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November 24, 2024

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बारिश में रेलवे कॉलोनी में पेयजल की समस्या से भारी असंतोष

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Problem of drinking water in railway colony in rain

रखरखाव में अनियमितता से गोपबंधुपाली में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था चरमरायी
राउरकेला। बारिश के मौसम में रेलवे कॉलोनी में पेयजल की किल्लत से रेलकर्मियों से लेकर अन्य बस्तीवासियों में आक्रोश व असंतोष बना है। वहीं गोपबंधुपाली में रखरखाव में बरती जा रही अनियमितता से पेयजल की भारी किल्लत है, जिससे अंचल के लोगों में असंतोष बना है। राउरकेला रेलवे कालोनी मे पेयजल संकट महिने भर से चल रहा है। हर दिन एक वक्त जल वितरण हो रहा है। मात्र एक पंप चल रहा है, जिसे विश्राम देकर चलाया जाता है। निष्कासन क्षमता कम होने के कारण भी जल वितरण मे दिक्कत हो रही है। विद्युत विभाग के अधिकारी कान मे तेल डाल कर सो रहे हैं।

Problem of drinking water in railway colony in rain

अंचल मे पानी का किल्लत है और फोरमैन छुट्टी मना रहे हैं, वहीं अन्य अधिकारियों का बात करने का वक्त नहीं है। विद्युत विभाग के इलेक्ट्रिक फोरमैन के कार्यालय के बाहर मेंस कांग्रेस के नेतृत्व में कर्मचारियों का विक्षोभ प्रदर्शन किया गया। गोपबंधुपल्ली में पेजयल समस्या के समाधान के लिए हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम तथा इंडियन आयल कार्पोरेशन की ओर से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से छह डीप बोर वेल, मोटर पंप, 15 से 20 हजार लीटर क्षमता वाले ओवर हैड टंकी बनाने के साथ घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाने का काम छह साल पहले किया गया था। बिजली बिल अधिक होने व देखरेख के अभाव में दो योजना बेकार हो गयी है जबकि अन्य की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है। गोपबंधुपल्ली व टिबर कॉलोनी क्षेत्र की 20 हजार से अधिक आबादी को गर्मी आते ही पेयजल की घोर किल्लत का सामना करना पड़ रहा था। जलस्तर नीचे जाने के कारण सामान्य नलकूप बेकार साबित हो रहे थे। समस्या से निपटने के लिए सांसद जुएल ओराम के प्रयास से टिबर कॉलोनी में दो डीप बोर वेल खोदे गए एवं पाइप लाइन से जोड़कर स्टैंड पोस्ट के जरिये पानी की आपूर्ति शुरू हुई। आईओसीएल की मदद से निर्मित ओवर हैड टंकी से भी डेढ़ सौ से अधिक परिवारों तक पानी पहुंचाया गया जो अब तक ठीक ठाक चल रहा है। बस्ती में बीपीसीएल की ओर से पुलिस चौकी के पास तथा अमरनाथ बस्ती में दो योजनाओं का काम शुरू किया गया। इनके द्वारा केवल डीप बोर कर मोटर के जरिए टंकी तक पहुंचाया गया पर घर-घर पानी पहुंचाने का अधूरा छोड़ दिया गया। एचपीसीएल की ओर से तेलीपाड़ा तथा लोहरापाड़ा सोनारपट्टी क्षेत्र के लोगों के लिए करीब पचास लाख से अधिक की लागत से निर्मित योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी महिला एसएचजी को दी गयी।इनमें लगे मोटर में बार बार खराबी, बिजली बिल के अधिक होने आदि कारणों से इनका संचालन संभव नहीं हुआ। तीन साल से अधिक समय से रखरखाव न होने तथा बंद पड़े होने के कारण एचपीसीएल की परियोजना बेकार हो गयी हैं। गोपबंधुपल्ली के इस इलाके में अमृत योजना का पाइप कनेक्शन नहीं होने के कारण लोगों को अब पानी के लिए दूसरी बस्तियों में जाना पड़ रहा है।

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