मैनपुर के शिक्षक ने बनाया बैटरी से चलने वाले मोपेड, बगैर पेट्रोल के 90 से 100 कि.मी. दौड़ता है
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- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। गरियाबंद के मैनपुर विकासखण्ड के खैरमाल प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक मोहर साय अपने स्कूल में नवाचार को लेकर मशहूर हैं,लेकिन इस बार वे स्कूल के बाहर नवाचार कर सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल शिक्षक मोहर साय ने पेट्रोल से चलने वाली मोपेड को अपनी तकनीक से बैट्री चलित मोपेड बना दिया है। गणित और विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक महंगे बजट में कटौती और पर्यावरण के लिए पहल किया है। शिक्षक ने पुराने पेट्रोल चलित मोपेड को इलेक्ट्रॉनिक असेंबल में 60 से 70 हजार खर्च किया। जो ढाई घंटे के चार्ज में 90 किमी का सफर तय करती है। शिक्षक ने कहा कि रोजाना पेट्रोल में खर्च होने वाले पैसे तो बचेंगे ही इसके साथ साथ पर्यावरण सुरक्षा के संदेश देकर मुझे सुकून मिल रहा है।
मैनपुर विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला खैरमाल के शिक्षक ने बताया कि उन्होने सबसे पहले पुरानी मोपेड खरीदा और उसमें तकनीकी का इस्तेमाल कर उसे अपने हाथो से बैटरी से चलने वाला बनाया है। उन्होंने ने कहा जंगल भीतर स्कूल में पढ़ाने जाना पड़ता था। सायकल का पैंडल मार कर स्कूल तक जाना पड़ता था बहुत परेशानी होता था तब मुझे ऐसा लगा कि एक ऐसा सायकल बनाया जाए जो बगैर पेट्रोल सेे चले और पैसा भी बचे उसके बाद मैनें प्रयास चालू किया। कई बार प्रयास करने के बाद डीसी मोटर में सफलता मिली शिक्षक ने बताया एक बार चार्ज करने पर 90 से 100 कि.मी. चलता है और पेट्रोल नही लगता। दो-ढाई घंटे में बैटरी चार्ज हो जाता है और एक क्वीटल का वजन खीच लेता है।