कालजई गीत झुमकी तरोई रे भाई पर मंचन ने खूब तालियां बटोरी
तेजराम ध्रुव मुड़ागांव ( कोरासी)
नगर के आदर्श पूर्व माध्यमिक शाला छुरा में सांस्कृतिक समारोह का भव्य आयोजन हुआ। वीणापाणि मां शारदे की स्तुति के साथ अतिथियों द्वारा पुष्पमाल, कुमकुम, रोली अर्पित की गई। स्वागत गीत द्वारा अतिथियों एवं उपस्थित दर्शकों का अभिनंदन किया गया। बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु नगर पंचायत के अध्यक्ष खोमन चंद्राकर, उपाध्यक्ष रिंकू सचदेव, राजमाता श्रीमति चंद्रकुमारी शाह, पार्षदगण भोलेशंकर जायसवाल, श्रीमती मीना चंद्राकर, श्रीमती वेदमती साहू, श्रीमती रजनी लहरे एवं राकेश शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही। सेवानिवृत्त व्याख्याता के.आर. सिन्हा, सेवानिवृत्त प्रधानपाठक सुखी राम निषाद, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष प्रेम नारायण कुर्रे, सदस्य संतराम साहू, जहीर अहमद खान, नारायण चौहान, रोशन निषाद, दाऊलाल टंडन के प्रेरणादायक उपस्थिति ने बच्चों के मनोबल को ऊंचा उठाया। शिक्षाविद के.आर. सिन्हा द्वारा मतदाता जागरूकता की शपथ दिलाई गई। सांस्कृतिक गुलदस्ता का आगाज केसरिया, सफेद, हरे रंग की साड़ी के साथ तिरंगे की परिधान में पारंपरिक वेशभूषा अइठी, मुर्री, करधन, बाजूबंध, बंधा, सूर्रा से सुसज्जित, हाथों में धान के कटोरा के प्रतीक धान की बाली का झालर, हसिया, पैर में ढेंकी धारण की हुई छत्तीसगढ़ महतारी की झांकी के साथ राजकीय गीत से हुई। तत्पश्चात महिषासुर वध की झांकी के साथ मां अंबे कृपा करी की प्रस्तुति दी गई। प्रकृति प्रेम का संदेश देता हुआ आदिवासी नृत्य, देशभक्ति नृत्य, उड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, गुजराती नृत्य, नागपुरी नृत्य ने समा बांध दिया। वहीं छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दर्शाती बारहमासी गीत छत्तीसगढ़ दर्शन ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। करमा, सुआ नृत्य के साथ कालजई गीत झुमकी तरोई रे भाई पर मंचन ने खूब तालियां बटोरी। कर्म की प्रधानता के साथ जैसे करनी वैसे भरनी का सुंदर संदेश देता प्रहसन जइसन ला तईसन, नशा मुक्ति और राष्ट्रनिर्माण हेतु प्रेरित करने हेतु जीवंत नाटक और आत्मविश्वास, स्वावलंबन, प्रेम, सहयोग, आत्मनिर्भरता की सीख देने का रोमांचक प्रयास गुरुजी के चतुरई के माध्यम से की गई। प्रहसन के शब्दचयन, शुद्ध छत्तीसगढ़ी में भावाभिव्यक्ति, वार्तालाप, वेशभूषा, हंसी ठिठोली ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। साथ ही प्रहसन के द्वारा दी गई प्रेरक संदेश ने वर्तमान परिवेश पर सोचने को विवश कर दिया। कठिन आसनों को गीत में पिरोकर योग नृत्य पेश किया गया, तो पगला हंसी पर खूब ठहाका भी लगा। आठवीं के छात्र जतिन नागेश द्वारा जशगीत और दीप्ति ठाकुर द्वारा मीठ मीठ लागे की सुमधुर प्रस्तुति दी गई। मूक अभिनय के द्वारा मोबाइल के बढ़ते प्रयोग और दुष्परिणाम को संजीदगी के साथ प्रदर्शित किया गया। तो गांधी जी का संदेश देता सोलो डांस ने आजादी की कहानी को बयां किया। गेढी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति ने समारोह में जान डाल दी। देशभक्ति कार्यक्रम द्वारा अमर शहीदों की शहादत को नमन किया गया। अंत में शंकर पार्वती विवाह की झांकी ने दर्शकों के अन्तर्मन में गहरी छाप छोड़ी। पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ मौलिकता के संगम ने खूब लुभाया। उपस्थित अतिथियों द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल, साहित्य, सांस्कृतिक गतिविधियों को महत्वपूर्ण बताया गया। अतिथियों ने कहा कि ऐसे मंच से ही बच्चों की प्रतिभा का विकास होता है। बहुमुखी विकास हेतु ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक सी.आर.सिन्हा और जिला प्रशिक्षण आयुक्त स्काउट अर्जुन धनंजय सिन्हा ने किया। आभार प्रदर्शन शिक्षक मदन सेन द्वारा किया गया। समारोह की रूपरेखा वरिष्ठ शिक्षक मुरारी राम देवांगन द्वारा तैयार की गई थी। कार्यक्रम की अभूतपूर्व सफलता में प्रधान पाठक निर्भय राम ठाकुर, बी.एल.तारक, ऊखराज ध्रुवा, बी.एस.शांडिल्य, चंद्रभूषण निषाद, उमेश कुमार सेन ने अहम भूमिका अदा की। कार्यक्रम में योगविद शंकर यदु, शीतल ध्रुव, मेशनदन पांडे, गिरधारी कुम्भकार, श्रीमती सुमन ठाकुर, श्रीमती प्रेमवती ध्रुव, सुश्री सपना कन्सारि, श्रीमती तुलेश्वरि कंवर, श्रीमती शीलू कौशिक, डिलेश्वरि गोस्वामी, दामिनी सिन्हा, श्रीमती रामबाई सिन्हा, श्रीमती गीता देवी तारक, श्रीमती कुंती सिन्हा, श्रीमती करुणा ढिढि, श्रीमती कुलेश्वरि देवांगन, शिक्षक यशवंत सिन्हा, के.के. साहू, नरेंद्र देवांगन, नंदझरोखा कुर्रे, लवण साहू, राजकुमार लहरे, गिरिवर लहरे, हिरेन्द्र साहू, हीरालाल साहू, आसकरण टंडन, पीलीबाई, प्रोतीमा शर्मा, कविता पटेल, दिनेश्वरि, गणेशिया, लता बाई, फगणी बाई, प्रमिला, रुखमणी सहित भारी संख्या में नगरवासी एवं ग्रामीण अंचल के दर्शकगण उपस्थित रहे।