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October 19, 2024

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स्कूल-कॉलेजों मे मनाया गया करगिल विजय दिवस

Kargil victory day celebrated in schools and colleges

सेना के अदम्य पराक्रम को नमन
राजगांगपुर ।   भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं बलिदान का प्रतीक है करगिल युद्ध ।  इस युद्ध मे भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आक्रमण को नाकाम करते हुए विजय हासिल किया था ।   इसकी याद मे 26 जुलाई को देश भर मे करगिल विजय दिवस मनाया जाता है ।   इस अवसर पर झारबेडा स्थित डालमिया कॉलेज मे एनसीसी कैडेटों ने विजय दिवस का पालन किया एवं परेड कर करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके अदम्य साहस एवं सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया ।   इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य सहित प्राध्यापक जनार्दन कनौजिया मीन केतन बेहरा भोजराज परिजा सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे ।

Kargil victory day celebrated in schools and colleges

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य अशोक कुमार पंडा ने भारतीय सेना के अभूतपूर्व रण कौशल एवं पराक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए करगिल विजय गाथा का वर्णन किया ।   इस अवसर पर लेफ्टिनेंट मोहम्मद हामिद सीनियर अंडर आॅफिसर विपिन पांडे जूनियर अंडर आॅफिसर महेश मुंडा सरजेंट अविनास एक्का सीनीयर कैडेट विशाल कालो गणेश राजगंध सहित अन्य एन सीसी कैडेटों ने योगदान किया ।   वहीं राजगॉगपुर स्थित सरबती देवी महिला कॉलेज मे उडिसा एनसीसी राउरकेला शाखा की नवीं बटालियन ने विजय दिवस मनाया ।   इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य चंद्रमणी पटेल  प्राध्यापक सपन पंडा सहित एन सीसी आॅफिसर पुष्पा सारंगी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया ।  डालमिया सीमेंट परिसर स्थित डालमिया विद्या मंदिर मे करगिल विजयोत्सव पालन के अवसर पर एक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने भारत माता की जय शहीद जवान अमर रहे के नारे लगाए ।

Kargil victory day celebrated in schools and colleges

इस अवसर पर डालमिया विद्या मंदिर के प्राचार्य राघवेन्द्र द्विवेदी ने शहीदों के बलिदान सहित सेना के अदम्य साहस एवं पराक्रम को नमन किया ।   करगिल युद्ध मे भारतीय सेना ने विपरीत परिस्थिति मे जिस प्रकार का साहस पराक्रम दिखाया वह अतुलनीय है ।   भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आक्रमण का मुंह तोड़ जवाब देते हुए करगिल के द्रास बटालिक एवं तोलोलिंग की चोटियों पर तिरंगा लहराकर कर पूरे विश्व को  भारतीय सेना की शक्ती एवं शौर्य का परिचय कराया ।   इस युद्ध मे पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी ।   करीब पांच सौ जवानों ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूती दी ।   वहीं करीब पंद्रह सौ से अधिक जवान घायल हुए थे ।   करगिल विजय भारतीय सेना के स्वर्णिम इतिहास का दमकता पन्ना है ।

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