स्वास्थ्य कर्मचारी एवं डाक्टरों के हड़ताल से मैनपुर वनांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- मैनपुर से पोस्टमार्डम के लिए 50-60 किलोमीटर दूर गरियाबद जिला मुख्यालय ले जाना पड़ रहा है
गरियाबंद। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एएनएम/एमपीडब्लयू,/नर्सिग संवर्ग एंव स्वास्थ्य कर्मचारियों अधिकारियों चिकित्सकों द्वारा अपने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हडताल पर चले जाने के कारण गरियाबंद जिले के दुरस्थ वनांचल मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा पुरी तरह चरमरा गई है। ज्ञात हो कि यह वनांचल क्षेत्र मलेरिया जनित क्षेत्र के नाम से जाना जाता है और पिछले एक माह के भीतर स्कूल में पढाई करने वाले तीन छात्राओं की मौत मलेरिया बीमारी से हुआ है साथ ही अभी भी गांव गांव मलेरिया के मरीज सामने आ रहे हैं। प्रतिदिन अस्पतालों में मौसमी बीमारी के साथ आई फ्लू के मरीज व उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन इस ओर शासन प्रशासन गंभीर नहीं है, जिसके कारण दुरस्थ वनाचंल क्षेत्र इन दिनो झोलाझाप डाक्टरों के चपेट में है और झोलाझाप डाक्टरों द्वारा खासकर ओडिसा सीमा से लगे ग्रामो में बकायदा मरीजों का ठेका लेकर ईलाज कराये जाने की शिकायत मिल रही है। ये झोलाझाप डाॅक्टर सुबह से क्षेत्र में मोटर सायकल के माध्यम से घुम रहे हैं और लोगों का बकायदा ठेका लेकर ईलाज कर रहे हैं। ईलाज ठीक ठाक हुआ तो ठीक नही तो मरीज के परिजनों से पैसा ऐंठकर चलते बन रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति लचर होने के कारण ग्रामीण इसका शिकायत भी नहीं कर पा रहे है और तो और शासन के महत्वपूर्ण योजना इन्द्रधनुष, टीकाकरण योजना, टीबी कार्यक्रम जैसे योजना के सफल संचालन प्रभावित हो रहा है वनांचल क्षेत्रों के कई उपस्वास्थ्य केन्द्रों में ताला लगा हुआ नजर आ रहा है।
- डाक्टरों के हड़ताल में चले जाने से मैनपुर में नहीं हो रही है पोस्टमार्डम, जिला अस्पताल चक्कर लगाना पड़ रहा है
पिछले 08 दिनों से स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टरों के हडताल में चले जाने से मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, जब तहसील मुख्यालय मैनपुर में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा पर्याप्त नही मिल पा रहा है तो वनांचल की बात छोड़ दीजिये। अभी आठ दिनों के भीतर दो लोगो की सर्प काटने व जहरीले कीड़े के काटने से मौत हो गई तो वहीं कुत्ते के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई। पिछले चार लोगो का मैनपुर में डाॅक्टर नही होने के के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो पाया और पोस्टमार्डम के लिए जिला अस्पताल गरियाबंद 60 से 70 किलोमीटर तक ले जाना पड़ रहा है।
05 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य फेडरेशन अनिश्चित कालीन आंदोलन पर -स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टर नर्स, स्वास्थ्य संयोजक अपने पांच सूत्रीय मांग वेतन विसंगति, कोविड इसेंटीव, अतिरिक्त अवकाश दिवस का भुगतान, आईपीएचएस सेटअप की स्वीकृति एवं भर्ती सहित पांच सूत्रीय मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे हैं जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति बेहद खराब हो गई है।
इस आंदोलन हड़ताल में गरियाबंद जिले से हेल्थ फेडरेशन जिला संयोजक डीके पडोती, संरक्षक डाक्टर हरीश चौहान, डॉक्टर संजू घृतलहरे, डॉक्टर ए के हुमने, विकास खंड चिकित्सा अधिकारी फिंगेश्वर डॉक्टर एस. हुमने, विकास खंड चिकित्सा अधिकारी छुरा डॉक्टर कीर्तन साहू, विकास खंड चिकित्सा अधिकारी मैनपुर डॉक्टर गजेंद्र ध्रुव, मुकेश साहू, देवभोग डॉक्टर एस. रेड्डी, डॉक्टर के के सहारे, खिलेंद्र साहू, प्रशांत साहू,प्रदीप साहू नर्सिंग ऑफिसर स्टाफ नर्स एवम फेडरेशन के सभी सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हैं