क्या जँगलराज चल रहा है जँगल विभाग में ?… रक्षक ही बन गये भक्षक !
1 min read- शिखा दास, महासमुंद पिथौरा
- अतिक्रमण की गई वनभुमि पर वनसमिति अध्यक्ष की ट्रैक्टर अवैधानिक तरीके से मताई करते पकड़ी गई
- बुन्देली के ग्रामीणों को महज एक न्युहालैण्ड ट्रैक्टर की जब्ती के लिए लगानी पड़ी DFO से गुहार
- पिथौरा के वन साहेबानो पर ग्रामीणों को क्यों नहीं है भरोसा ?
महासमुंद। पुनः आज बुँदेली चर्चा में इसलिए रहा कि 7 जुलाई की दरमियान रात्रि को एक ट्रैक्टर वन भूमि में अतिक्रमण वाली जगह पर मथाई करते हुए ग्रामीणों ने पाया तो टिकरापारा वन समिति को सूचना दिये। पश्चात DFO को महासमुंद को शिकायत किया ग्रामीणों ने हालैण्ड ट्रैक्टर जब्त तब हुआ जब महासमुंद वनमंडल के DFO तक शिकायत हुई। विमल मानिकपुरी का ट्रैक्टर जब्त हुआ जो कि बुँदेली वन प्रबँधन समिति का अध्यक्ष है। साथ ही पहाड़ी के नीचे एक कक्ष का वेतनभोगी चौकीदार भी । महासमुंद के निर्देश पर हुई कार्यवाई वरना विभाग तो करता ही नहीँ । ग्रामवासियों ने कहा कि हालैण्ड ट्रैक्टर जब्त तब हुआ जब महासमुंद वनमंडल के DFO तक शिकायत हुई तब वन समिति अध्यक्ष विमल दासमहन्त का ट्रैक्टर जब्त हुआ है। यह ग्रामवासियो ने कहा स्वयम SDO BASANT रेँजर जेके गण्डेचा ने भी कहा, महासमुंद DFO के निर्देश पर हुई कार्यवाई। वरना विभाग तो करता ही नहीँ । ग्रामवासियों ने बार बार कहा । रेँजर ने अपने विडियोज़ बयान में जो कहा वो भी प्रस्तुत है। रेँजर ने कहा कि वन अधिनियम 1927 की धारा 30के तहत एक हालैंड ट्रैक्टर जब्त की गई हैं । जो विमल दास महन्त की है जो कि वनभूमि मे अतिक्रमण वाली खेत मे मताई कर रहा था ड्राइवर। रेँजर के मुताबिक POR क्रमांक 14326/18 कक्ष क्रमांक 224 में मताई कार्य किया जा रहा था। न्यूहालैण्ड ट्रैक्टर द्वारा SDO BASANTने भी कहा कि ग्रामीणों ने DFO को शिकायत किया था पश्चात उनके निर्देश पर कार्यवाही हॉलैंड ट्रैक्टर जब्ती की गई है जो कि विमलदास महंत बुँदेली वन समिति अध्यक्ष की है । क्या ग्रामीणों का भरोसा पिथौरा वनविभाग के अधिकारियों पर नहीं हैं ? तो अनुत्तरित ही रहे। sdo इस सवाल पर रेँजर का कहना था कि सबकी अपनी मर्जी कि कहाँ शिकायत करना है ?
अविश्वास का सवाल इसलिए नहीं कि पिथौरा कार्यालय को जो भी शिकायत मिलती है हम कार्यवाही करते हैं । पर दोनों अधिकारी यह भुल गयें कि आखिरकार DFO को शिकायत अब ग्रामीण क्यों करने लगे..?
12 वर्षों से काबिज है वनसमिति अध्यक्ष पद पर विमल
ग्रामीणों के बार बार गुहार के बावजूद आज तक नहीं हुआ चुनाव
कई रेँजर आए गये SDO भी आये गये पर मजाल की वन समिति भंग करें ? इसलिए उल्लेख करना जरुरी बहुत जरुरी कि यहीं विमलदास मँहन्त विगत 12 वर्षों से वन समिति के अध्यक्ष पद पर आसीन है। इन 12वर्षों मे कभी भी वनसमिति चुनाव बुँदेली मे नहीं हुआ बार बार ग्रामवासियो की गुहार के बावजुद पिथौरा वनविभाग आवेदन कुडेदान मे डालते ही रहा तो ग्रामीणों ने महासमुंद भी कई चक्कर काट लिए महासमुंद जिला का बुँदेली पँचायत ग्राम कभी पँचायत भ्रष्टाचार से तो कभी वनविभाग के मामले मे अनेकों मामले मे विवादों कारनामो से पुराना नाता रहा हैं । पुनः आज बुँदेली चर्चा मे इसलिए रहा कि 7 जुलाई 22 की दरमियां नि रात्रि को एक ट्रैक्टर वन भूमि मे अतिक्रमण वाली जगह पर मथाई करते हुए ग्रामीणों ने पाया तो टिकरापारा वन समिति को सुचना दिये कि पश्चात DFO महासमुंद को शिकायत किया। हालैण्ड ट्रैक्टर जब्त तब हुआ जब महासमुंद वनमंडल के DFOतक शिकायत हुई. विमलदासमहन्त का ट्रैक्टर जब्त हुआ है ।
महासमुंद के निर्देश पर हुई कार्यवाई वरना विभाग तो करता ही नहीँ । ग्रामवासियों ने कहा कि हालैण्ड ट्रैक्टर जब्त तब हुआ जब महासमुंद वनमंडल के DFO तक शिकायत हुई तब वन समिति अध्यक्ष विमल दासमहन्त का ट्रैक्टर जब्त हुआ है। यह ग्रामवासियो ने कहा स्वयम SDO BASANT रेँजर जे के गण्डेचा ने भी इसकी पुष्टि की कहा महासमुंद DFOके निर्देश पर हुई कार्यवाई. वरना विभाग तो करता ही नहीँ ग्रामवासियों ने कहा कि रेँजर ने अपने विडियों बयान मे जो कहा वो भी प्रस्तुत है। रेँजर ने कहा कि वन अधिनियम 1927 की धारा 30के तहत एक हालैंड ट्रैक्टर जब्त की गई हैं ।जो विमल दास महन्त की है जो कि उनका ड्राइवर वनभूमि मे अतिक्रमण वाली खेत मे मताई कर रहा था अवैधानिक रूप से । रेँजर के मुताबिक POR क्रमांक 14326/18 कक्ष क्रमांक 224 मे मताई कार्य किया जा रहा था । न्यूहालैण्ड ट्रैक्टर द्वारा जोकि वनविभाग की जमीन है। अवैधानिक तरीके से मताई किया जा रहा था।सुबह पता चला कि वनसमिति अध्यक्ष की ट्रैक्टर है । SDO BASANT ने भी कहा कि ग्रामीणों ने DFO को शिकायत किया था पश्चात उनके निर्देश पर कार्यवाही हॉलैंड ट्रैक्टर जब्ती की गई है जो कि विमलदास महंत बुँदेली वन समिति अध्यक्ष की है । 3 forest guard 1 डिप्टी ररेंजर भेजा गया। टिकरापारा वन प्रबन्धन समिति के सहयोग से ट्रैक्टर जब्त की गई. क्या ग्रामीणों का भरोसा पिथौरा वनविभाग के अधिकारियों पर नही हैं. तो अनुत्तरित ही रहे sdo बसन्त इस सवाल पर रेँजर का कहना था सबकी अपनी मर्जी कि कहाँ शिकायत करना है। अविश्वास का सवाल इसलिए नहीं कि पिथौरा कार्यालय को जो भी शिकायत मिलती है हम कार्यवाही करते हैं । उल्लेखनीय गौरतलब है कि दोनों अधिकारी यह भुल गयें कि आखिरकार DFO को शिकायत अब ग्रामीण क्यों करने लगे..? इसलिए उल्लेख करना जरुरी बहुत जरुरी कि यहीं विमलदास मँहन्त विगत 12वर्षों से वन समिति के अध्यक्ष पद पर आसीन है. इन 12वर्षों मे कभी भी वनसमिति चुनाव बुँदेली मे नहीं हुआ बार बार ग्रामवासियो की गुहार के बावजुद पिथौरा वनविभाग आवेदन कुडेदान मे डाल ते ही रहा तो ग्रामीणों ने महासमुंद भी कई चक्कर काट लिए । बुँदेली ग्राम को शहीद ग्राम आदर्श ग्राम का दर्जा वर्षों पहले मिल चुका है पर कभी पंचायत भ्रष्टाचार तो कभी अन्य विवादों राजनीतिक रसूखदारी से इसकी छबि धूमिल होती नजर आती है।
यहाँ forest NAKA सहित वन काष्ठागर भी हैं ।
विरोधाभाषी बयान क्यों ?
रेँजर ने कहा कि ट्रैक्टर नंबर नही पता जब कि SDO ने 4010 बताया है….new हॉलैंड ट्रैक्टर ?? मौके पर जब रेँजर का बयान लेकर यह प्रतिनिधी निकलीं तो विमल परिसर मे ही बैठे मिले । उनका पक्ष जानने की बात बोली तो वो रेँजर कक्ष मे उनके सामने जाके बैठ गयें और वहीं बयान शुटिंग करने की जिद पर अड गये पर इस महिलारिपोर्टर ने एक ना सुनी बाहर बयान देने की बात बोली जब बाहर निकले तो विमलदास महँत ने गरीब driver DARBAR YADAV पर ही आरोप मढ दिया कि वह बिना पुछे ट्रैक्टर ले गया था ।उन्हें कुछ भी नही पता । बरसों से आवेदन देते थक गए पर नही मिल रहा पट्टा चेहरे पर बेचारगी का भाव लिए ड्राइवर दरबार यादव उनकी बेटी भी वन कार्यालय परिसर में ही थे ।दोनों ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि वन विभाग की उस भूमि का पट्टा 40साल से नहीं मिला व। अन्य लोग भी बोनी कर रहे कई एकड जमीन पर वर्षो से पर उन पर कार्यवाही आज तक नही हुई होती । वनविभाग मे बरसों से अपनी राजनीतिक रसुखदारी से गहरी पैठ रखने वाले विमलदास महँत वनसमिति मे बरसो से अध्यक्ष के साथ साथ बुन्देली पहाड़ी के नीचें कक्ष के चौकीदार भी है जिसके लिए हर माह करीब रु..8000/ वेतन विभाग से मिलताहै ।
विमलदास महँत का ट्रैक्टर ज़ब्त ही नही होता अगर ग्रामीणों ने DFO को नहीं लगाया होता ।ऐसी चर्चाओं का दौर जारी गाँव से पिथौरा तक । DFO के आदेश पर ही ट्रैक्टर छोड़ा जा सकता है।
रेँजर ने कहा, बहरहाल सवाल बहुत हैं कि वनसमिति अध्यक्ष जो चौकीदार भी है अगर उसका ट्रैक्टर ही अवैधानिक कारनामा करते पाया गया वन भूमि पर तो वनभूमि का रखवाला कौन ? एक गँभीर हास्यास्पद विचार णीय पहलू यह कि एक ट्रैक्टर जब्ती के लिए DFO को गुहार लगानी पडती है तो फिर बाकी साहेबानो की ऐसी कौन सी हरकत की उन पर भरोसा ही नहीं रहा ग्रामवासियो का ?