टिटिलागढ़ तेरापंथ भवन में स्थापना दिवस पर कार्यक्रम
टिटिलागढ़। टिटिलागढ़ तेरापंथ श्वेतांबर भवन में महातपश्वि महा श्रमणजी की सुशिष्या साध्वी प्रबलयशाजी एवं साध्वी सैरभयशाजी, साध्वी सुयशप्रभाजी के सानिध्य में स्थापना दिवस मनाया गया। उपरोक्त अवसर पर नगर के अनेक तेरापंंथी अनुयायी शामिल थे। साध्वी प्रवलयशाजी ने अपने श्रीमुख से कहा कि पर्युषण पर्व आध्यात्मिक पर्व का शुभारंंभ है। दीपावली, दशहरा, भैया दूज सामाजिक पर्व है। 15 अगस्त, 26 जनवरी राष्ट्रीय पर्व है। ये सारे पर्व की कोटि में आते हैं, परंतु पर्युषण पर्व आध्यात्मिक महा पर्व है। इसे मैत्री दिवस के रूप में मनाया जाता है। मैत्री दिवस आपके दिल के द्वार पर दस्तक देता है।
जागरण का संदेश देता है। मंत्री दिवस स्नेह वितिरित करता है। विद्वेष एक प्रकार की आग है। वह मैत्री के आग को भष्म कर देती है। भुल चुभन है, क्षमा सुमन है। दोनों का समन्वय पतझड़ का बसंत है। मैत्री पर्व प्रकाश के अवरण का पर्व है। शोधन एवं संयम की अराधना का पर्व है। यह चित चेतना को आत्म केन्द्रिय करने का पर्व है। भुलों को सुधारने और जीवन को सफल बनाते हैं। आचार्यश्री तुलसी के शब्दों में क्षमा वही कर सकता है जिसका हृदय विशाल है। दिल का बड़ा होता है। जिसमें सहजता, सरलता होती है। वहीं व्यक्ति आत्मलोचन करता है। जो व्यक्ति दूसरों को क्षभा देना और क्षमा लेना नहीं जानता उसका हृदय संकिर्ण होोता है। शांति उसे ही मिलती है जिसके हृदय में क्षमा का सागर लहराता है। क्षमा सेनापति है। क्षमा सारी गलतियों और अपराधोंं को धोने का वॉशिंग मशीन है। क्षमा मोक्ष का द्वार है। इस सभा ने युगों युगों से मानव जाति को नष्ट होने से बचाता है। क्षमा पर्व मनुष्य को पुन: लौटकर आने का शुभ संदेश देता है। प्रेम से असंभव भी संभव हो जाता है। क्षमा याजना पर्व में अंचल के विभिन्न नगरों जैसे केसिंगा, कांटाबांजी, बंगोमुंडा, सिंंधेकेला, बलांगीर एवं नगर के अनुयायी उपस्थित थे। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष अमरसिंह जैन, सचिव मनोज जैन, कोषाध्यक्ष नवीन जैन, अनिल जैन, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष गौतम जैन, सचिव संजय जैन, तेरापंथ सभा के प्रांतीय सलाहाकार प्रेमचंद जैन, संंगीत जैन, मुकेश जैन एवं तेरापंथ महिला मंंडल, तेरापंथ युवती परिषद शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।