संभाग स्तरीय निरीक्षण दल ने किया उर्वरक विक्रय केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण, दुकानों को थमाई नोटिस
1 min read- गोलू कैवर्त, बलौदाबाजार
29 जून 2021 किसानों को सहज खाद उपलब्धता एवं खादों की कालाबाजारी ना हो इस उद्देश्य से आज राज्य शासन के निर्देश पर जिलें में संभाग एवं जिला स्तरीय निरीक्षण दल के संयुक्त टीम ने उर्वरक विक्रय केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उर्वरकों के स्टॉक में भारी गड़बड़ी पायी गयी एवं दुकानदारों को नोटिस देतें हुए कार्रवाई की गयी है। सँयुक्त संचालक कृषि गयाराम के नेतृत्व में उक्त कार्रवाई की गयी। इस दौरान उमेश साहू (आ.ए.ई.ओ.) आर.एस. भारद्वाज (आ.ए.ई.ओ.) उपस्थित रहें। उसी तरह जिला स्तरीय निरीक्षण दल में अनुविभागीय कृषि अधिकारी,जयेंद्र कंवर,वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एम.के. पैकरा, अश्वनी कुमार निर्मलकर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी) बी.पी. जावरिया (कृषि विकास अधिकारी) श्री बी.प्रजापति, (आर.ए.ई.ओ.) श्री अश्वनी साहू (आर.ए.ई.ओ.) मुख्य रूप से उपस्थित थे।
आज की गई कार्रवाई में विकासखण्ड-पलारी के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, पलारी, डबल लाॅक पलारी, कृषि सेवा केन्द्र, पलारी एवं विकासखण्ड-बलौदाबाजार के संतोष कुमार अग्रवाल एण्ड कम्पनी, बलौदाबाजार,नवीन ट्रेडर्स बलौदाबाजार एवं जोगी कृषि सेवा केन्द्र, बलौदाबाजाार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, पलारी एवं कृषि सेवा केन्द्र, पलारी तथा जोगी कृषि केन्द्र, बलौदाबाजार में अनियमितता पाई गई। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, पलारी में पीओएस मशीन में इन्द्राज स्कंध एवं भौतिक स्कंध में भिन्नता पाई गई तथा अन्य 02 विक्रय केन्द्रों में स्कंध पंजी का संधारण उचित रूप से नहीं किया गया था।
तीनों केन्द्रों के संचालकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। इसी प्रकार उर्वरक निरीक्षक, विकासखण्ड-कसडोल श्री लक्ष्मी प्रसाद देवांगन द्वारा आचार्य कृषि सेवा केन्द्र, कसडोल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पोर्टल में उपलब्ध जानकारी का भौतिक स्कंध से मिलान न होना पाया गया, जिसके लिए उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। उर्वरक निरीक्षक, विकासखण्ड- पलारी श्री एम.के. पैकरा द्वारा बघेल कृषि केन्द्र, पलारी को भी पीओएस मशीन एवं भौतिक स्कंध में भिन्नता होने के कारण कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। उर्वरक निरीक्षक, विकासखण्ड-सिमगा श्री अखिलेश दत्त दुबे द्वारा प्राथिमक कृषि साख सहकारी समिति विश्रामपुर का निरीक्षण किया गया निरीक्षण के दौरान उर्वरक स्कंध पंजी पीओएस तथा भौतिक रूप से उपलब्ध उर्वरक की मात्रा में अत्यधिक अंतर पाया गया सेवा सहकारी समिति में पीओएस में दर्शित उर्वरक की कुल मात्रा 286.45 मेट्रिक टन के विरुद्ध केवल 40.84 मेट्रिक टन भौतिक भंडारण उर्वरक का पाया गया इस प्रकार लगभग 246 मेट्रिक टन का अंतर पाया गया। निरीक्षण के दौरान यह भी देखा गया कि उर्वरक का भंडारण तीन अलग-अलग स्थानों पर विश्रामपुर, करहुल एवं संजारी नवागांव में किया गया था, परंतु प्राधिकार पत्र में केवल विश्रामपुर का उल्लेख था। इस प्रकार 2 गांव में अवैध रूप से उर्वरक का भंडारण किया गया था।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि उर्वरक का भंडारण उचित रखरखाव के साथ नहीं किया जा रहा है। गोदाम में अत्यधिक नमी के कारण उर्वरक खराब हो रहे हैं तथा कीचड़ जैसी शक्ल में परिवर्तित हो रहे हैं, इससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है तथा उर्वरक में जो तत्व निर्धारित प्रतिशत में उपलब्ध होने चाहिए वह नहीं हो पाते इसके कारण कृषक के द्वारा जब ऐसे उर्वरक को खेतों पर डाला जाता है तो आशान्वित परिणाम प्राप्त नहीं होता जिसे कृषक को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। उपरोक्त विषयों को ध्यान में रखते हुए उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत पूर्व में भी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, विश्रामपुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था उसके बाद भी उचित कार्यवाही नहीं करने पर प्रभारी समिति प्रबंधक श्री सुरेश साहू को स्मरण पत्र क्रमांक 01 तथा 02 भी जारी किया गया, परंतु इसके पश्चात भी स्टॉक मिलान नहीं किया गया तथा पंजी में अंकित उर्वरक की मात्रा तथा भौतिक रूप से उपस्थित उर्वरक की मात्रा में अत्यधिक अंतर पाया गया। जिस पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के क्लास 4ं तथा 9 के उल्लंघन के स्वरूप उर्वरक नियंत्रण आदेश,1985 खण्ड 28 1क् में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उर्वरक के भंडारण वितरण को 21 दिवस हेतु प्रतिबन्धित किया गया है।