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October 18, 2024

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हाथियों से अलर्ट का महासमुंद माॅडल दूसरे जिलों में भी होगा लागू

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Mahasamund model of alert from elephants will be applicable in other districts also

विधायक और डीएफओ के प्रयास से तैयार किया गया है प्रोजेक्ट
वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने की तारीफ

शिखादास /महासमुंद

सिरपुर इलाके में हाथियों के आंतक पर अंकुश लगाने हाथियों से ग्रामीणों को अलर्ट करने को लेकर किए गए प्रयोग के बेहतर परिणाम आए हैं। बेस्ट अलर्ट सिस्टम पर आधारित सजग मोबाइल एप से समय रहते ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है।

विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के प्रयास व डीएफओ मयंक पांडे के निर्देशन पर तैयार इस एप से जनहानि-धनहानि पर काफी हद तक अंकुश लग पाया है। लिहाजा महासमुंद के इस माॅडल को हाथी प्रभावित दूसरे जिले में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन विभाग की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की। जिसमें हाथियों की निगरानी को लेकर महासमुंद वनमंडल में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। साथ ही उन्होंने इस माॅडल को हाथी प्रभावित जिलों में लागू करने की बात कही। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि विधायक श्री चंद्राकर लगातार सिरपुर इलाकों में हाथी की समस्या को लेकर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराते आ रहे हैं।

कुछ माह पूर्व विधायक श्री चंद्राकर ने डीएफओ मयंक पांडे से मिलकर हाथियों की निगरानी, लोकेशन व ग्रामीणों को एलर्ट करने की बात को लेकर चर्चा की थी। जिस पर डीएफओ श्री पांडे के निर्देशन में बेस्ट अलर्ट सिस्टम पर आधारित सजग मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया। इस एप के माध्यम से पिछले छह महीने से हाथियों की निगरानी करने के साथ ही ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है। हाथियों के लोकेशन ट्रेस होने के बाद इस एप् के माध्यम से जनहानि के साथ ही धनहानि रोकने में काफी मदद मिल रही है। विधायक श्री चंद्राकर ने वन विभाग की टीम द्वारा तैयार की गई इस मोबाइल एप को बेहतर बताते हुए कहा कि इसका बेहतर परिणाम सामने आया है। इसके अलावा हाथी समस्या से निपटने के लिए कुछ नए प्रयोग करने डीएफओ से चर्चा हुई है।

प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया था एप, मिला बेहतर रिस्पांस

DFO -::
डीएफओ श्री पांडे का कहना है कि हाथियों से ग्रामीणों को अलर्ट करने प्रयोग के तौर पर इस एप को शुरू किया गया था। जिसका बेहतर रिस्पांस सामने आया है। लिहाजा अब एक-दो महीने में इस माॅडल को और बेहतर बनाकर एप्लीकेशन तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हाथी जब आबादी क्षेत्र की ओर आगे बढ़ते हैं तो लोेकेशन के आधार पर संबंधित गांव में मोबाइल के जरिए एक क्लिक से हूटर बजा अलर्ट जारी किया जाता है।

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