डुमरघाट तक सड़क नहीं होने से सैकड़ों आदिवासी विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को हो रही है भारी परेशानी : सहदेव साण्डे
- ग्राम पंचायत बोईरगांव के सरपंच सहदेव साण्डे ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर से मूलभूत सुविधाए उपलब्ध कराने पत्र लिखा
- रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर
मैनपुर – जनपद पंचायत मैनपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बोईरगांव के युवा सरंपच सहदेव साण्डे ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर को पत्र लिखकर मांग किया है कि ग्राम पंचायत बोईरगांव के आश्रित ग्राम जो बीहड जंगल के अंदर बसा हुआ है। ग्राम डुमरघाट यहा विशेष पिछडी जनजाति कमार आदिवासी बाहूल्य ग्राम है और इस ग्राम की जनंसख्या लगभग 360 की आसपास है। इस गांव में पहुचने के लिए आजादी के बाद से अब तक सडक निर्माण नही किया गया है।
बीहड घने जंगल और नदी नालों को पार कर इस गांव में पहुंचा जाता है। इस गांव में पहुचने के लिए एक नदी को आठ बार पार किया जाता है और यह मात्र ग्राम बोईरगांव से आठ किलोमीटर की दुरी पर है, लेकिन अब तक पक्की सडक पुल पुलिया का निर्माण नही होने से यहा के ग्रामीणों को हर माह राशन सामग्री के लिए बोईरगांव तक पैदल आना पडता है।
सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है। प्रसव के दौरान इस गांव तक 108 संजीवनी एक्सप्रेस महतारी एक्सप्रेस भी नहीं पहुंच पता बहुत ज्यादा बीमार होने पर लोग कांवर में बिठाकर मरीज को अस्पताल तक लाते है। यहा के बच्चें उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। सरपंच सहदेव साण्डे ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग किया है कि ग्राम डुमरघाट तक पक्की सड़क निर्माण कार्य करवाया जाए जिससे यहा के विशेष पिछडी कमार जनजाति के साथ आदिवासी ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके।
सरपंच श्री साण्डे ने बताया कि भाजपा शासनकाल के दौरान दो बार पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह बोईरगांव जनचैपाल के दौरान अचानक हेलीकाॅप्टर से पहुचे दोनो बार इस ग्राम पंचायत के ग्रामीणाें ने डुमरघाट तक सड़क के साथ बिजली लगाने की मांग किया था तब पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह ने 06 माह के भीतर बिजली डुमरघाट में लगाने की घोषणा किया था लेकिन आज तक डुमरघाट में बिजली नही लगाया गया कई बार सर्वे किया जा चुका है। सरपंच सहदेव साण्डे ने डुमरघाट तक पक्की सडक के साथ बिजली लगाने और ग्राम पंचायत बोईरगांव के आश्रित ग्राम झरियाबाहरा में यात्री प्रतिक्षालय निर्माण, शुलभ शौचालय निर्माण की मांग किया है।