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April 16, 2025

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राज्य निर्माण के 25 वर्ष बाद भी गरियाबंद के दर्जनों ग्राम लालटेन युग में, नदी उस पार ओड़िशा के ग्रामों में चकाचक बिजली की चमक

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने से अब जल्द ही मैनपुर क्षेत्र के ग्रामों में बिजली पहुंचाने की उम्मीद

गरियाबंद । आज कोई भी व्यक्ति बिजली के बगैर जिंदगी की कल्पना भी नही कर सकता लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश के गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड अंतर्गत ओड़िशा सीमा से लगे दर्जन भर से ज्यादा आदिवासी बहुल्य गांव पाराटोला ऐसे है, जहां राज्य निर्माण के 25 वर्षो बाद भी बिजली की रौशनी नहीं पहुंची है और घनघोर जंगल के अंदर ग्रामीण अंधेरे में लालटेन के सहारे जीवन यापन करने मजबूर हो रहे हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ओड़िशा सीमा से लगे मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम गरीबा, कोदोमाली, गौरगांव और आसपास के दर्जनो ग्रामो से शाम होते ही ओड़िशा राज्य की बिजली की रौशनी दिखाई देती है लेकिन हमारे क्षेत्र के ग्रामो में आज तक बिजली नहीं लग पायी है। मैनपुर विकासखंड के ग्राम गरीबा से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर ओड़िशा प्रदेश के पहला ग्राम धरमपुरा पड़ता है जहां चकाचक बिजली की रौशनी शाम होते ही दिखाई देती है। ठीक इसके विपरीत हमारे गरियाबंद जिले के अंतिम छोर में बसा एक दर्जन से ज्यादा ग्रामो में आज तक बिजली नहीं लगाई जा सकी है जिसके कारण यहां के ग्रामीणो को रात के अंधेरे दूर करने के लिए आज भी चिमनी और लालटेन का सहारा लेना पड़ रहा है। कहने को तो इन ग्रामो में क्रेडा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले सौर प्लांट लगाये गये है लेकिन अधिकांश ग्रामो में सौर प्लांट की स्थिति बेहद खराब हो गई है क्रेडा विभाग द्वारा देखरेख नहीं करने के कारण सौर ऊर्जा का लाभ ग्रामीणों को महज एक दो घंटा ही जल पाता है उसके बाद पूरी रात ग्रामीण लालटेन या फिर अंधेरे में जीवन बसर करने मजबूर हो रहे है।

  • डबल इंजन की सरकार बनने से अब इन गांवों में बिजली पहुंचने की उम्मीद जगी है

ओड़िशा सीमा से लगे बिजली विहीन ग्राम भुतबेड़ा, कुचेंगा, मोतीपानी, गरीबा, भाठापानी, कोदोमाली, साहेबिनकछार, नागेश, करलाझर, गौरगांव, लाटापारा, गरहाडीह आदि ग्रामो का जायजा लिया तो यहां के ग्रामीणों ने बताया मैनपुर मुख्यालय से लगभग 35 से 40 किमी की दूरी पर ओड़िशा सीमा पर यह गांव या इनके पाराटोला बसा हुआ है, जहां आज तक बिजली नही लग पायी है इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने बिजली लगाने की मांग को लेकर दर्जनों बार आंदोलन चक्काजाम तक कर चुके है सौर ऊर्जा लगाया गया है लेकिन उसकी स्थिति बेहद ही खराब हो चुकी है। इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चो को लालटेन की रौशनी पढ़ाई लिखाई करना मजबूरी बन गया है। पंखा कूलर टीवी आज भी लोगो के लिए किसी सपने से कम नही है क्योकि बिजली की रौशनी के बगैर इन सुविधाओ का कोई लाभ नही मिल पा रहा है। क्षेत्र के ग्रामीणो ने बताया अब छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा की सरकार है और केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है साथ ही पड़ोसी राज्य ओड़िशा में भी भाजपा की सरकार है। डबल इंजन की सरकार बनने से आदिवासी क्षेत्र के लोगो में बिजली की रौशनी गांव तक पहुंचने की उम्मीद बंधी हुई है।

  • क्षेत्र के सरपंच व वरिष्ठजनों ने बताया

क्षेत्र के सरपंच दीनाचंद मरकाम, गोना के पूर्व सरपंच सुनील मरकाम, फरसुराम नेताम, मगन नेताम ने बताया क्षेत्र के लोगो ने बिजली लगाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके है लेकिन अब तक समस्या का समाधान नही हो पाया है ग्रामीणों ने बताया पहले ओड़िशा में दूसरे पार्टी की सरकार थी और छत्तीसगढ़ में भी दूसरे पार्टी की जिसके कारण बिजली ओड़िशा से लाने में दिक्कत हो रही थी ग्रामीणो का मामना है अब केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की सरकार है और तो और ओड़िशा में भी भाजपा की सरकार है छत्तीसगढ़ के बिजली विहीन ग्रामो से आधा किलोमीटर दूर ओड़िशा के गांवो में बिजली लगा है इसलिए ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ के इन बिजली विहीन ग्रामो में बिजली पहुचाई जायेगी।

  • बिन्द्रानवागढ़ MLA जनक ध्रुव ने कहा, जल्द बिजली लगने की उम्मीद

बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव ने बताया कि बिजली विहीन ग्रामो में बिजली लगाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को स्वयं मांगपत्र सौप चुका हूॅ और इन ग्रामो का सर्वे भी हो चुका है उम्मीद है इस दिशा में राज्य सरकार कोई ठोस कदम उठायेगी।

  • जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा क्षेत्र की जनता शुरू से आन्दोलन कर रहे हैं

जिला पंचायत गरियाबंद के सदस्य संजय नेताम ने बताया राजापड़ाव – गौरगांव क्षेत्र के बिजली विहीन ग्रामो में बिजली लगाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन चक्काजाम किया जा चुका है और तो और यहां से जिला मुख्यालय गरियाबंद तक पदयात्रा कर चुके है। उन्होने कहा इन ग्रामो में बिजली लगाने के लिए आंदोलन की जरूरत पड़ेगी तो फिर आंदोलन किया जायेगा। श्री नेताम ने कहा वे हमेशा से इस क्षेत्र के समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे है और उनका संघर्ष जारी रहेगा।