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October 20, 2024

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उफनते उदंती नदी में जान जोखिम में डाल पार कर चार शिक्षक पहुचे ध्वजारोहण करने

हीरा रत्नांचल ग्राम पायलीखंण्ड में पहुचने के लिए नही है पुल हर वर्ष स्वंतत्रता दिवस में शिक्षक नदी को पार कर पहुचते है स्कूल

रामकृष्ण ध्रुव मैनपुर

तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 38 किलोमीटर दुर पयलीखण्ड ग्राम में ध्वजारोहण करने शिक्षको ने उदती के उफनते नदी को हंडी के सहारे पार कर ध्वजारोहण करने स्कूल तक पहुचना पडा ज्ञात हो कि पिछले चार दिनो तक मैनपुर क्षेत्र मे झमाझम बारिश से नदी नाले अपने पुरे उफान पर है. ऐेसे में विशाल उदती नदी के उस पार पायलीखण्ड प्राथमिक शाला और मिडिल स्कूल में ध्वजारोहण करने स्कूल के शिक्षको को नदी के बाढ को पार कर ध्वजारोहण करने जाना पडा और 4 शिक्षको ने उफनते नदी को हंडी के सहारे पार कर सुबह 8:00 बजे पायलीखण्ड पहुचे शिक्षकों के इन साहस भरे कार्य का क्षेत्र मे लोग के द्वारा जमकर सराहना किया जा रहा है.

ज्ञात हो कि पायलीखण्ड ग्राम पुरे देश विदेश में हीरा खदान के नाम से जाना जाता है. इस गांव के नीेचे धरती में अपार हीरा रत्न भरा पडा है और इस गांव तक पहुचने के लिए अब तक न तो पक्की सडक बन पाई है और न ही पुल पुलिया इस गांव में पहुचने के लिए उदंती के बहुत बडी नदी को पार करना पडता है और इस नदी में अक्टुबर तक पानी का बहाव बडा तेज रहता है लेकिन पिछले चार पांच दिनों से क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश से खासकर पहाडी ईलाको के पानी इस नदी में उतरने के कारण नदी का बहाव तेज हो गया है.

हालाकि इन दिनो स्कूलों में कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों की छुटटी घोषित किया गया है लेकिन 15 अगस्त स्वंतत्रता दिवस को पायलीखंण्ड स्कूल में पदस्थ माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक मनीराम ठाकुर, पारेश्वर पटेल, प्राथमिक शाला के लक्ष्मण सिंह नेताम, एंव डेविड वर्मा शिक्षक ने उफनते उदंती नदी को हांडी के सहारे पार कर स्कूल तक पहुचे और ध्वजारोहण किया ग्रामीणों के साथ स्वंतत्रता दिवस मनाया. शिक्षकों ने बताया कि हर वर्ष लगभग अगस्त में बारिश होने के कारण उन्हे स्कूल तक हांडी के सहारे ही पहुचना पडता है. पिछले वर्ष तो ज्यादा बाढ था उसके बावजूद भी इन शिक्षकों ने नदी को हंडी के सहारे पार कर ध्वजारोहण करने पहुचे थे. इन शिक्षकों के द्वारा जान जोखिम में डालकर ध्वजारोहण करने स्कूल तक पहुचना और वंहा स्वंतत्रता दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया जिसका आसपास ग्राम के लोगो ने जमकर सराहना किया है, तथा शिक्षकों के साहस को सलाम किया है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 34 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत जागडा और उसके आश्रित ग्राम जो उदंती के विशाल नदी के उस पार बसा है ग्राम पायलीखण्ड,ग्राम पायलीखण्ड किसी परिचय का मोहताज नही पुरे देश दुनिया में विश्व प्रसिध्द हीरा खदान के नाम से जाना जाता है . बारिश के दिनों में इस गांव मे पहुचने वाले विशाल नदी में पुल पुलिया का निर्माण नही होने से यहा गांव बारिश के चार माह टापू में तब्दील रहता है. प्रधानपाठक मनीसिंह ठाकुर एवं शिक्षक पारेश्वर पटेल ने बताया इस गांव में रूकने के लिए व्यवस्था नही है.

इसलिए उन्हे नदी के इस पार ग्राम में निवास करना पडता है शिक्षको ने बताया उन्होने सैकडो बार इस नदी को पुर्व मे पार कर चुके है इसलिए नदी पार करने मे उन्हे ज्यादा परेशानी तो नही हुआ लेकिन 15 अगस्त के दिन नदी मे बाढ का पानी गले तक चल रहा था और तेज बहाव के कारण नदी पार करने में आधे घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया । वही दुसरी ओर शिक्षको के द्वारा उफनते नदी को गले तक बाढ के पानी को पार कर स्कूल पहुच ध्वजारोहण किए जाने की जानकारी क्षेत्र में ग्रामीणों के माध्यम से लगने पर सोशल मिडिया वाटसाप व ग्रामीणों ने शिक्षको के इस साहसिक कदम का जमकर प्रशंसा कर तारीफ भी कर रहे हैं।

ग्राम पायलीखण्ड स्थित माध्यमिक शाला परिसर में ध्वजारोहण किया गया और भारता माता के छायाचित्र की पुजा अर्चना किया गया इस दौरान माध्यमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष परमानंद नागेश, माध्यमिक शाला के अध्यक्ष श्रीराम, विशाल सोरी, कनसिंग, जादूराम, श्रीमती केशरी बाई, मितानिन रूखमणी बाई, कमितला बाई व ग्रामीणजन उपस्थित थे ।

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