जीएसटी कराधान प्रणाली : शैक्षिक प्रणाली को अभिन्न अंग बनाना जरूरी: अग्रवाल
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कैट ने किया मानव सांसधन मंत्री निशंक से शिक्षा पाठ्यक्रम में जीएसटी को शामिल करने का आग्रह
राउरकेला। देश की अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली में जीएसटी लागू होने से आये परिवर्तन को देखते कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) ने मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक से आग्रह किया है कि शिक्षा सहित कराधान भाग से संबंधित वर्तमान शैक्षिक पाठ्यक्रम में असमानता को दूर कर जीएसटी को भी शामिल किया जाए, जिससे विद्यार्थियों को नवीनतम कर प्रणाली की पूरी जानकारी हो सके। कैट की ओर से इस आशय का पत्र मानव सांसधन मंत्री निशंक को प्रेषित किया गया। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ब्रिज मोहन अग्रवाल ने कहा कि देश में जीएसटी के कार्यान्वयन के साथ अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली में काफी बदलाव आया है, जबकि स्कूल और कॉलेजों में कराधान के बारे में अध्ययन अभी भी पुराने कर सिस्टम पर आधारित हैं।
इसका स्पष्ट परिणाम यह होगा कि कराधान से संबंधित मौजूदा सिलेबस से पास होने वाले छात्रों को जीएसटी कराधान प्रणाली के साथ अपनी कराधान शिक्षा का मिलान करना मुश्किल होगा और इस तरह के गलत मैच का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि इन छात्रों में से देश में भविष्य के चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, इकोनॉमिस्ट और कराधान विशेषज्ञ होंगे और जैसे कि जीएसटी की बुनियादी बातों के जमीनी और बुनियादी ज्ञान के बिना, वे अपने पेशे के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे और यह व्यापार समुदाय को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा जो अपने कराधान दायित्वों के लिए सीए पर निर्भर है। कैट के पदाधिकारियों ने कहा कि 11 वीं और 12 वीं कक्षा के शैक्षिक पाठ्यक्रम और कॉलेजों में कराधान भाग और सीए और सीएस की शिक्षा में अनिवार्य रूप से जीएसटी कराधान प्रणाली को शैक्षिक प्रणाली के अभिन्न अंग के रूप में शामिल करना चाहिए।श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार देश भर में सुविधाएं केंद्र खोल सकती है, जहां लोगों को देश भर में ट्रेड एसोसिएशनों के साथ मिलकर जीएसटी कराधान प्रणाली के प्रारूप के बारे में लोगों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। इससे कर प्रणाली की पालना अधिक आसान होगी ।