अगले 3 साल में गरियाबंद नए और विकसित स्वरूप में दिखेगा: क्षीरसागर
1 min read- 15-20 दिनों में सुपेबेड़ा पेयजल का टेंडर लग जाएगा
- गरियाबंद के आसपास शासकीय जमीनों की काफी कमी हैं जिससे भवन नहीं बन पा रहे हैं
- रायपुर- देवभोग फोर लाइन की प्रक्रिया प्रारंभ है किंतु उदंती प्रोजेक्ट के चलते दिक्कतें आ रही है
गरियाबंद- जिले के जिलाधीश नीलेश क्षीरसागर ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए गरियाबंद के विकास की संभावनाओं को लेकर विस्तृत रूपरेखा बतलाई इस अवसर पर उन्होंने कहा वे और जिला प्रशासन की टीम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि गरियाबंद का स्वरूप 2 से 3 साल में पूरी तरह से बदला नजार आए जिसके लिए वे अपना पूरा समय दे रहे हैं और उम्मीद है कि आगामी कुछ वर्षों में गरियाबंद को एक नया तस्वीर पेश करेगी उन्होंने कहा जल जीवन मिशन के तहत सुपेबेडा को शामिल किया गया है। ऐसी संभावना है कि 15 से 20 दिनों के अंदर इसका टेंडर लग जाएगा और काम जल्द से जल्द प्रारंभ हो जाएगा जिससे सुपेबेड़ा को बहुत राहत मिलेगी और तेल नदी से सीधा पानी मिलने से ग्रामीण जनों की मंशा और जनप्रतिनिधियों की घोषणा भी पूरी हो जाएगी श।
इसी के साथ गरियाबंद जिले के अन्य क्षेत्रों मे भी पेयजल समस्या से राहत मिलेगा ।आरटीओ कार्यालय के लिए भी हम लगातार जमीन देख रहे हैं। इसकी भी इसके लिए भी राशि प्राप्त हो चुकी है अब जरूरत है तो जमीन की वहीं उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा जिला अस्पताल के लिए भी जमीन देख रहे हैं। सरकार राशि तो दे रही है पर जमीन की उपलब्धता न होने के चलते दिक्कतें आ रही है ऐसा भी प्रयास किया जा रहा है कि वॉलीबॉल कबड्डी शतरँज और साइकिलिंग खेलों के लिए के लिए भी विस्तृत योजना बनाकर इस क्षेत्र को विकसित किया जाए।
राम गमन पथ को लेकर उन्होंने कहा इसमें पैसा बहुत है और इस पर विकास करने की संभावना बलवती है इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि कूक्दा डैम में एक निजी कंपनी के माध्यम से जो कच्छ गुजरात एवं रायपुर के लोग सौर्य मंडल के विभिन्न ग्रहों और चांद तारों पर एक कार्यक्रम आयोजन किया जाएगा जिसके माध्यम से लोगों को सौरमंडल की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी । गरियाबंद के विकास के लिए नगर निवेश ने जो प्रस्ताव बनाया है उसे लागू करने की योजनाएं चल रही है। हालांकि यह प्रोसेस 5 से 6 साल में कंप्लीट होगा लेकिन इसके बनने से गरियाबंद एक नया स्वरूप में नजर आएगा और नगर व्यवस्थित नजर आएगा ।
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि दरसल कुछ दिक्कतें भी है जो विकास के कायोँ में अड़चन ला रहा है वह सरकारी जमीन की उपलब्ध नहीं होना है। गरियाबंद से देवभोग फोर लाइन की सड़क बनने की तैयारी चल रही है कुछ दिक्कतें उदंती सीतानादी टाइगर प्रोजेक्ट को लेकर के है जिसके चलते ऐसी संभावना है कि इस क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्र से सड़क निकाली जाएगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि जतमई घटारानी तौरेँगा जलाशय के विकास हेतु 2से4 करोड़ जल्द पहुंचने की संभावना है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि गरियाबंद जिले के विकास के लिए 200 करोड़ की राशि जल्द ही मिलेगा। वर्तमान समय में राम गमन पथ को लेकर राजिम फिंगेश्वर क्षेत्र को विकसित करने की योजना बन रही है। इसी के साथ अनेक योजनाएं राजिम में संचालित है जहां लगभग राजिम फिंगेश्वर के विकास के लिए 100 करोड़ रूपया लगने की तैयारियां हैं। गरियाबंद जिले में फूड प्रोसेसिंग की भी संभावनाएं बलवती है जिसके लिए तैयारियां प्रारंभ है। डाइट महिला बाल विकास, हाउसिंग बोर्ड, जल जीवन मिशन, के तहत अनेक योजनाएं संचालित होने वाली है दो-तीन साल में गरियाबंद एक नया स्वरूप में नजर आएगा पत्रकारों ने सुपेबेड़ा में स्वच्छ पानी को लेकर किए गए प्रश्न पर उन्होंने कहा हम प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक जमीन गरियाबंद क्षेत्र के आसपास मिले जिससे सभी चीजें यहीं पर गरियाबंद में उपलब्ध हो।
आगे उन्होंने कहा कि मक्का के खेती के दृष्टिकोण से गरियाबंद जिला पूरे प्रदेश में प्रथम है 2000 क्विंटल तक का की खरीदी अब तक हो चुकी है लगभग 40 लाख की खरीदी हुई है मुख्य रूप से शासन का उद्देश्य है। फसल परिवर्तन के माध्यम से लोगों को विकास को की गति को दुगुना करना जिसके लिए शासन पूरी तरह से प्रयासरत है और उम्मीद है कि मक्का की फसल में जहां बाजार मिलेगा और बिक्री आसानी होगी तो लोगों का झुकाव बढ़ेगा जिससे फसल परिवर्तन की संभावनाएं बढ़ेगी। इस अवसर पर उन्होंने ऐसी उम्मीद जताई कि आगामी तीन-चार सालों के अंदर गरियाबंद नगर वासियों के साथ ही जिला के लोगों को भी को एक नया स्वरूप देखने को मिलेगा।