Recent Posts

November 23, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

संकल्प संस्थान के हिंदी दिवस समारोह में आधा दर्जन पुस्तकों का विमोचन

1 min read
Half a dozen books released at the ceremony

डा. चितरंजन, डा. मधुसूदन, डा. श्याम को संकल्प साहित्य शिरोमणी सम्मान
राउरकेला। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था संकल्प संस्थान की ओर से 14 सितंबर को होटल शुभम के सभागार में हिंदी दिवस का पालन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. चितरंजन कर रायपुर से पधारे थे। उन्होंने अपने व्यक्तव्य में हिंदी की वर्तमान स्थिति की दश-दिशा पर विस्तृत विवेचना की। डॉ. चिंतरंजन कर गीत, गजल, समीक्षा, आलोचना के सशक्त हस्ताक्षर हैं और रवि शंकर विश्वविद्यालय  के प्रोेफेसर रहे हैं।

Half a dozen books released at the ceremony

हाल ही में सेवामुक्त हुए है। इस सभा में सर्वप्रथम सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। संकल्प संस्थान के संरक्षक डॉ. श्यामलाल सिंघल, अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार प्रजापति, सचिव डॉ. मधुसूदन साहा, उपाध्यक्ष डा. कृपा सिंधु नायक, कोषाध्यक्ष श्री श्याम सोमानी, सांस्कृतिक सचिव डॉ. संतोष श्रीवास्तव अतिथि के रूप मंचासीन थे। इस शुभ अवसर पर संस्थान के कार्यक्रम में डॉ. मधुसूदन साहा जी की पुस्तक की किताब-अंजुरी भर आचमन, डा. राधु मिश्र द्वारा अनुदित अजंमा सुरभि बेहरा की सपना जो पूरा न हो सका। कृष्णानंद तिवारी जी की सुभाषित पंखुड़ियां तथा डा. कृष्ण कुमार  प्रजापति का गजल संग्रह खयालों का सफर का विमोचन हुआ।इस मौके पर डॉ। चितरंजन कर, डॉ।मधुसूदन साहा, डा। श्याम लाल सिंधल जी को संकल्प  साहित्य शिरोमणी सम्मान-2019 से सम्मानित किया गया। वही श्रीमति शकुन अग्रवाल को अनिल स्मृति संकल्प साहित्य सौरभ सम्मान  से नवाजा गया।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ। चितरंजन कर, श्याम सोमानी,राधु मिश्र,व्यास अंजुम,डा।कृपा सिंधु नायक,डा। श्यामलाल सिंघल, डॉ। कृष्ण कुमार प्रजापति, मंगल सिंह, कृष्णानंद तिवारी, बासुदेव चमन,श्रीमति स्वर्णा साहा,श्रीमति सुमन भगत, श्रीमति शकुन अग्रवाल, श्रीमति अर्चना मुरारका, सुनील सावन, डॉ। मधुसूदन साहा ने काव्य पाठ किया।सभी कवियों ने अपने गीतों, गजलों, कवितायों से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। इस सत्र का संचालन डा।संतोष श्रीवास्तव जी ने अत्यंत सुचारू रूप से किया तथा अपने मुक्तायों से लोगों को हंसने, सोचने, खिलखिलाने पर विवश कर दिया। संकल्प संस्थान का यह आयोजन प्रत्येक वर्ष की भांती इस वर्ष भी सफल रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *