राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खरीफ़ फसलों की तैयारी हुई आसान
1 min read- दुगुने उत्साह से किसान कर रहे हैं धान बोने की तैयारी
- गोलू कैवर्त बलौदाबाजार
आज एक कहावत सच होते नजर आ रही हैं। कहते है जो इंसान विपत्ति के समय में मदद करता है। वहीं इंसान जीवन का सच्चा साथी होता है।आज यह वाक्य प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के लिए चरितार्थ साबित हो रहा है। उनके नेतृत्व में किसानों के लाभ एवं मदद के लिए जिस दूरगामी सोच को लेकर पिछले वर्ष मई 2020 से जिस राजीव गांधी किसान न्याय योजना को प्रारंभ किया गया था। वह निश्चित ही अपने उद्देश्यों की ओर सफल हो रहा है। इस विपदा,लॉक डाउन की विषम परिस्थिति,कोरोना के संकट काल के बीच मे किसानों को धान के अंतर का राशि का मिलना एक बड़ी राहत प्रदान कर रहा है। राजीव गाॅधी किसान न्याय योजना के तहत् जिले के बलौदाबाजार विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पनगांव
निवासी किसान उमाशंकर डहरिया को पहली किश्त की राशि लगभग 8 हजार रुपये मिलने पर वह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया।
उमाशंकर डहरिया ने बताया कि वह वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन केन्द्र में 125 कट्टा लगभग 50 क्विंटल मोटा धान बेचा है। श्री डहरिया ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् लगभग 31 हजार से अधिक रूपये की सहायता राशि चार किश्तों में मिलेगी। जिसमें से प्रथम किश्त की राशि 7 हजार 9 सौ 87 रूपए मेरे बैंक खाते में आ गया है। उन्होंने आगें बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्राप्त सहायता राशि आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी की तैयारी करने में बहुत मदद मिलेगी। इस विषम परिस्थिति में खाद,बीज आदि की व्यवस्था करने में अब आसानी होगी।
उन्होंने बताया कि मेरे दो बेटे है जिनकी अभी शादी भी करनी है। इस पैसे के उपयोग से मुझें शादी के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाने की जरूरत नही पड़ेगी। इसी तरह एक अन्य किसान बलौदाबाजार विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम धवई निवासी राम लाल निषाद को पहली किश्त की राशि लगभग 1 हजार 580 रुपये मिलने पर वह राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। श्री रामलाल निषाद ने बताया कि वह वर्ष 2020 -21 में धान उपार्जन केन्द्र में 25 कट्टा लगभग 10 क्विंटल मोटा धान बेचें है। उन्होंने आगें बताया कि मुझे इस योजना के तहत लगभग 6 हजार से अधिक रूपये की सहायता राशि चार किश्तों में मिलेगी। जिसमें से प्रथम किश्त की राशि 1हजार 5 सौ 80 रूपए मेरे बैंक खाते में आ गया है। उन्होंने आगें बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्राप्त सहायता राशि आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी की तैयारी करने में सहायता मिल रही है। साथ ही इस विषम परिस्थिति में खाद,बीज आदि की व्यवस्था करने में भी बहुत मदद मिल रही है। इस राशि के उपयोग से मैं इस वर्ष खाद एवं बीज के लिए बैंक से ऋण नही ले रहा हूँ। जिससे मुझें आर्थिक रूप से मजबूत होने का एक अवसर मिल रहा है। उन्होंने आगें कहा कि इस बार मैं अपनें खेतों में रसायनिक खाद के बजाय गौठानों में बनें वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग करूँगा। जिससे मुझे अतिरिक्त खर्चा नही करना पडेगा। इसके साथ ही इस बार मै अपने खेतों के मेड़ो में अरहर लगाने का भी सोचा हूँ। जिससे अतिरिक्त आय का अर्जन होगा। उन्होंने बेहद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों की समस्याओं को समझा और लाॅकडाउन की इस कठिन परिस्थिति में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आर्थिक मदद देकर एक सच्चे साथी की भूमिका पूरी किया है।
गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत जिलें के 1 लाख 61 हज़ार किसानों के बैंक खातों में प्रथम किस्त के रूप में लगभग 109 करोड़ रुपये जमा हो गयी है। जो कि पिछले बरस से लगभग 11 हज़ार ज्यादा किसानों को इस योजना का फायदा मिल रहा है। पिछले साल जहाँ डेढ़ लाख किसान लाभान्वित हुए थे, वहीँ इस साल 1 लाख 61 हज़ार किसानों को लाभ हुआ है। राज्य सरकार ने इन किसानों से 6.69 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदी की है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को 9 हज़ार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। जिलें में 1.61 लाख किसानों को 401 करोड़ की इनपुट सब्सिडी दी जानी है। राज्य सरकार ने इसे 4 किश्तों में देने का फैसला किया है।