तीर , धनुष पारम्परिक हथियार लेकर सैकड़ों आदिवासियों ने पदयात्रा प्रारंभ किया
आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए सड़क की लड़ाई लडेÞगी – लोकेश्वरी नेताम
मैनपुर। तहसील मुख्यालय मैनपुर में गुरूवार को बड़ी संख्या मे ंआदिवासी समाज के लोग गोडवाना भवन में एकत्र हूए और इष्टदेव, बुढादेव की पूजा अचर्ना कर मैनपुर से जिला मुख्यालय गरियाबंद 47 किलोमीटर पदयात्रा का शुभारंभ किए यह पदयात्रा अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिसद द्वारा जिला पंचायत गरियाबदं के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम के नेतृत्व में प्रारंभ किया गया। पदयात्रा प्रारंभ करने के पूर्व एक सभा का आयोजन किया गया सभा को सबोधित करते हुए जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि यह पदयात्रा 1927 के भारतीय वन कानून में प्रस्तावित 2019 के संसोधन के विरोध में प्रारंभ किया जा रहा है। अब आदिवासी समाज अपने अधिकारो के लिए चुप नही बैठेगी शासन और संविधान द्वारा मिले अपने अधिकारो के लिए संघर्ष करेगी।
क्षेत्र के आदिवासी भुंजिया नेता टीकम नागवंशी ने कहा कि लगातार शासन प्रशासन द्वारा आदिवासियों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है कभी टाईगर रिजर्व के नाम पर बेदखल किया जा रहा है तो कभी बडे कारपोरेट जगत को फायदा पहुचाने के लिए हमे परेशान किया जा रहा है आज भी अभ्यारण्य क्षेत्र के आदिवासी ग्रामो में ग्रामीण सडक, बिजली, पानी ,शिक्षा स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सुविधाओ के लिए तरस रहे है जब टाईगर रिजर्व क्षेत्र मे विकास की बात आती है तो पर्यावरण को नुकसान पहुचाने की बात कहकर इन आदिवासी ग्रामो में विकास कार्यों को रोक दिया जाता है। युवा आदिवासी नेता महेन्द्र नेताम ने कहा कि मैनपुर क्षेत्र के लोग आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है क्षेत्र के प्रमुख सलफ जलाशय बांध का निर्माण कार्य लगभग 30 वर्ष पहले प्रारंभ हुआ था, जिसमें 70 प्रतिशत कार्य हो चुका है लेकिन बाकी कार्यो में वन विभाग द्वारा रोक लगा देने के कारण आज तक इस बांध का निर्माण कार्य पुरा नहीं हो पाया, जिसके चलते क्षेत्र के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सलफ जलाशय बांध के लिए लगातार आंदोलन, प्रदर्शन क्षेत्र की जनता समय समय पर करती रही है लेकिन इस गंभीर समस्या के समाधान की ओर शासन प्रशासन द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा है। उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र से पहुचे पदुलोचन यादव ने बताया कि अब तक इस क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों में बिजली नहीं लगी है। लोगों को जमीन का पट्टा नहीं मिला है।
गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है जिसके चलते हम लोग आंदोलन करने बाध्य हो रहे हैं। इस दौरान कार्यक्रम को कई आदिवासी नेताओं ने सबोंधित किया और पारम्परिक हथियार तीर, धनुष, भाला लेकर पदयात्रा प्रारंभ किया यह पदयात्रा का नेतृत्व जिला पंचायत के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम कर रही है देर शाम पदयात्रा मैनपुर से लगभग 15 किलोमीटर दुर धवलपुर तक पहुंच चुकी थी और यह पदयात्रा शुक्रवार को गरियाबदं पहुंचकर कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस मौके पर प्रमुख रूप से आदिवासी भुंजिया नेता टीकम नागवंशी, महेन्द्र नेताम, पदुलोचन यादव, सुरेश नागेश, लिलेश कुमार, मोहर ओटी, प्रेमसिंग , सुकचन्द्र राम, बिजे नावगश्ांी, शिव कुमार नेताम, रायधर ओटी, संन्त सिंग, नारायण सिंग, प्रताप मरकाम, हदेश्वर राम, चैतराम जगत, सुकलाल सोरी, किशन नागेश, जीवन ओटी, धमर्धु्रव, यमेन्द्र ओटी, पुनित नेताम, मोहर सिंग, रामेश्वर सोरी, सगाराम सोरी, चन्द्रशेन नेताम, परमेश्वर, दाउमरकाम, विजय मरकाम, बुदेश्वर नेताम, रामकिशन नागेश, त्रिलोक, गौरकण नागेश, दौलत नेताम, फरस राम ठाकुर, पुनित राम ठाकुर, मोहन सिंग, सुकलाल, दशरथ जगत, दुर्जन सिंग, नोहर जगत, चैतन नेताम, गजेन्द्र नेताम, मुकेश ठाकुर, दुलारिन बाई, पुष्पा बाई, बुधिया बाई नागेश सहित बडी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित है ।