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November 20, 2024

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सौर सुजला योजना के तहत अब तक राज्य के विद्युत पहुंचविहीन क्षेत्रों में कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध

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  • छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि का सफल प्रयास 
  • रायपुर,  26 अक्टूबर 2020

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर वनांचल के गांवों में प्रकाश, पेयजल एवं सिंचाई की सुविधा को बढ़ावा दिए जाने का सफल प्रयास क्रेडा द्वारा किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना के तहत अब तक राज्य के विद्युत पहुंचविहीन क्षेत्रों में कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 74 हजार से अधिक सोलर पंप स्थापित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत किसानों को 2 एचपी से लेकर 5 एचपी तक की क्षमता के सोलर पंप विशेष अनुदान पर दिए जाने का प्रावधान है। बीते 2 सालों में छत्तीसगढ़ राज्य में 25 हजार से अधिक सोलर पंप स्थापित किए गए हैं।

इसी तरह राज्य के दूरस्थ एवं पहुंचविहीन ग्रामों में पेयजल की व्यवस्था के लिए सोलर पंप स्थापित किए जा रहे है। सुदूर अंचल के गांव और मजरो-टोलो में अब तक 12 हजार 238 नग सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में सौर ऊर्जा पर आधारित सामुदायिक सिंचाई योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य के सुदूर वनांचल क्षेत्रों के लघु एवं सीमांत कृषकों को बारहमासी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें सौर सामुदायिक सिंचाई योजना से लाभांन्वित किया जा रहा है। लघु एवं सीमांत कृषकों के समूह को, जिनकी कृषि भूमि के निकट सतही जल स्रोत उपलब्ध है, का चयन कर, उन्हें सामुदायिक रूप से सोलर पंप के माध्यम से सिंचाई की सुविधा सुलभ कराई जा रही है। बीते 2 सालों में राज्य में 281 सामुदायिक सिंचाई पंपों की स्थापना की गई है, इससे दो हजार हेक्टेयर रकबे में सिंचाई सुविधा सृजित हुई है।

राज्य के ऐसे गांवों और मजरा-टोलो में, जहां विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन गांवों के घरों को रौशन करने के लिए सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युतीकृत किया जा रहा है। बीते दो सालों में 36 हजार 875 घरों में सौर ऊर्जा के माध्यम से प्रकाश की व्यवस्था की गई है। राज्य में अब तक 1317 गांवों एवं मजरा-टोला के एक लाख 35 हजार घरों को सौर ऊर्जा से रौशन किया जा चुका है। सौर ऊर्जा के माध्यम से ग्रामों, कस्बों, नगरी निकायों के चौक-चौराहों और सार्वजनिक स्थलों में सोलर हाई मास्ट लाईट के जरिए प्रकाश की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में अब तक 1203 नग सोलर हाई मास्ट लगाए जा चुके है। सुदूर वनांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां विद्युत की नियमित आपूर्ति एवं कम वोल्टेज के कारण बाधित होती है। वहां सोलर कोल्ड स्टोरेज की स्थापना को राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि ऐसे क्षेत्रों में उत्पादित फल-फूल एवं सब्जियों को सोलर कोल्ड स्टोरेज के माध्यम से सुरक्षित रखा जा सके। राज्य में अब तक 55 नग सोलर कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए गए है। राज्य में अब तक 1255 शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना की गई है, जिसकी क्षमता 2920 किलोवाट है, जिससे प्रतिवर्ष 58 लाख यूनिट विद्युत का उत्पादन होता है, इससे स्वास्थ्य केन्द्रों में विषम परिस्थिति में जीवन रक्षक मशीनों का संचालन तथा वैक्सिन इत्यादि के रख-रखाव में मदद मिलती है।

सौर ऊर्जा के माध्यम से राज्य के सुदूर वनांचल के क्षेत्रों में पेयजल सोलर शुद्धिकरण सयंत्र भी स्थापित किए जा रहे है। राज्य के शासकीय एवं निजी भवनों की छतों पर ग्रिड कनेक्टेड सौर सयंत्रों की स्थापना भी लगातार की जा रही है। राज्य में अब तक 27 हजार किलोवाट क्षमता के रूपटॉप ग्रिड कनेक्टेड सौर सयंत्र की स्थापना विभिन्न शासकीय कार्यालयों, अस्पतालों, राज्य शासन के मुख्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में की जा चुकी है, जिससे प्रतिवर्ष 40.50 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आदिवासी छात्रावासों में सौर गर्म जल सयंत्र की स्थापना को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे ग्रामीण एवं विद्युत बाधित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों एवं छात्रावासों के बच्चों को गर्म पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। राज्य में अब तक 21 लाख 78 हजार 85 एलपीडी क्षमता के गर्म जल सयंत्रों की स्थापना की गई है।

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