ICMR से नहीं मिली प्लाज्मा थैरेपी से Corona इलाज की अनुमति – स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव
1 min read- रायपुर छत्तीसगढ़
Chhatisgarh में Corona संक्रमण तेजी से फैल रहा है. मरीजों के ठीक होने के बाद वह घर बाद में पहुंच रहे हैं, उसके पहले ही Plasma ट्रांसफर कराने डॉक्टरों का प्रलोभन आने लगता है। इसी प्लाज्मा ट्रांसफर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का एक बड़ा बयान सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहां है कि इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की अनुमति नहीं है।
plasma थैरेपी से इलाज कुछ निजी अस्पताल अपने रिस्क पर कर रहे हैं। यह प्रमाणित थैरेपी नहीं है। इसके परिणाम को लेकर भी देशभर में अलग-अलग राय है। उन्होंने इसके लिए 20 से 40 हजार Rs तक वसूल किए जाने की शिकायतों पर कहा आईएमए को पहल करनी चाहिए। ताकि विवाद की हालत न बने।
आपको बता दें की छत्तीसगढ़ में कोराेना के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के साथ ही लोगों में भय का माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं दिल्ली और कई शहरों में कोरोना के मरीजों के ब्लड प्लाज्मा के जरिए संक्रमित लोगों को ठीक करने का प्रयोग सफल पाया गया है। हालांकि आईसीएमआर ने प्लाज्मा थैरेपी की अनुमति नहीं दी है, पर छत्तीसगढ़ में निजी अस्पताल इसके जरिए इलाज करने के लिए मरीजों से मोटी रकम वसूल कर भी कर रहे हैं। नवा रायपुर स्थित वेदांता अस्पताल में प्लाज्मा ट्रांसफर किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इसकी जानकारी आई है। छत्तीसगढ़ में प्लाज्मा ट्रांसफर से इलाज की अनुमति आईसीएमआर ने नहीं दी है, अत: इस पद्धति से इलाज डाॅक्टर अपने रिस्क पर कर रहे हैं। इसके इलाज में जरा सी चूक होने पर गंभीर परिणाम मरीज को भुगतने पड़ सकते हैं।
डोनर की सहमति भी जरूरी
प्लाज्मा थैरेपी के लिए कोरोना से ठीक होने वाले मरीज को चुना जाता है। कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति के ब्लड प्लाज्मा को किसी अन्य संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर कर इलाज किया जाता है। प्लाज्मा ट्रांसफर के लिए डोनर से सहमति लेना मेडिकल नियम के अनुसार जरूरी है। प्लाज्मा की इतनी मांग है कि संक्रमित मरीज ठीक होने से पहले ही संपर्क कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लाज्मा की मांग की पोस्ट से भरा हुआ है।