पर्यावरण के नुकसान पर जतायी गई नाराजगी
जिला पर्यावरण समिति की बैठक
झारसुगुड़ा। झारसुगुड़ा जिलाधीश सरोज सामल की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की विशेष बैठक हुई। पीडी डीआरडीए तपिराम माझी एवं डीएफओ ललित कुमार पात्र ने बैठक में सभी का स्वागत किया। पर्यावरणविद् प्रोफेसर ध्रुवराज नायक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंचलिक अधिकारी निरंजन मल्लिक, वेदांता पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ। एसएसपी मिश्र, ईको क्लब के संयोजक प्रहल्लाद नायक एवं दिलीप किशोर साकुनिया आदि ने बैठक में उपस्थित रहकर वन संपदा की सुरक्षा की दिशा में अपने अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर जिला में वन संपदा की स्थिति, पर्यावरण को हो रहे नुकसान एवं प्रदूषण की समस्या के विषय पर चर्चा की गई। एक्शान फॉर सोशल कॉज के सदस्य दिनेश उपाध्याय ने बैठक में उपस्थित रहकर खदान एवं उद्योग संस्थान द्वारा जंगल जमीन का व्यवहार किए जाने के कारण वन संपदा को हो रहे नुकसान एवं इसकी भरपाई की दिशा में कोई आवश्यक कदम न उठाए जाने पर नाराजगी जाहिर की। कांपा कोष से जंगल सृष्टि की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई। खदान एवं उद्योग के व्यवहार के लिए जिला में 1600 हेक्टर जंगल जमीन का ध्वंस हो चुका है। जबकि आगामी समय में एनएलसी जैसी उद्योग एवं खदान संस्थान द्वारा करीब 845 हेक्टर जमीन नष्ट हो जाएगी। इन हालातों में वन संरक्षण के प्रति ध्यान देने सहित वृक्षारोपण करने की दिशा में ध्यान आकर्षण किया गया। राजस्व विभाग की ओर से जिला में मैदान जमीन की पहचान कर वृक्षारोपण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने पर जिलाधीश ने बल दिया।