी के नीचे सभी काम करते वक्त दबे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि भरतपुर कोयला खदान में डीजीएमएस का सुरक्षा प्रबंधन प्लान को लाल फाइल तक सीमित रहा है।  सुरक्षा को ताक पर रखते हुए निजी मुनाफा के लिए श्रमिकों के जान पर कंपनी खिलवाड़ कर रहा है। श्रमिक संगठन नेताओं का कहना है कि सिकल कंपनी को रोड सेल कोयला देते हुए भ्रष्ट अधिकारी अपना जेब भरने के लिए वर्जित जगह पर गलत तरीके से ब्लास्टिंग किए हैं।

Destruction leela in MCL's Bharatpur open mine, so far 4 deaths

अवैध खनन करते हुए मालामाल की प्लान प्रस्तुत किए थे, लिहाजा श्रमिकों के जाने गई हैं। ओवरबर्डन के मलबे के अंदर कितने कामगार दबे होंगे उसका सही आकलन करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि ठेकेदारी संस्था कर्मचारियों ना तो वहां उपस्थिति सही तरीके से दर्ज की जाती है और ना ही उतना कोई हिसाब रखा जाता है। मिट्टी में लिप्त लाशों पर डोजर चलाकर उन्हें इस तरह चकनाचूर कर दिया जाता है कि उनकी अस्थियां भी मिट्टी बन जाती है। गौरतलब है कि भरतपुर के महाप्रबंधक के नाम पर पहले से भ्रष्टाचार के कई आरोप है साथ में प्रोजेक्ट अफसर, मैनेजर अन्य अधिकारियों को डीजीएमएस की ओर से चार्जशीट दिया गया है जिस पर इंक्व ायरी चल रही है।

Destruction leela in MCL's Bharatpur open mine, so far 4 deaths
उल्लेखनीय है कि 2013 में ऐसी एक दुर्घटना इसीएल  के राजमहल ओसीपी में हुई थी, जिसमें 23 श्रमिक मरे हुए थे। इस संदर्भ में उस वक्त का भारत सरकार कोयला मंत्री पियूष गोयल ने पार्लियामेंट में 23 श्रमिकों के जान जाने की कुश्ती भी किए थे साथ में झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका पर डीजीएमएस द्वारा एफिडेविट भी दाखिल किया गया था। सबसे रोचक बात है कि अभी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी श्री भोला नाथ शुक्ला जी उस वक्त इसीएल के डायरेक्टर थे। लोगों में चर्चा चल रही है कि अभी इतिहास दोहराया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को फाइल तक सीमित रखा गया है। इस संदर्भ में पत्रकार तथा समाजसेवी सुसुश्री पात्र का कहना है कि आगे इस संदर्भ में डीजीएमएस को आरटीआई के तहत सूचना मांगते हुए न्यायालयों में जनहित याचिका दायर किया जाएगा। कोर्ट आॅफ इंक्व ायरी क्यों रोका गया है उसका भी कोर्ट के जरिए सरकार को पूछा जाएगा।

 

Destruction leela in MCL's Bharatpur open mine, so far 4 deaths
कोयला खदान के सुरक्षा संबंधी जानकारों का कहना है कि खान सुरक्षा महानिदेशालय के अधिकारी कोयला खदानों को हर महीने विजिट नहीं करते हुए वातानुकूलित दफ्तर के अंदर से रिपोर्ट भेज देते है। मोटी रकम अपने जेब में भर लेते हैं जिसका खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है साथ में भरतपुर में हुई दुर्घटना जीता जागता उदाहरण है। अगर डीजीएमएस से अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को सही तरीके से देखते तो आज दुर्घटना नहीं होते हुए नतीजा कुछ और होता।

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