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November 19, 2024

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राजभवन से निषादों ने दिया झारखण्ड सरकार को 2 माह का अल्टीमेटम, 22 मांगें पूरी नहीं हुई तो आरपार की लड़ाई

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Nishad gave 2 months ultimatum to Jharkhand government from Raj Bhavan

बैनर और पोस्टर के रंग में रंगा झारखंड
राजभवन के समक्ष प्रदेश स्तर पर महाधरना के लिए निकल चुके है निषाद  
पारंपरिक नृत्य संगीत के साथ राजभवन की ओर कारंवा बढ़ चुका है
रांची। महाधरना में उपस्थित करीब 15 हजार से अधिक निषाद भाइयों को झारखंड एसोसिएशन आफ फिशरीज सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष चरण केवट ने संबोधित  किया। राज्य सरकार पर एक तरफ़ा वाक वॉर करते हुए श्री केवट ने कहा कि सरकार मत्स्य जीवी श्रमिकों के कल्याण की बजाय जल संसाधन और तालाबों को नगर निगम को सौंप कर कमाई करने में जुटी है। ऐसी सरकार को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।  इस अवसर पर राजभवन के समक्ष नियुक्त दंडाधिकारी को मांगपत्र देकर सरकार को 2 महीने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि यदि 22 सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम देखे जाएंगे।इस महारैली में निषाद समाज के हजारों लोग पूर्व जाल, कोचर और  मछली जैसी परंपरागत पहचान के साथ मोहरावादी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल से रैली निकालकर जबरदस्त प्रदर्शन किया।

Nishad gave 2 months ultimatum to Jharkhand government from Raj Bhavan
सुबह से झारखण्ड की राजधानी रांची में प्रदेशभर से निषादों का कारंवा जनसैलाब के रूप में उमड़ पड़ा। प्रदेशभ से पहुंचे करीब 15 हजार से अधिक निषादों ने रांची शहर को मछुवामय कर दिया। पारंपरिक ढोल-नगाडों की थाप पर जब हजारों का करवां राजभवन की ओर निकला तो देखने के लिए शहर उमड़ पड़ा। शासन और प्रशासन की तैयारियां भी उनके जजबे को रोक नहीं सकी । सुबह से शाम तक निषादों ने हक के लिए आवाज बुलंद किया । झारखंड एसोसिएशन आफ फिशरीज सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष चरण केवट से हजारों में उपस्थित सभा को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि विरोधी चाहे जितना जोर लगा ले हम अपने अधिकार राज्य और केन्द्र सरकार से छिन कर रहेंगे। इस बात पर राजधानी गूंज उठा।
राजभवन घेरने के लिए झारखंड एसोसिएशन आफ फिशरीज सोसाइटी के तत्त्वाधान में दजर्नों निषाद संगठन एक मंच पर आ गया गया है। महाधरना को सफल बनाने निषादों का करवा राजधानी रांची की सड़को पर उतर चुका है। राजधानी के चहुओर निषादों की गूंज सुनाई दे रही है। राजधानी रांची को बैनर और पोस्टर से पाट दिया गया है।

Nishad gave 2 months ultimatum to Jharkhand government from Raj Bhavan
इस महाधरना को देखते हुए सरकार भी घरबरा गई है।  रविवार से ही लोग रांची में जुटने लगे थे।  इस महाधरना का का उद्देश्य यह है कि निषाद समाज के लोगों को झारखण्ड में भी उत्तर प्रदेशए बिहार आदि स्टेट कि तरह आरक्षण के साथ ही साथ 22 मांगों को सरकार से मनवाया जाए।
इसकी तैयारियां माह भर से जोरों पर चल रही थी। सोसाइटी के हर कार्यकर्ता जोर.शोर से लगा हुआ है। इस संदर्भ में प्रदेश अध्यक्ष चरण केवट ने बताया कि चतराए हजारीबागए कोडरमा सहित कई जिलों का दौरा कर कहां के केवटए निषादए मछुवारों से अधिक से अधिक संख्या में महाधरना में पहुंचने की अपील की गई थी। समाज के लोग भी महाधरना में पहुंच कर करवा राजभवन की ओर निकल चुका है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक नृत्य संगीत के साथ 20 हजार लोगों का कारवां राजभवन की ओर नारों के बढ़ने लगा है।  समाज के लोगों को कोई समस्या न हो इसके लिए कई टीम बनाया गया है।  उन्होंने कहा कि इस समाज को  आजादी के बाद से अधिकार नहीं मिला।  सभी राजनितिक पाटिर्या सिर्फ वोट के लिए राजनीति करती आ रही हैए लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। तलाबो पर समाज का अधिकार है लेकिन उसका भी हक़ नहीं मिल रहा है। नगर निगम इस पर कब्जा कर रही है। नदी और नावों पर से अब समाज का अधिकार छिना जा रहा है।

Nishad gave 2 months ultimatum to Jharkhand government from Raj Bhavan

बिहार के तर्ज पर भी झारखण्ड में मछुआ आयोग का गठन हो। शासकीय पदों पर भी पहले की तरह अधिकार मिले।  इस महाधरना से हम सरकार को हिला देंगे। निषाद समाज क्या है ए ताकत का एहसास कराएंगे। हम अपना अधिकारी लेकर रहेंगे।  उन्होंने बताया कि मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने और मछुआरों को उनका हक दिलाने आदि मांगों को लेकर महाधरना ऐतिहासिक होगा।

Nishad gave 2 months ultimatum to Jharkhand government from Raj Bhavan
उत्तर प्रदेश से संजय निषाद और बिहार से मुकेश साहनी को बैनर और पोस्टर में स्थान दिया गया है। महाधरना में पहुंचे निषाद भाइयो का कहना है कि 22 मांगे हमारा अधिकार है। केवट जी का प्रदेशभर के निषादों का समर्थन है। उनके सानिध्य में प्रदेश के निषाद अपना अधिकार ले कर रहेंगे।

 

श्रमिक नेता भुनेश्वर केवट ने कहा कि मत्स्य पालन और बिक्री का अधिकार निजी बड़ी कंपनियों को देखकर श्रमजीवी समाज के परंपरागत अधिकारों को छीना जा रहा है।  झारखंड निषाद समाज के नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने भगवान राम का नया पार लगाने वाले मछुआरों से गद्दारी की है।  इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  इस मौके पर संजय साहनी, किशोर केवट, गणेश निषाद, गौर केवट, शिवलाल केवट, संवाद केवट, किशोर मला, नंदलाल केवट और श्याम लाल चौधरी आदि मौजूद थे।

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