सरकार का निर्णय, स्कूली बच्चों को मार्च-अप्रैल यानी 40 दिनों का मिलेगा राशन सामग्री
1 min readRaipur- छत्तीसगढ में भी अब कोरोना काल में भी राज्य के सभी स्कूली बच्चों को राशन वितरण किया जा रहा है। इसकी शुरूआत बहुत पहले से हो चुकी है। रविवार शाम को स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि राज्य शासन के निर्णय अनुसार कोविड-19 के संक्रमण के चलते स्कूलों के बंद रहने की अवधि 1 मार्च से 30 अप्रैल तक कुल 40 दिन के लिए मध्यान्ह भोजन का सूखा राशन स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में वितरण किया जाएगा. सूखा राशन सामग्री का वितरण सुविधानुसार स्कूल में या घर-घर पहुंचाकर देने के निर्देश दिए गए हैं. वितरण के दौरान बच्चों या पालकों के मध्य सामाजिक दूरी बनाए रखी जाएगी। इस संबंध में संचालक लोक शिक्षण जितेन्द्र शुक्ला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जारी निर्देश में कहा गया है कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य में स्कूलों को आगामी आदेश तक के लिए बंद रखने का आदेश राज्य शासन द्वारा जारी किया गया। मध्यान्ह भोजन नियम के प्रावधान के अंतर्गत बच्चों को स्कूल बंद रहने की अवधि में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदान किया जाना है। खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल और निर्धारित कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री, दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित किया जाना है] मध्यान्ह भोजन योजना की गाइडलाइन के अनुसार कक्षा पहली से 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला या मदरसा-मकतबा में दर्ज है, मध्यान्ह भोजन दिया जाए।
सूखा राशन वितरण में बच्चों को चावल, दाल और तेल की मात्रा भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नहीं होनी चाहिए। बच्चों को प्रदाय की जाने वाली सामग्रियों को पृथक-पृथक सील बंद पैकेट बनाकर प्रति छात्र सभी सामग्रियों का एक बड़ा पैकेट बनाया जाए. वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्रियां उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का सामान नहीं मिलता है वे शिकायत कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सभी बच्चों को 40 दिनों का भोजन सामग्री दिया जाए।