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November 22, 2024

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रिजर्व बैंक को सरकार अपना ‘एक्सटेंशन काउंटर’ नहीं बना सकती: एआईबीईए

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Government cannot make Reserve Bank its 'extension counter'

नयी दिल्ली ।  अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने रिजर्व बैंक से सरकार को भारी मात्रा में अधिशेष कोष हस्तांतरित किये जाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। संघ ने कहा है कि रिजर्व बैंक को वित्त मंत्रालय की कोष जरूरतों को पूरा करने का एक्सटेंशन काउंटर नहीं बनाया जा सकता है। एआईबीईए ने कहा कि जो हो रहा है वह काफी ंिचताजनक है। एआईबीईए ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्थापना एक स्वतंत्र संस्थान के रूप में की गई थी। रिजर्व बैंक का कामकाज अर्थव्यवस्था में स्थायित्व सुनिश्चित करने के अलावा बाहरी स्थिरता, मौद्रिक स्थिरता और मुद्रा आपूर्ति की निगरानी करना है।

Government cannot make Reserve Bank its 'extension counter'

एआईबीईए ने बयान में कहा, आज जो हो रहा है कि वह काफी ंिचता की बात है। केंद्रीय बैंक पर कोष जारी करने के लिए सरकार की ओर से दबाव डाला जा रहा है। सरकार इस पैसे से अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करना चाहती है। रिजर्व बैंक के बोर्ड ने सोमवार को विमल जालान समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है।  इसमें से 1,23,414 करोड़ रुपये 2018-19 के लिए अधिशेष या लाभांश के रूप में और शेष 52,637 करोड़ रुपये अधिशेष पूंजी से दिए जाएंगे। एआईबीईए ने कहा कि रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारियों ने पहले भी इसका विरोध किया था। यही वजह रही कि उन्हें बीच में ही नौकरी छोड़कर जाना पड़ा। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि सरकार अधिशेष के हस्तांतरण  के नाम केंद्रीय बैंक पर दबाव बनाने के तरीके अपना रही है। इस आपात कोष के अधिशेष को सरकार को हस्तांतरित करते समय रिजर्व बैंक ने आरक्षित कोष को 6.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर रखने के बजाय 5.5 प्रतिशत के निचले स्तर पर रखा है। उन्होंने कहा कि इतनी भारी राशि के हस्तांतरण के बाद रिजर्व बैंक के पास आकस्मिक जोखिम से बचाव की कोई गुंजाइश नहीं बची है।

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