22 नवम्बर को हुए केवट – निषाद समाज केंद्रीय समिति शिवरीनारायण के चुनाव को निरस्त करने के बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल
- गोलू कैवर्त, बलौदाबाजार
विगत 22 नवम्बर 2020 को केवट /निषाद समाज केंद्रीय समिति शिवरीनारायण ने मतदान सम्पन्न कराए थे।जिसमें 28 परिक्षेत्र के महज साढ़े 8 सौ मतदाताओं को मताधिकार करने का स्वीकृति दिये प्राप्त रहा। समाज के शेष अन्य मतदाताओं सहित महिलाओं को मतदान से वंचित रखकर चुनाव कराए गए कि जानकारी वोटिंग लिस्ट एवं सामाजिक लोगों के माध्यम से प्राप्त हुआ।उक्त सम्पन्न हुए चुनाव को समाज के कुछ जागरूक लोगों ने चुनाव को दोषपूर्ण, अवैधानिक, एवं भेदभाव की नीति से प्रेरित मानते हुए छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय बिलासपुर में जनहित याचिका दाखिल कर शिवरीनारायण में हुए चुनाव को निरस्त कर नियम विरुद्ध चुनाव सम्पन्न कराने वाले केंद्रीय समिति के पदाधिकारियों ,परिक्षेत्र अध्यक्षों , वर्तमान मुख्य चुनाव अधिकारी एवं सहायक चुनाव अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग किये गए हैं। जिसके लिए 20 नवम्बर को कोरबा निवासी मशहूर अधिवक्ता एवं केवट /निषाद समाज कोरबा जिला ईकाई विधिक सलाहकार श्रवण कुमार केवट ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दिनांक को उपस्थित होकर अपने वरिष्ठ अधिवक्ता के माध्यम से दाखिल किये गए हैं।
गौरतलब हो कि केंद्रीय समिति शिवरीनारायण ने विगत 22 नवम्बर को जो सामाजिक चुनाव कराए थे उसमें विधि विपरीत परिक्षेत्र वार अपने ही चहेते लोगों का मतदाता सूची बनाकर उन्हीं लोगों से ही मतदान कराए गए हैं का आरोप लगाए गए हैं। चंगोरी परिक्षेत्र में कुछ गांव तो ऐसे भी हैं जहां जान बूझकर सोची समझी योजना के तहत एक भी सदस्य को मतदाता सूची में शामिल नहीं किये जाने का आरोप कार्यवाहक अध्यक्ष पर लग रहा है। सच्चाई यह भी सामने आ रहा है कि मतदान से वंचित रहने वाले समाज के महिलाओं एवं पुरुष मतदाताओं में चुनाव को लेकर रोष है। चुनाव लेकर याचिका दाखिल करता श्रवण कुमार कैवर्त ने हमारे संवाददाता गोलू कैवर्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उनका कोरबा जिला को पूर्णतः चुनाव प्रक्रिया से वंचित कर मनमानी एवं दोषपूर्ण तरीके से चुनाव की किये जाने की बात बताया।
इसी कारण विवश होकर बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की बात कहा, आगे यह भी बताया कि भारतीय संविधान ने सभी महिलाओं को चुनाव में मतदान करने का अधिकार दिये गए हैं तो फिर केंद्रीय समिति के चुनाव अधिकारियों द्वारा समाज के अन्य महिलाओं, युवतियों एवं युवाओं को मतदान से वंचित रखना क्या न्याय संगत कहा जाएगा। श्री कैवर्त ने मीडिया को यह बात भी कहा कि सामाजिक लोगों की वैधानिक अधिकार, समानता एवं मौलिक अधिकार के लिए आवाज उठाते रहेंगे। चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े। समाज के कुछ अन्य लोगों ने भी मीडिया को बताते हुए कहा कि चुनाव न्याय संगत नहीं हुआ है निरस्त होनी चाहिए। श्रीमती अमृता निषाद निषाद समाज कोरबा महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष ने कही की 22नवम्बर को दोषपूर्ण तरीके से सम्पन्न शिवरीनारायण का चुनाव न्याय संगत नहीं है। चुनाव निरस्त होना चाहिए महिलाओं को जब शासन प्रशासन बराबरी का भागीदारी प्रदान कर रही है तो सामाजिक चुनाव में क्यों नहीं?इसी प्रकार कोरबा निवासी डॉ रामकुमार निषाद ने भी शिवरीनारायण के चुनाव को अवैधानिक बताते हुए निरस्त किये जाने की बात कहा है।
केंद्रीय समिति शिवरीनारायण पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर कैवर्त ने भी कहा कोरबा जिला को चुनाव से अलग रखना सर्वथा अनुचित एवं न्याय संगत नहीं है। इस मामले पर कसडोल मतदान चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र जलतारे ने मीडिया को बताया कि सभी को चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करवाने के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ेगा, जो कोरोना संकट काल मे सम्भव नहीं है।वर्तमान सरपंच प्रतिनिधि बाजार भाटा बलराम कैवर्त्य ने भी चुनाव को लेकर असंतुष्टि जताया है। कोरबा जिला में जंहा चुनाव को लेकर विरोध की लहर है वहीं अब बलौदाबाजार जिले के कसडोल एवं बिलाईगढ़ विधानसभा में भी विरोध की लहर सामने आ रहा है।विरोध की लहर से अंदाजा लगाना कठिन नहीं होगा कि कंही चुनाव प्रक्रिया का विरोध के लिए सामाजिक लोग सड़क तक की लड़ाई लड़ने को मजबूर न हो जाए। खैर यह देखने वाली बात होगी कि विरोध की लहर कब तक चलता है।कसडोल में पदस्थ राजस्व निरीक्षक एवं वर्तमान केवट उत्थान कर्मचारी समिति कसडोल के सरंक्षक रमाकांत कैवर्त जो प्रशासन स्तर के बहुत सारे चुनाव प्रक्रिया को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनाव कराए जाने का लंबा अनुभव है।
उन्होंने भी हमारे संवाददाता गोलू कैवर्त को चर्चा में बताया कि शिवरीनारायण में 22नवम्बर को हुए चुनाव में कोरबा जिला को अलग रखना एवं परिक्षेत्रवार अपने अपने चहेते लोगों का ही मतदाता सूची में नाम जोड़ना और महिलाओं का नाम नहीं जोड़ना विधिवत एवं न्याय संगत नहीं है। इस मामले पर 22 नवम्बर 2020 को शिवरीनारायण में मुख्य चुनाव अधिकारी के पद पर चुनाव सम्पन्न कराने वाले जयपाल विनायक ने संवाददाता गोलू कैवर्त को चर्चा में बताया कि कोरबा परिक्षेत्र दान राशि सहयोग करने में असमर्थता दिखाते रहे हैं इसके अलावा उन्होंने यह बात भी कहा कि कोरबा को चुनाव में अलग रखना उनका व्यक्तिगत निर्णय नहीं है।
इसके लिए 23 से24 परिक्षेत्र के अध्यक्षों ने सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित कर चुनाव से वंचित रखने का निर्णय लिए गए थे।महिलाओ की भागीदारी क्यों सुनिश्चित नहीं के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सभी 28 परिक्षेत्र के अध्यक्षों को केंद्रीय समिति के पदाधिकारियों द्वारा निर्देशित किये गए थे कि परिक्षेत्र वार वोटिंग लिस्ट सूची में महिलाओं को भी प्राथमिकता देना है, परिक्षेत्र वार सूची में यदि महिलाओं को प्राथमिकता नहीं दिये गए हैं तो उनका सम्पूर्ण जवाबदेही परिक्षेत्र वार अध्यक्षों की है।मामला उच्च न्यायालय बिलासपुर में दाखिल होने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा माननीय उच्च न्यायालय से जो भी निर्देश प्राप्त होगा उस निर्देश के पालन के लिए तैयार हैं।