उदंती अभ्यारण्य के वनभैसों पर डाॅक्टर राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने पीएचडी की उपाधी प्राप्त की, जिसे आज वनमंत्री द्वारा राज्य स्तरीय पुस्कार दिया गया
1 min read- वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह 2020 का समापन संसदीय सचिव वन चंद्रदेव राय एवं प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ ने अरण्य भवन में किया
- कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 3 पुस्तकों का विमोचन किया तथा वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया द्वारा वन भैंसों पर बनायी गयी फिल्म को लांच किया
- वाइल्ड बफैलो मैन को मिला राज्य स्तरीय पुरस्कार
- रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर गरियाबंद
वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने डॉ राजेंद्र प्रसाद मिश्रा रीजनल हेड -सेंट्रल इंडिया, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया को उनके वन भैंसे के संरक्षण एवं संबर्धन पर किये गये कार्यों के लिये राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया गया. डॉ मिश्रा पिछले डेढ़ दशकों से राज्य के राजकीय पशु वनभैंसे के संरक्षण एवं संबर्धन पर राज्य सरकार को तकनीकि सहयोग कर रहे हैं. डॉ मिश्रा ने उदंती के वनभैंसों पर वर्ष 2001 में पी एच डी की उपाधि प्राप्त की है. वे देश में वन भैंसों पर पीएचडी करने बाले एकमात्र वैज्ञानिक हैं. डॉ मिश्र उस समय भारतीय वन प्रबंध संस्थान, भोपाल में पदस्थ थे वर्ष 2005-06 में वो वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया से जुड़कर राज्य के राजकीय पशु वन भैंसा के संरक्षण एवं संबर्धन में जुट गये इनके द्वारा किये गये प्रयास का नतीजा ही है कि वर्ष 2005 में जहाँ इनकी संख्या केवल 6 थी आज वहां 12 हो गयी है जबकि 4 वन भैंसों की मृत्यु हो गयी है.
अरुण कुमार पाण्डेय, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने बताया कि डॉ मिश्रा का सहयोग और उनकी मदद से ही राज्य के राजकीय पशु के संरक्षण, संबर्धन एंव संख्या में हम सफलता प्राप्त कर रहे हैं भविष्य में भी हमारी जो योजनाएं हैं उसमें भी उनकी मदद की हमें नितांत आवश्यकता होगी डॉ मिश्रा ना केवल वन भैंसों के संरक्षण एवं संवर्धन पर अपितु राज्य के सभी वन्य प्राणियों के संवर्धन एवं संवर्धन पर वन विभाग को तकनीकी सहयोग करते आ रहे हैं निश्चित तौर पर वो इस पुरस्कार के हकदार थे उन्हें बहुत बधाई एवं शुभकामनायें ।
पुस्तक का विमोचन
इस अवसर पर वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने डॉ राजेंद्र मिश्रा द्वारा वन भैंसों पर लिखित पुस्तक “वन भैंसों की कहानी, छोटू की जुबानी” का विमोचन भी किया. इस पुस्तक में डॉ मिश्रा ने अपने पिछले 15 वर्षों से वन भैंसों पर किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला है. इस किताब में छोटू नामक वन भैंसे को पात्र बनाते हुए एक कहानी का रूप दिया गया है जिसे आम आदमी से लेकर के विद्यार्थियों, वन्यजीव प्रेमी तथा सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है. डॉ मिश्रा द्वारा लिखित यह पांचवीं पुस्तक है जिसमें उन्होंने हिंदी भाषा में वनभैंसों पर आधारित जानकारी उपलब्ध करायी है.
फिल्म की लांचिंग
आज ही वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा वन भैंसों के संरक्षण संवर्धन पर आधारित फिल्म को भी लांच किया गया. इस फिल्म में उदंती के वन भैसों पर विस्तृत जानकारी दी हुई है साथ ही असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान से दो वनभैसों को छत्तीसगढ़ राज्य के बारनवापारा अभ्यारण तक के ट्रांसलोकेशन संबंधित सारी जानकारी दी गई है. उम्मीद यह फिल्म सभी वन्यप्रेमियों एवं वन विभाग से जुड़े हुए अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अन्य हितधारकों को पसंद आयेगी एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण एवं संबर्धन को प्रोत्साहित करेगी .