Recent Posts

November 19, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

कोल इण्डिया वर्ष 2024 तक एक बिलियन टन कोयला उत्‍पादन करेगी – श्री प्रल्‍हाद जोशी

1 min read

अंगुल : कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि भारत सरकार की महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेडवित्त वर्ष 2023-24 तक 01 बिलियन टन कोयला उत्पादन करेगी और कंपनी आगामी वित्त वर्ष (2020-21) में 750 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेगी। अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कंपनी निकट भविष्य में लगभग 08 हजार भर्तियां करेगी। देश की तेजी से बढ़ रही ऊर्जा आवश्यकताओं के मद्देनजर लक्ष्यों को पूरा किए जाने की दिशा में शिद्दत से जुट जाने के निर्देश उन्होंने कोल इंडिया प्रबंधन को दिए हैं और कहा कि लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भारत सरकार और कोयला मंत्रालय कोल इंडिया की हरसंभव मदद करेगा। श्री जोशी शुक्रवार को कोलकाता में कोल इंडिया के 45वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

IMG-20191104-WA0012

समारोह को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने इस बात पर खुशी जताई कि कोल इंडिया राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपने कोयला उत्पादन को बढ़ाने हेतु व्यापक पूंजीगत व्यय करेगी। साथ ही, कंपनी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन कर अपने लक्ष्यों को समय पर हासिल करेगी।उन्होंने कहा कि देश में बिजली की मांग जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसे देखते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के एक-दूसरे के कार्यों को प्रभावित किए बिना कोयला उत्पादन करने की असीम संभावनाएं हैं।कोयला क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई के केंद्र सरकार के हालिया फैसले को कोयला क्षेत्र का अत्यावश्यक संस्थागत सुधार बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कदम से कोयला आयात पर देश की निर्भरता कम होगी और सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा।उन्होंने स्पष्ट किया कि कोयला क्षेत्र में एफडीआई के निर्णय का संबंध कोल इंडिया में एफडीआई से कतई नहीं है। बल्कि सरकार कोल इंडिया को और मजबूत करने की दिशा में कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एफडीआई से देश में उच्च स्तर की कोल माइनिंग तकनीक और आधुनिक प्लानिंग आएगी, जिसे कोल इंडिया भी अपना सकती है। दूसरी तरफ, एफडीआई करने वाली कंपनियां स्थानीय स्थितियों की समझ एवं विभिन्न स्थानीय मुद्दों पर सही तरीके से कार्य करने के गुर कोल इंडिया से सीख सकती है। लिहाजा एफडीआई को लेकर घरेलू कोयला कंपनियों में किसी भी तरह की आशंका बेबुनियाद है।समारोह को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने कोल इंडिया से अपील की कि वह वह अपने सीएसआर कार्यों के तहत केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान से जुड़कर अपनी कोयला खदानों से निकलने वाले पानी को शोधित कर कोयला क्षेत्रों की स्थानीय आबादी को आवश्यकतानुसार मुहैया कराने की पहल करे। साथ ही, देश से टीबी बीमारी के खात्मे की प्रधानमंत्री की अपील के मद्देनजर कोयला खदानों एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने का संकल्प ले।समारोह में कोल इंडिया के सीएमडी श्री अनिल कुमार झा, कंपनी के अन्य आला अधिकारी एवं श्रमिक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।श्री जोशी ने देश में पहली बार कैप्टिव कोल ब्लॉक के ई-ऑक्शन, कोयले के ग्रेड के आकलन के लिए थर्ड पार्टी सैंपलिंग, देश के कोयला खदानों में कोयले की नए सिरे से ग्रेडिंग कराए जाने सहित पिछले 05 वर्षों में देश के कोयला क्षेत्र को नई दशा एवं दिशा दिए जाने हेतु किए गए कार्यों की व्यापक जानकारी भी कार्यक्रम में दी।गौरतलब है कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) भारत सरकार की महारत्न कंपनी है। यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और देश के कुल कोयला उत्पादन में अकेले लगभग 82 प्रतिशत का योगदान देती है। चालू वित्त वर्ष में कंपनी को 660 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। कोल इंडिया की स्थापना 01 नवंबर 1975 को हुई थी और उस वक्त लगभग 79 मिलियन टन सालाना कोयला उत्पादन से अपना सफर शुरू करने वाली कोल इंडिया ने गत वित्त वर्ष में 607 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *