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May 20, 2025

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गरियाबंद के जंगल में फिर मिला तेंदुआ का शव, शिकार की संभावना, जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वन एवं वन्य प्राणी असुरक्षित

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • जिस क्षेत्र में रेस्क्यू कर तेंदुआ को सुरक्षित बचाया गया था उस इलाके में 4 दिन बाद तेंदुए की संदिग्ध मौत
  • खाल और अंग गायब, शिकार की आशंका, जांच में जुटा वन विभाग

गरियाबंद । गरियाबंद जिले में एक तरफ लगातार जंगलों में अवैध कटाई के मामले सामने आ रहे हैं तो ठीक दूसरी ओर वन्य प्राणी भी अब सुरक्षित नजर नहीं आ रहे हैं। और तो और मामला सामने आने के बाद ना जांच होती है और ना ही कोई कार्यवाही होती है जिसके कारण वन विभाग की जिम्मेदारों द्वारा घटना के बाद कागजी कार्यवाही करने के पश्चात मामले को भुला दिया जाता है। एक तरफ राज्य सरकार वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा बैठकों में लगातार निर्देश दिया जा रहा है बावजूद इसके ना तो वन सुरक्षित नजर आ रहे हैं और ना ही वन प्राणी। क्षेत्र के वरिष्ठजनों ने अब इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री केदार कश्यप से मुलाकात कर मामले की शिकायत करने की मन बना रहे हैं।

ज्ञात हो कि गरियाबंद जिले के जिस पंडरीपानी इलाके में 4 -5 दिन पहले तेंदुए को कुएं से निकालकर रेस्क्यू किया गया था, उसी इलाके के जंगल में दो अलग-अलग जगहों पर तेंदुए का शव मिला है। खाल और अंग गायब हैं। मृत तेंदुए की संख्या एक है या दो, इसकी जांच में वन विभाग द्वारा किया जा रहा है।

छुरा परिक्षेत्र के पंडरीपानी जंगल में मृत पड़े तेंदुए के शव का वीडियो पिछले तीन दिनों से वायरल हो रहा था। 500 मीटर के अंतराल पर दो अलग-अलग जगहों पर बॉडी पार्ट्स मिले हैं। तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों ने इसका वीडियो बना लिया था, लेकिन डर के कारण उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को नहीं दी। आज मीडिया कर्मियों की सूचना पर वन अमला दोनों स्थलों पर पहुंचा और तेंदुआ के बॉडी पार्ट्स को एकत्र किया। देखने में दो तेंदुओं के अंग लग रहे हैं। खाल और पंजों से नाखून समेत कई अंग गायब हैं।

हालांकि इस मामले में डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने कहा कि यह एक तेंदुआ है या दो, इसकी जांच चिकित्सकीय टीम कर रही है. मामला बेहद गंभीर है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य से यह शिकार का मामला प्रतीत हो रहा है। अंग भी गायब मिले हैं। पीएम (पोस्टमार्टम) के बाद जांच कर दोषियों को पकड़ा जाएगा।

पिछले एक डेढ़ वर्षो में नजर डालें तो गरियाबंद जिले के कई हिस्सों में तेंदुआ और कई वन्य प्राणियों की मौत हुई है। कई वन प्राणी का शिकार भी हुआ है लेकिन अब तक किसी मामले जिम्मेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है जिसके कारण ना तो वन सुरक्षित नजर आ रहे हैं और ना ही वन प्राणी।