बड़ा फैसला, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी आदिवासी नहीं है
हाईकोर्ट के आदेश पर गठित की गई थी हाईपावर कमेटी
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति मामले की जांच कर रही इत्यादि जाति विभाग के सचिव डी। डी। सिंह की पैठ हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है। हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी के सभी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया है। कमेटी ने तय किया है, कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी। हाईपावर कमेटी ने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) और 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित किया है। वहीं नियम 2013 के नियम 23 (5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। फैसले के खिलाफ अजीत जोगी हाईकोर्ट गए।जॉन कोर्ट ने हाईपावर कमेटी लागू किए न होने की वजह से इसे विधि अनुरुप नहीं माना था। हाईकोर्ट ने आदेश निरस्त करते हुए हाईपावर कमेटी को फिर से विधिवत रुप से गठित कर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने 21 फरवरी 2018 को फिर से हाईपावर कमेटी का पुनर्गठन किया।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अजीत जोगी ने 21 अगस्त 2019 को हाईपावर कमेटी के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत किया। संतकुमार नेताम ने पूर्व मुख्यमंत्री जोगी के मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में आवेदन करने की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद आयोग ने अजीत जोगी को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति / जनजाति आयोग को जाति का निर्धारण करने, जांच करने और निर्णय देने का अधिकार नहीं है। इस फैसले को लेकर संतकुमार नेताम सर्वोच्च न्यायालय भी गए थे, जिस पर नेताम की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर, 2011 को फैसला लिया था कि सरकार हाईपावर कमेटी बनाकर अजीत जोगी के जाति प्रकरण का निराकरण करे। जोगी के जाति मामले के लिए गठित कमेटी के छह सदस्यों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य सचिव रीना बाब साहब कंगाले, सदस्य जीआर चुरेंद्र, एस.आर. टंडन और जीएम झा थे। इस कमेटी ने जांच के बाद 27 जून 2017 को आदेश जारी कर अजीत जोगी की समस्त प्रमाणपत्रों को निरस्त कर दिया था।
पिछले दिनों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की बालजन बेंच ने अजीत जोगी की उस याचिका को खारिज किया था, जिसमें उन्होंने हाईपावर कमेटी के समक्ष पेश होने की नोटिस खारिज करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में अजीत जोगी को कमेटी के सामने एक महीने के भीतर उपस्थित होने वाले उत्तर प्रस्तुत करने को कहा था।