Recent Posts

October 17, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

21वीं शदी में भी पेड़ के नीच जिंदगी संवार रहे बच्चे

1 min read
Education system

लोगों ने शिक्षा व्यवस्था पर उठाई ऊंगली
बच्चों के सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों ने उठाया है प्रश्न
बारीपदा। odisha news। बच्चों के विकास के साथ उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार आए दिन एक एक योजना बना रहे हैं। ओड़िशा सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके राज्य के हर गांव में स्कूल खोला है, लेकिन हैरान वाली बात है कि अभी भी कई स्कूलों को एक स्थाई घर नहीं  है तो कहीं आवश्यकीय सामग्री नहीं मिल पाया है, जिसके कराण बच्चों को कभी किसी के बांरदा में तो कभी किसी पेड़ नीचे बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ रही है। इस प्रकार के अव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी दिखाने के साथ अभिभावकों ने बच्चों के सुरक्षा को लेकर प्रश्न उठाए हैं।

Education system

एसी घटना देखनों को मिली है मयूरभंज जिले के बारीपदा शहर के कप्तिपदा ब्लॉक के जड़िदा पंचायत के ठाकुर साहि में। इस साहि में कई सालों से एक स्कूल का घर तो है, लेकिन वो नहोने की बराबर है। ना वहां पर आवश्यकीय सामग्री है और नहीं शिक्षा पर्यावरण। इसलिए बच्चें मजबूरन पेड़ के निचे बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं। जिला से करीब पांच किलोमीटर की  दूरी पर रहे इस गांव में बच्चें भी है और स्कूल भी लेकिन अन्य सामग्री नहीं होने की शिकायत ग्रामीणों ने की है। खुला आसमान और घने पैड़ के निचे बैठे हैं बच्चें और स्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस चित्र को देखने के बाद पता सरकार के विकास के बारें में पता चला रहा है। यहां पर एक स्थायी घर नहोने के कारण स्थानीय ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। उन्होने शिकायत किया है कि साहि की ओर से बार बार जिला प्रशासन के पास मांग करने के बावजूद भी आज तक एक निर्माण नहीं किया गया। इस बात को लेकर स्थानीय प्रभाती राउत ने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास कराने के लिए मजबूरन हम लोग अपने बच्चों को स्कूल में छोड़ते हैं, लेकिन मन नहीं हो रहा है। क्यूंकि ऐसी अव्यवस्थित स्थिति में बच्चें ना कुछ  सीख पारहे हैं। लेकिन हमेशा एक डर सा लगा रहता है। इतनी बड़े पेड़ के निचे बैठ रहे हैं, कभी कुछ भी हो सकता है। इस लिए समस्या की ओर ध्यान देने के लिए सरकार के निवेदन करती हूं। वहीं दूसरी ओर ब्लॉक के शिक्षाअधिकारी शशिधर सिं ने समस्या के संपर्क में पता नहीं होने की बात कहे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े प्रधानशिक्षकों को सात दिन के भीतर बच्चे रुपये को वापस करने को निर्देश दी जाएगा। साथ ही इस समस्या की समाधान तुरंत करने की कोशिश करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *