वैक्सीन के मामले में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस के दबाव में घुटने टेके- राकेश तिवारी
- सरकार की अंतर्राष्ट्रीय किरकिरी होने पर मोदी सरकार के पास इस बात की घोषणा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था
- न्यूज़ रिपोर्टर रामकृष्ण ध्रुव
देश के करोना महामारी सहित हर मामलों मे अनिर्णय की स्थिति में रहने वाली मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस के दबाव में आनन फानन में पूरे देश में करोना महामारी के लिए राज्यों को 21 जून से निशुल्क टीके की आपूर्ति बात कह दी है । यह बात गरियाबंद जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राकेशतिवारी ने कही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को यह जिम्मेदारी शुरू से लेनी थी,अब जब टीकों के उत्पादन से तीन गुना माँग हो जाने के बाद सरकार की अंतर्राष्ट्रीय किरकिरी होने पर मोदी सरकार के पास इस बात की घोषणा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।
राकेश तिवारी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले ही कहा था कि केन्द्र सरकार पूरे देश को निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए और अंतिम व्यक्ति तक टीकाकरण का काम प्रदेश सरकारें करे।
जबकि 18+ के निशुल्क टीकाकरण की व्यवस्था छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में ही कर दी थी।किन्तु मोदी सरकार की असपष्ट टीका खरीदने की नीति के कारण छत्तीसगढ़ सरकार को अग्रिम राशि देने के बाद भी पर्याप्त टीके आज तक नहीं मिल सके और केंद्र द्वारा 45+ के लिए प्रदेश को उपलब्ध कराए टीकों का नियंत्रण स्वंय करने के कारण अधिकांश टीकाकरण केन्द्रों की व्यवस्था चरमरा गई है। राकेशतिवारी ने कहा कि करोना वायरस अभी भी कम नहीं हुआ है और ऐसे नाजुक समय में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा टीके की मांग और आपूर्ति का वास्तविक संतुलन का ऑकलन किए बिना भाषण मात्र से समस्या का हल नहीं होने वाला। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की टीकों के संबंध में की गई घोषणा का निर्णय काफी देर में लिया गया है,टीकों की निरंतर आपूर्ति की व्यवस्था को पुख्ता करना चाहिए था।
वही प्रधानमंत्री की इस घोषणा पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने कहा कि मोदी सरकार ने टीकों की असली समस्या उनकी उपलब्धता पर शुरू से ध्यान नहीं दिया,जिसकी वजह से विगत डेढ़ महीने टीकाकरण में अव्यवस्था बनी हुई है,मोदी सरकार ने जल्दीबाजी में सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस पार्टी के दबाव में 18+ आयु वर्ग के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश में निशुल्क टीकाकरण की घोषणा कर दी। राकेश तिवारी ने कहा कि मोदी जी ने अपने भाषण में हर उम्र के लोगों के लिए 21 जून से पूरे देश में निशुल्क टीकाकरण की बात तो बिना किसी तकनीकी तैयारी के तो कर दी लेकिन अब भी वो पूर्व निर्धारित दो टीको के बीच 28 दिनों के अंतराल और बाद में 42 और फिर 84 दिन किए जाने के औचित्य पर चर्चा ही नहीं किए जबकि आम जनता को यह निश्चित रूप से पता रहना चाहिए कि जो पहले दो टीको के बीच 28 दिनों का अंतराल सही था कि अब 42 के बाद 84 दिनों का,यदि 28 दिनों के अंतराल की नीति गलत थी तो जो पहले ऐसी नीति के तहत टीकाकरण करवा चुके उनको अब क्या करना होगा।
राकेश तिवारी ने कहा कि मोदी जी यदि दो टीको के बीच का अंतराल टीकों की उपलब्धता पर निर्धारित होना है तो ये देश के साथ बहुत बड़ा धोखा है,आपके देश में निशुल्क टीकाकरण की घोषणा का स्वागत है, लेकिन टीकों की आपूर्ति के साथ आप को देश को बताना होगा कि दो टीको के बीच का निश्चित अंतराल पहले 28 फिर 42 और बाद में 84 दिन कैसे निर्धारित किया गया।