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October 18, 2024

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विस सब कमेटी सहकारिता व खाद्य आपूर्त्ति, उपभोक्ताओं के कल्याण में अनियमितता

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Irregularity in the welfare of consumers

बलांगंीर। स्थानीय सर्किट हाउस में विधानसभा गृह कमेटी-6 के सब कमेटी-1 द्वारा खाद्य आपूर्त्ति एवं उपभोक्ता कल्याण, सहकारिता, हस्त करघा, वयन एवं हस्त उद्योग आदि विभाग के कार्यों पर समीक्षा बैठक की गई। बैठक में कमेटी के अध्यक्ष नरसिंह मिश्र, सदस्य विधायक महिधर रणा एवं विधायक प्रदीप कुमार दिशारी, बलांगीर जिलाधीश एवं जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे। कमेटी के अध्यक्ष ने हस्त करघा एवं वयन उद्योग पर चर्चा करते हुए बलांगीर जिला के वयन उद्योगियों को दिए जाने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने सहित यहां के सभी हस्त करघा एवं वयन उद्योगियों को मंगा, लालटेन, सोलर लाइट तथा रंग उपकरण आदि बगैर किसी शुल्क के सरकार द्वारा उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने का निर्णय लिया था। खाद्य आपूर्त्ति, उपभोक्ता कल्याण एवं सहकारिता विभाग पर चर्चा के समय उनके अध्यक्ष द्वारा उपस्थित सहकारिता अधिकारियों से धान का ए-क्युमान किस प्रकार निर्धारित किया गया है पूछे जाने पर अधिकारी गलत तथ्य देते नजर आये। विभिन्न सोसाइटी द्वारा किसानों से गैर-क्यूमान धान को ए-क्यु में परिवर्त्तन कर किसानों को उपयुक्त मूल्य उपलब्ध कराए जाना चाहिए था, किन्तु किसी भी सहकारिता समिति में ए-क्यु यंत्र नहीं है, बावजूद इसके अधिकारी ए-क्यु मशीन होने का गलत तथ्य दे रहे थे।

Irregularity in the welfare of consumers

सबकमेटी ने जब ए-एक्यु यंत्र देखनी चाही तब जाकर एआरसीएस एवं डीआरसीएस ने किसी भी जगह पर ए-एक्यु मशीन न होने की बात स्वीकार करते हुए केवल धान की नमी मापने का मशीन होने की बात कही। इस प्रकार दोनों अधिकारियों का झूठ सामने आ गया। इसी प्रकार धान का बोरा भी किसानों को वापस न किए जाने के कारण यह एक राज्य स्तर पर बड़ा स्केम होने की बात पता चली। सहकारिता विभाग की चर्चा के समय अनेक अनियमितता कमेटी के सामने आयी। विशेष रूप से जरासिंहा की सहकारिता बैंक में किस प्रकार किसानों को केवल पेपर ट्रांजेक्शन के माध्यम लाखों रुपये का शोषण किया जा रहा है इस बारे में अनेक किसानों ने कमेटी के सामने सबूत के साथ शिकायत की थी। उक्त अंचल के एक ऋणि किसान ने सबूत के साथ अपनी शिकायत में बताया कि उनका ऋण सरकार द्वारा माफ किया गया था, परंतु बाद में ऋण बाबद में जाली पेपर ट्रांजेक्शन के माध्यम से मूल-ब्याज सहित 60 हजार रुपये पहुंच गया है। इस प्रकार ऋण लेने वाले किसानों की बैंक खाता सहकारिता बैंक प्रबंधन अपने पास रखकर अपनी मनमर्जी जालसाजी कर रहे हैं। कमेटी ने इस प्रसंग को गंभीरता से लेते हुए स्टेडिंग कमेटी-6 के आगे इसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट दाखिल करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया था एवं इसकी कॉपी जिलाधीश तथा विधानसभा को प्रदान करने का निर्देश दिया था। आवश्यकता पड़ने पर इस बैंक जालसाजी पर गृह कमेटी द्वारा विजिलेंस जांच की सिफारिश किए जाने की भी बात कही गई। इसी प्रकार रामचंद्रपुर डुमेरपीटा में इंश्युरेंस की धनराशि में हेराफेरी होने की अनेक किसानों ने शिकायत की थी। सरकार के निर्णय अनुसार बीमा की धनराशि कभी भी किसानों के ऋण से नहीं काटा जा सकता है, लेकिन इस अंचल में केन्द्रीय सहकारिता बैंक के अधिकारीगण किसानों को मिली कृषि बीमा धनराशि से कृषि ऋण को काट रहे हैं। इस पर गृह कमेटी ने तीव्र नाराजगी जाहिर की।  यहां तक कि बैंक प्रबंधन द्वारा किसानों को उनका बैंक पासबुक न देकर अपने पास रखकर मनमर्जी से झूठा लेन-देन दिखाकर किसानों को पैसा हड़प लिए जाने की शिकायत हो रही है। बाद में कमेटी ने क्षेत्र परिदर्शन में जाकर शांतिपड़ा अंचल के कुछ उपभोक्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान लोगों ने शिकायत की कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है, जबकि उनके कोटा मुताबिक नगरपालिका कार्यालय से उनका राशन लिया जा चुका है। इस पर कमेटी ने उपस्थित खाद्य आपूर्त्ति अधिकारी को मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उनके आस पास के अंचल में उपभोक्ता सेन्टर की व्यवस्था करने की सिफारिश की थी।

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