शिशुवती महिलाएं भी करा सकती है टीकाकरण, छोटे बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने में मिलेगी मदद
1 min read- स्तपान से माताओं के शरीर से एंटीबॉडी बच्चों की शरीर में पहुँच जायेगी
- गोलू कैवर्त बलौदाबाजार।
स्वास्थ्य मंत्रालय एवं आईसीएमआर की नई गाइडलाइन के अनुसार अब शिशुवती, स्तनपान कराने वाली महिलाएँ भी टीकाकरण करा सकती है। छोटे बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए दूध पिलानें वाली माताएं अनिवार्य रूप से अपनें नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर कोविड का टीका लगा लेवें। टीका लगने से छोटे बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने में काफी मदद काफी मदद मिलेगी। विषय विशेषज्ञों एवं बच्चों के डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे एवं महिलाओं में संक्रमण का सर्वाधिक खतरा है। ऐसे में दूध पीने वाले बच्चों के शरीर मे कोरोना एंटीबॉडी निर्माण के लिए स्तपान कराने वाली महिलाओं को टीकाकरण कराना आवश्यक हो गया है। स्तपान से माताओं के शरीर से एंटीबॉडी बच्चों की शरीर में पहुँच जायेगी जिससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी।
कलेक्टर सुनील कुमार जैन आज अपील जारी करतें हुए जिलावासियों से कहा कि छोटे बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य एवं कोविड संक्रमण से बचाने के लिए शिशुवती महिलाएं अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराये। उन्होंने आगें बताया कि आने वाले समय मे कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है।
विषय विशेषज्ञ इस बात संकेत दे रहें है और यह तीसरी लहर छोटे बच्चों एवं महिलाओं को प्रभावित करेंगी। तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित ना हो एवं वर्तमान समय मे बच्चों में संक्रमण ना फैले इसके लिए शिशुवती महिलाएं अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराये एवं दूसरों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित करें।
बाल विकास विभाग को निर्देश
कलेक्टर सुनील कुमार जैन आज महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एल आर कच्छप को निर्देश देतें हुए कहा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांव गांव में शिशुवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। साथ ही टीकाकरण से होने वाले फायदों के बारे में महिलाओं को बताये।
बच्चों को गोद मे उठाने की परंपरा को करें बंद- डॉ योगेंद्र वर्मा
जिला चिकित्सालय में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ योगेंद्र वर्मा ने बताया कि बच्चों में संक्रमण फैलने की एक मुख्य वजह बच्चों को गोद मे उठाने की परंपरा है। प्रायः बच्चों को खेलाने के लिए सभी घरों यह करतें है। जिसके चलतें बच्चों में संक्रमण तेजी से फैल जाता है। मेरा सभी से आग्रह है कि बच्चों को केवल माँ के पास ही रखें। उसे अन्य किसी दूसरे व्यक्तियों के गोद मे ना देवें एवं ना ही बाहर ले जावें।
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