खास खबर… पायलीखंण्ड ग्राम के धरती के नीचे अपार खनिज सम्पदा का भंडार… ऊपर निवास करने वाले ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं
1 min readशेख़ हसन खान, गरियाबंद
- 15 वर्षो से अधुरा है लाखों को मिडिल स्कूल भवन
मैनपुर – इस गांव की धरती के नीचे अमूल्य रत्नों का भंडार भरा हूआ है और इसी धरती के उपर बसे ग्रामीण मूलभूत बुनियादी सुविधाओ के लिए तरस रहे हैं। मैनपुर विकासखण्ड के पायलीखंण्ड एक ऐसा गांव है जिसे सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी हीरा रत्नों से भरा क्षेत्र के रूप मे जाना जाता है। पायलीखंण्ड ग्राम मे ही हीरे के खदान है। जमीन के नीेचे रत्नों का भंडार है लेकिन इसके उपर निवास करने वाले लोगों के जीवन में समस्याओ के चलते अधेरा छाया हुआ है यहा के भोले भाले ग्रामीणों को तो यहा तक हक नहीं है की वे अपने धरती के नीेचे बिखरे पड़े रत्नों के भंडार को एक झलक देख सके। भले ही यह क्षेत्र रत्नगर्भ धरती के नाम से जाना जाता है लेकिन ऊपर समस्याओ का अम्बार भरा पडा है। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर ग्राम पायलीखण्ड हीरा खदान के नाम से पूरे देश ही नहीं विश्व मे भी चर्चित है यहां आस्टेलिया, यूरोप जैसे देशो से बड़े -बड़े वैज्ञानिक पहुंचकर हीरा खदान की सर्वे कर भारी मात्रा मे हीरा अलेक्जेंडर और कामती रत्न हीरा की जननी कैम्बर लाईट पाइप होने की पुष्टि की थी।
जमीन के भीतर अपार खनिज संपदा भरा हुआ है लेकिन इसके ऊपर निवास करने वाले ग्राम पायलीखण्ड के विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया आदिवासी छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 21 वर्षो पश्चात् भी मुलभुत बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है। गांव मे पहुंचने के लिए अब तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है और तो और इंद्रावन उदंती की बड़ी नदी मे बारिश के पूरे चार माह पानी चलते रहने से यहां के निवासियो को जान जोखिम मे डालकर आना जाना पड़ रहा है।
राशन चांवल दाल, मिट्टी तेल, नमक खरीदने के लिए इस नदी को पार कर जांगड़ा ग्राम आना पड़ता है, बिजली अब तक इस गांव मे नहीं पहुंची है। रात के अंधेरे मे लालटेन जलाना पड़ता है, यहा सौर उर्जा प्लेट लगाया गया है लेकिन वह कुछ घंटे ही जल पाती है फिर पुरी रात अंधेरे में लोगो को गुजर बसर करना पड़ता है। गांव के सात हैण्डपंप है लेकिन उसका पानी आयरन युक्त लाल है। इसलिए इसका उपयोग ग्रामीण नहीं करते।
बारिश में नहीं पहुंचती संजीवनी एक्सप्रेस
ग्राम पायलीखंण्ड के ग्रामीण जनपद सदस्य जयलाल नागवंशी, परमांनंद, लक्ष्मण सिंह, श्रीराम नागेश, त्रिलोक, सुरेश कुमार, घांसीराम, दुलार, रोहित सिन्हा, विशाल राम ने बताया ग्राम पंचायत जांगड़ा के आश्रित ग्राम पायलीखंण्ड की जनसंख्या लगभग 400 के आसपास है और अब तक पक्की सडक का निर्माण नही किया गया है। गांव मे पहुचने के लिए बडी नदी को पार करना पड़ता है जहां पुल का निर्माण नहीं किया गया। बारिश के चार माह यहा दलदल कीचड सड़क के कारण बडे़ वाहन नहीं आ पाते और तो और मोटर सायकल,सायकल भी नहीं आ पाता 108 सजीवनी एक्सप्रेस भी नही आ पाता ,घटना दुर्घटना गंभीर बीमार की स्थिति मे लोगों को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। कई बार सडक बिजली, स्कूल के लिए ग्रामीण फरियाद लगा चुके है ।
15 वर्षो से अधुरा है लाखों का मिडिल स्कूल भवन
पायलीखंण्ड, अधुरे भवन को पुरा करने कई बार ग्रामीण लगा चुके है फरियाद
ग्राम पायलीखण्ड में विशेष पिछड़ी जनजाति भुजिया जाति के लोग ज्यादा निवास करते है जिनके विकास और उत्थान के लिए शासन द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाए संचालित किया जा रहा है भुजिया प्रोजेक्ट बनाकर इनके विकास के लिए लाखों करोड़ो रूपये सरकार द्वारा कागजो में खर्च किया जा रहा है। ग्राम पायलीखण्ड में सन 1998 से प्राथमिक शाला व मिडिल स्कूल संचालित हो रही है। प्राथमिक शाला में कुल दर्ज संख्या 30 है ,यहां प्राथमिक शाला भवन की हालत पहले से जर्जर व बदत्तर हो गई है इस प्राथमिक शाला में सिर्फ दो कमरे है। एक कमरे में कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे पढ़ाई करते है तो इसी भवन में मिडिल स्कूल का संचालन किया जा रहा है। शासन द्वारा वर्ष 2006 में यहां मिडिल स्कूल भवन के लिए पांच लाख रूपये स्वीकृत किया था सर्व शिक्षा अभियान राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा निर्माण किये जा रहे यह मिडिल स्कूल भवन आज 15 वर्षो बाद भी अधुरा पड़ा हुआ है जिसकी जानकारी विभाग के आला अधिकारियों को होने के बावजूद अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है यहां प्राथमिक शाला अब तक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। बाहर से शौचालय को चकाचक कर दिया गया है लेकिन अब तक इसके लिए सेप्टिक टैंक व सीट नही बिठाया गया है ।
- क्या कहते है जनपद सदस्य
जनपद सदस्य जयराम नागवंशी ने बताया कि पायलीखंण्ड के अधुरे स्कूल भवन के निर्माण को पुरा करने के लिए कई बार जनपद के सामान्य सभा की बैठक मे मामला को उठाया गया है और तो और अधुरे स्कूल भवन के साथ यहा शिक्षकों की कमी को लेकर आवेदन देकर ग्रामीण थक गये है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बारिश के दिनो में नदी में बाढ़ आ जाने के कारण चार माह ग्रामीणों को भारी परेशानियाें का सामना करना पड़ता हैं।सड़क पुल पुलिया निर्माण के लिए कई बार पंचायत से प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है, अब तक मांग पुरा नहीं हुआ है।
जयराम नागंवशी जनपद सदस्य
2.सर्व शिक्षा अभियान के खंण्ड स्त्रोत समन्वयंक यशंवत बघेन ने बताया की पायलीखण्ड में मिडिल स्कूल भवन के लिए वर्ष 2005 में 05 लाख 17 हजार रूप्ये स्वीकृत किये गये थे निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य अधुरा छोडा़ गया है और वूसली प्रकरण बनाकर विभाग से भेजा जा चुका है।
यशंवत बघेल खण्ड स्त्रोत समन्वयंक सर्व शिक्षा अभियान मैनपुर