चंद्रयान-2 अभियान में वैज्ञानिकों की टीम में राउरकेला के तीन
एतिहासिक यात्रा में राउरकेला के दांपति की भूमिका की चर्चा
राउरकेला। चंद्रयान-2 अभियान में इसरो की वैज्ञानिकों की टीम में राउरकेला के एक दंपति वैज्ञानिक व समेत तीन वैज्ञानिक शामिल हुए हैं। इससे पूरा शहर स्वंय को गौरान्वित महसूस कर रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही शहर और आसपास के लोगों में खुशी का माहौल है।

लोगों का कहना है कि यह अभियान देश के लिए गर्व की बात है। आंचलिक इंजीनिरिंग कॉलेज वर्तामान एनआईटी से पास श्रीनिवास पंडा व उनके पत्नी संगीता दास 22 जुलाई क ो दोपहर दो बजकर 43 मीनट में श्रीहरिकोटा में ऐतिहासिक चंद्रयान दो का सफल प्ररिक्षेपण में श्रीनिवास पंडा के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम में थे। चंद्रयान में कठिन इंधन प्रस्तुत व उपलब्ध व्यवस्था को संपन्न किये थे। चंद्रयान में भारत का यह एतिहासिक यात्रा में राउरकेला के इस दांपति की भूमिका की चर्चा है। खबर मिलने पर पंडा दांपति को राउरकेला के लोगों ने शुभेच्छा दे रहे है। छेंड निवासी कृ ष्णा कुमारी पंडा व रमेश चंद्र पंडा के छोटे पुत्र व पुत्रवधु है। दोनों वैज्ञानिक विक्रम सारा भाई स्पेस रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक इंजीनियर के रूप में कार्यरत है। उल्लेखनिय है कि राउरकेला के और एक वैज्ञानिक बंडामुंडा में जन्मे व पले 54 वर्षीय शाम कुमार कानुनगो रेलवे के सेवानिवृत कर्मचारी एमआर कानुनगो के पुत्र हैं। चंद्रयान -दो का सफल प्ररिक्षेपण में वैज्ञानिक श्याम कुमार कानुनगो का अहम भूमिका है। एम टेक करने के बाद श्याम कुमार कानुनगो ने इसरो में शामिल हुए। इसरो द्वारा पांच नबंवर 2013 में मंगलयान का सफ ल प्ररिक्षेपण में श्याम कुमार कानुनगो शामिल थे। राउरकेला में रहने वाले उनके मित्र व सहपाठी उनको बधाई दे रहे हैं।
