गरियाबंद वन मंडल 9 वन परिक्षेत्र में डेढ लाख परिवारों को कोरोना संक्रमण के समय मिला रोजगार
1 min read- गरियाबंद डीएफओ मंयक अग्रवाल के कुशल नेतृत्व में 150 महिला समूह को सालभर का मिला
- रोजगार वनोपज संग्रहण हजारो परिवारोें के लिए बना वरदान 50 करोड रूपये का किया गया नगद भुगतान
- रामकृष्ण ध्रुव मैनपुर
मैनपुर – कोरोना संक्रमण् काल मे वन वासियों के लिए वरदान साबित हुआ गरियाबंद वन मण्डल,जिस कीमती वनोपजो को बिचैलिये ओने पौने दाम में खरीदते थे उसकी वाजिब कीमत दिया| l320 से भी ज्यादा गाव में रहने वाले सैकड़ो परिवार को 6 माह में वन विभाग ने आधा अरब का किया भुगतान, वर्ष 2020 के आने से पहले ही कोरोना ने दस्तक देना शुरू कर दिया था| शुरुवाती दौर में आर्थिक तंगी का आभास नही हुआ आम लोगोों को पर समय बीतने के साथ ही रोजगार का संकट 2020 के आते ही गरीब परिवार के लिए चुनोती बन गया| परिस्थिति से निपटना राज्य सरकार के लिए भी चुनोती था|
ऐसे विकट समय में गरियाबंद वन मण्डल ने वन ग्राम के रहवासियों के लिए वरदान साबित हुआ|वन विभाग गरियाबंद वन मंडल के डीएफओ मयंक अग्रवाल के कुशल नेतृत्व में गरियाबन्द वन मण्डल के 9 परिक्षेत्र में आने वाले 320 से भी ज्यादा गाव में डेढ़ लाख परिवार को 50 करोड़ रुपये का भुगतान कर वनवासियों को आर्थिक सम्बलता प्रदान किया।
वनोपज संग्रहण में प्रदेश में गरियाबंद वन मंडल दूसरा स्थान प्राप्त किया- कोरोना संक्रमण का खतरा अप्रैल माह में अपने सबाब पर था|संग्रहण के मामले 120 फीसदी से भी ज्यादा संग्रहण लक्ष्य प्राप्त करने वाले बस्तर क्षेत्र ने हाथ खड़ा कर दिया,ऐसे में डीएफओ मयंक अग्रवाल ने सतत निगरानी कर हरे सोने का संग्रहण कराया|शोसल डिस्टेंस और अन्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 60712 संग्राहक परिवार से 58435 मानक बोरा पत्ता संग्रहण किया, जो कि लक्ष्य का 70 फीसदी आंकड़ा को छू लिया|इस आंकड़े ने प्रदेश में तेंदूपत्ता खरीदी के मामले में गरियबन्द को दूसरे नम्बर के दर्जे पर खड़े कर दिया|संग्राहको को 23 करोड़ 37 लाख का भुगतान किया गया|वनोपज का वाजिब कीमत दिया।
150 महिला समूहों को साल भर का रोजगार भी- इससे पहले वनोपज, बिचैलिये के हाथों में ओने पौने दाम पर चला जाता था नई सरकार ने वन धन की नई योजना लागू किया|इसके बेहतर क्रियान्वयन ने वनवासियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया|नतीजा यह रहा कि 218 ग्रामीण केंद्र व 28 हाट बाजारों के माध्यम से वन विभाग ने महज 3 माह में 10103 परिवार से 30 प्रकार के वनोपज खरीदी कर 4 करोड़ 50 लाख का सीधी भुगतान किया|
- इतना ही नही मरौदा में ओषधी प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित किया|150 महिला समूहों को जोड़ा गया जो विभिन्न प्रकार के औषधि निर्माण में लगें है, साल भर का रोजगार भी सुनिश्चित हुआ|योजना की सफलता को देखते हुए वर्ष 2021 में 11.12 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
784 छात्रों को मिली आर्थिक मदद- जिले में यह पहली बार सम्भव हो सका कि वनोपज संग्राहक परिवार में पढ़ने वाले 784छात्रों को 54 लाख 30 हजार रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया, 54780 परिवार वालो को लंबित 2018 की बोनस राशि 18.89 करोड़ का भुगतान किया गया।
मैनपुर में वर्षों से बंद दोना पत्तल सिलाई केन्द्र को प्रारंभ किया गया जहाँ मिल रहा है सैकड़ों महिलाओं को रोजगार
वर्षो पहले मैनपुर में वन विभाग परिसर पर दोना पत्तल सिलाई केन्द्र प्रारंभ किया गया था जो पिछले 15 वर्षो से बंद हो गया था जिसे गरियाबंद डीएफओं मंयक अग्रवाल के विशेष प्रयास से फिर प्रारंभ करवाया गया और आज इस दोना पत्तल सिलाई केन्द्र में क्षेत्र के सैकडो महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, साथ ही मास्क सिलाई कर भी इस केन्द्र में महिलाओं ने लाखों रूपये का आय प्राप्त किए है।
क्या कहते है डीएफओ मंयक अग्रवाल
इस सबंध में चर्चा करने पर डीएफओं मयंक अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल मे यह सब कर पाना एक चेलेंज था,टीम वर्क से सम्भव हो सका|समय पर हितग्राही मूलक योजनाओ का भुगतान, जरूरत मन्दो के काम आए इस लक्ष्य को लेकर जो बेस्ट हो सका हमारी टीम ने किया उन्होने आगे कहा क्षेत्र में जंगल की सुरक्षा, वन्य प्राणियों की सुरक्षा उनके पहली प्राथमिकता है।